समाजवादी पार्टी में मचे अंतरकलह के बीच शिवपाल यादव बुधवार को दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने समाजवादी विचार धारा के लोगों को पार्टी के रजत जयंती समारोह में शामिल होने का निमंत्रण दिया। इसके साथ ही अखिलेश के ‘एकला चलो रे’ के उलट विचारधारा पर अमल करने हुए उन्होंने संकेत दिया कि बिहार की तर्ज पर यूपी में भी महागठबंधन के प्रयास किये जाएंगे। शिवपाल को भरोसा है कि महागठबंध के जरिये वह सपा प्रमुख के सामने अपनी राजनैतिक अहमियत साबित कर पायेंगे।
- दिल्ली में शिवपाल ने विभिन्न दलों के नेताओं को रजत जयंती समारोह में आने का निमंत्रण दिया और गठबंधन की संभावना भी तलाशीं।
- सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया अजीत सिंह से मुलाकात और गठबंधन पर बात दोनों नेताओं के बीच हुई।
- अजित और शिवपाल के बीच नजदीकी नयी नहीं है। अजीत सिंह को पुराना समाजवादी माना जाता है।
- पिछले राज्यसभा चुनाव में भी रालोद का वोट सपा उम्मीदवार के पक्ष में दिलाने में शिवपाल की भूमिका अहम थी।
- शिवपाल ने यहां जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव के साथ करीब आधे घंटे तक बैठक की।
- इससे पहले उन्होंने जदयू महासचिव केसी त्यागी से मुलाकात कर उन्हें रजत जयंती का न्यौता दिया।
- इसके बाद कांग्रेस और अन्य पार्टियों के नेताओं से भी शिवपाल ने मुलाकात की।
- शिवपाल की कोशिश है कि यूपी चुनाव से पहले देवगौड़ा, अजीत सिंह नीतीश और लालू को साथ लाकर महागठबंधन बनया जाए।
- वहीं सूत्रों का कहना है कि कि सपा को कांग्रेस को साथ लाने में भी गुरेज नहीं है।
- ये बात साफ है कि शिवपाल इस महागठबंधन के सूत्रधार बनने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।
समाजवादी पार्टी- ‘महाभारत’ से ‘महागठबंधन’ की ओर!
रामगोपाल को बताया दोषीः
- इस बार यूपी में यही कोशिश रहेगी कि समान विचारधारा वाली पार्टियों को एक साथ लाया जाए।
- शिवपाल ने रामगोपाल यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के वक्त भी मैंने यही कोशिश की थी।
- लेकिन रामगोपाल ने सीबीआई के डर से उसे नाकाम कर दिया था।
- शिवपाल ने एक बार फिर बिहार में महागठबंधन तोड़ने का ठीकरा रामगोपाल के सिर फोड़ा।