यूपी चुनाव के पांचवे चरण में अमेठी में भी चुनाव हो रहा है. अमेठी की सीट पर 27 फ़रवरी को मतदान होना है. अमेठी की सीट पर रानी अमिता सिंह और गरिमा सिंह के सामने एक बीपीएल कार्ड धारक खड़ा है. बीपीएल कार्ड धारक का मतलब गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों से होता है. इस बीपीएल कार्ड धारक प्रत्याशी के लिये लिए सूबे के मुख्यमंत्री ने भी जमकर पसीना बहाया है. अखिलेश यादव ने इस प्रत्याशी के लिए सभाएं की हैं.
जानते हैं इस बीपीएल कार्ड धारक प्रत्याशी के बारे में:
अमेठी की चर्चित सीट पर दो रानियां अमिता सिंह और गरिमा सिंह चुनावी मैदान में हैं. दोनों अलग-अलग दलों से चुनाव लड़ रही हैं. खास बात ये है कि गठबंधन के बावजूद यहाँ सपा-कांग्रेस के प्रत्याशी मैदान में हैं. सपा ने गायत्री प्रजापति को अपना उम्मीदवार बनाया है. ये वो नाम है जिसके कारण चंद महीने पहले सपा में संग्राम शुरू हुआ था.
मामला था यूपी में अवैध खनन का, जब हाईकोर्ट ने अवैध खनन को लेकर यूपी सरकार की फटकार लगाई तब कुछ दिनों बाद अखिलेश यादव ने गायत्री प्रजापति को बर्खास्त कर दिया। हालाँकि मुलायम सिंह यादव द्वारा बीच-बचाव करने के बाद अखिलेश ने इन्हें दुबारा मंत्री बनाते हुए कैबिनेट में शामिल कर लिया। लेकिन यूपी सरकार का ये चर्चित मंत्री 2002 के बीपीएल कार्ड धारक है, ये जानकर हैरानी तो होती ही है.
गायत्री प्रजापति की संपत्ति:
जानकारी के अनुसार, गायत्री प्रजापति ने 2002 में जो हलफनामा दिया था उसमें कुल संपत्ति 91,436 बताई गई थी। गायत्री प्रजापति ने प्रॉपर्टी डीलर का काम भी किया। 2012 में जीत के बाद 28 जुलाई 2013 को गायत्री प्रजापति को सपा सरकार में खनन मंत्री बना दिया गया, जिसके बाद से ही मिट्टी को सोना बनाने का खेल खेलने का आरोप भी इनके ऊपर है. 2012 विधानसभा चुनाव में हलफनामे में उन्होंने कुल संपत्ति 1.81 करोड़ रुपये बताई थी, जिसपर लोकायुक्त से शिकायत की गई और उनकी कुल संपत्ति 942.57 करोड़ बताई गई।
मुलायम रहे मेहरबान:
फरवरी 2013 में गायत्री प्रजापति को सिंचाई राज्य मंत्री बनाया गया. मुलायम सिंह यादव की मेहरबानी के बाद इन्हें जुलाई में स्वतन्त्र प्रभार खनन मंत्री पद भी दे दिया गया. गायत्री को जनवरी 2014 में कैबिनेट मंत्री बनाया गया. लेकिन जब हाईकोर्ट ने यूपी के 20 जिलों में खनन विभाग में अनिमियताओं को लेकर सीबीआई जांच के आदेश दिए. तब मामला ज्यादा ही गर्म हो गया. बुंदेलखंड के कई इलाकों में अवैध खनन का कारोबार फलता-फूलता रहा है.
अखिलेश यादव ने किया गायत्री के लिए प्रचार:
अखिलेश यादव ने अमेठी में गायत्री प्रजापति के लिए वोट माँगा। सुलतानपुर से शुरू हुए चुनाव प्रचार में गायत्री के साथ अखिलेश मंच पर मौजूद थे लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बलात्कार मामले में अखिलेश यादव के इस चहेते मंत्री पर मुकदमा दर्ज हुआ तब सीएम अखिलेश ने कानून अपना काम करेगा कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश किया।
अमेठी से शुरू हुई सियासी सफ़र की शुरुआत:
1993 में गायत्री प्रजापति ने अमेठी विधान सभा सीट से बहुजन क्रांति दल के प्रत्याशी के तौर पर राजनीति में कदम रखा.लेकिन गायत्री मात्र 1526 वोट पा सके। 1996 और 2002 विधान सभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले गायत्री को दोनों ही मौकों पर तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा। 2007 में सपा ने इनका टिकट काट दिया। लेकिन गायत्री प्रजापति ने 2012 में अमेठी से तीन बार की विधायक और राजघराने की अमीता सिंह को 8 हजार से अधिक वोटों से हराकर ये सीट सपा की झोली में डाल दी.
अवैध खनन कराने का है संगीन आरोप:
गायत्री प्रजापति पर अवैध कब्जे, आय से अधिक संपत्ति और अवैध खनन के अलावा बलात्कार और यौन उत्पीड़न का मामला भी दर्ज है. गायत्री मुलायम सिंह के काफी करीबी रहे हैं. कभी शिवपाल यादव के करीबी माने जाने वाले गायत्री अब अखिलेश के चहेते बन गए हैं. लेकिन गायत्री प्रजापति कभी बीपीएल कार्ड धारक भी रहे हैं. गायत्री प्रजापति के पास आज अरबों की संपत्ति और बीएमडब्लू सहित कई लग्जरी गाड़ियां हैं. बीपीएल कार्ड धारक के रूप में गलत तरीके से सुविधाएँ लेना का आरोप भी गायत्री प्रजापति पर है.
बीपीएल कार्ड धारक के रूप में उठाया फायदा:
गायत्री प्रजापति पर बीपीएल कोटे की सुविधाएं लेने का भी आरोप है. यही नहीं गायत्री प्रजापति पर अपनी बेटी को कन्या विद्या धन की राशि गलत तरीके से दिलाने का आरोप भी है। इसके अलावा बेटे अनुराग प्रजापति पर अमेठी में सरकारी जमीन हड़पने के साथ ही एक महिला के अपहरण का भी आरोप लगा था।
यौन उत्पीड़न मामले में लगा ‘पॉक्सो एक्ट’:
गायत्री पर हाल ही में एक महिला ने बलात्कार और उसकी बेटी का यौन शोषण करने का आरोप भी लगा है. इस मामले में पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई तब जाकर गायत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में मुक़दमा दर्ज हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश के बाद गौतमपल्ली थाने में मंत्री गायत्री प्रजापति पर मुकदमा दर्ज हुआ था. आईपीसी की धारा 511 504, 506 के 3/4 और 376-D के अलावा गायत्री प्रजापति पर ‘पॉक्सो एक्ट’ के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया.