मुलायम कुनबे में शुरू हुई रार अब बहुत आगे बढ़ गई है। इस बीच पूरी समाजवादी पार्टी दो खेमों में बंट गई है। अमर सिंह के मुलायमवादी होने के बाद अब पार्टी कार्यकर्ता या तो अखिलेशवादी हो गए हैं या फिर शिवपालवादी। समाजवादी पार्टी में आज समाजवादी कोई नहीं बचा है।
अखिलेश नहीं बचा सके अपने चहेतों कोः
- एक-दूसरे के टिकट काटने और बांटने का खेल भी तेज हो गया है।
- शिवपाल यादव की पहली ही लिस्ट में अखिलेश यादव के कई लोगों के विकेट गिर गए।
- मेरठ के अतुल प्रधान तक अपना टिकट नहीं बचा पाए।
- वे पार्टी के छात्र सभा के अध्यक्ष रह चुके है।
- उन्हें बीजेपी विधायक संगीत सोम के खिलाफ मैदान में उतारा गया था।
- मालूम हो कि अतुल प्रधान को सीएम अखिलेश का करीबी माना जाता है।
टीम अखिलेश के सपा दफ्तर में जाने पर लगी रोकः
इस बीच मुलायम कुनबे में मची कलह के दौरान सपा प्रमुख नेता जी के आवास के सामने नारेबाजी करने वाले युवा संगठनों के नेताओं को निष्कासित करने के साथ ही उनके समाजवादी पार्टी के विभिन्न कार्यालयों में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव के आदेश के बाद अब बर्खास्त युवा नेता सपा के फ्रंटल संगठनों के दफ्तर में भी नहीं आ सकेंगे।
- शिवपाल सिंह यादव ने सपा प्रदेश अध्यक्ष का पद संभालते ही सबसे पहले 18 सितंबर को प्रो. रामगोपाल के भांजे अरविंद यादव और पूर्व प्रधान अखिलेश कुमार यादव को पार्टी से निकाला था।
- उसके बाद अगले ही दिन शिवपाल ने अखिलेश के कई करीबियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया।
- शिवपाल ने युवा ब्रिगेड के नेताओं की बर्खास्तगी के बाद हाल ही में फ्रंटल संगठनों के दफ्तर का दौरा किया था।
- यहां शिवपाल ने कुछ नेताओ से मुलाकात की और कर्मचारियों का हाल चाल लिया।
- इसके बाद उन्होंने निर्देश दिया कि निष्कासित युवा नेताओं को दफ्तर में ना आने दिया जाए।
- प्रदेश अध्यक्ष ने इन नेताओं के दफ्तर में आने, बैठने या मीटिंग करने पर रोक लगा दी है।
- सपा अध्यक्ष ने नेताजी के घर पर हुई नारेबाजी में शामिल अन्य कई नेताओं के कार्यालय में रुकने पर रोक लगा दी है।
- बताया जा रहा है कि नारेबाजी में शामिल ज्यादातर नेताओं को नोटिस भेजा जा चुका है।
- नारेबाजी में शामिल नेताओं से जवाब मांगा गया है कि क्यों ना उन पर एक्शन लिया जाए?
अखिलेश के नेतृत्व में लड़ा जायेगा यूपी विधानसभा चुनाव- शिवपाल
कई और युवा नेता हैं शिवपाल के निशाने परः
- शिवपाल ने कुछ और नेताओं की वीडियो फुटेज मंगवाई है।
- इन सभी की लिस्ट भी तैयार की जा रही है।
- वीडियो फुटेज में 50 से अधिक नेताओं को चिह्नित किया गया है।
- अभी जिन नेताओं को नोटिस जारी किया गया है, उनका जवाब भी पार्टी को नहीं मिला है।
- जवाब मिलने के बाद इन सभी पर एक्शन लिया जा सकता है।
अखिलेश, रामगोपाल ने की वापसी की वकालतः
- इससे पहले सीएम अखिलेश यादव और प्रो. राम गोपाल यादव ने बर्खास्त युवा नेताओं को लेने की मांग रखी थी।
- मेगा कॉल सेंटर के उद्घाटन पर अखिलेश ने कहा था कि युवा नेताओं की पार्टी में वापसी होनी चाहिए।