उत्तर प्रदेश चुनाव के चार चरण समाप्त हो चुके हैं. 5वें चरण में चुनाव 27 फ़रवरी को होंगे. 11 जिलों की इन सीटों पर ये मतदान होंगें जहाँ कई दिग्गजों को इम्तहान से गुजरना पड़ेगा. पूर्वांचल में पहुंच चुके मतदान के लिए सभी दलों ने कमर कस ली है.
बलरामपुर, गोंडा, फैजाबाद, अम्बेडकर नगर, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संत कबीरनगर, अमेठी और सुल्तानपुर में मतदान 27 फ़रवरी को होंगे.
इस चरण में वरुण गांधी, राहुल गांधी, स्मृति ईरानी, जगदंबिका पाल और माता प्रसाद पांडेय जैसे दिग्गजों की साख दांव पर है. अमेठी की चार सीटों पर स्मृति ईरानी और राहुल गाँधी की नजरें जीत-हार पर रहेगी।
गाँधी परिवार के सामने ईरानी:
लोकसभा चुनाव 2014 में ये सीट कांग्रेस के पास थी. जबकि 2012 विधानसभा चुनाव में 2 पर कांग्रेस और 2 पर सपा का कब्ज़ा था. वहीँ गायत्री प्रजापति के लिए भी अमेठी चुनौती बनी हुई है. अवैध खनन के आरोप के बाद इनपर बलात्कार का आरोप भी लगा है. अखिलेश यादव भी इस चुनाव में गायत्री के लिए वोट मांगते रहे हैं. यहाँ के चुनाव परिणाम पर अखिलेश यादव की नजरें भी रहेंगी.
वरुण गाँधी के इलाके में भाजपा की परीक्षा:
वहीँ वरुण गाँधी परीक्षा भी हो रही है. हालाँकि वरुण गाँधी को पार्टी ने स्टार प्रचारकों की लिस्ट से निकाल दिया है. गांधी परिवार के ही दूसरे नेता वरुण गांधी की प्रतिष्ठा भी इस चरण में होने वाले चुनाव से जुड़ी है. वरुण के संसदीय क्षेत्र की पांच सीटें दाव पर लगी हैं. 2012 के चुनाव में सपा ने इन सीटों पर कब्ज़ा किया था, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनावों में बाजी बीजेपी ने मार ली और इन पांचों सीट पर बीजेपी को अच्छी-खासी बढ़त मिली थी. अब ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि वरुण गाँधी का चुनाव प्रचार में ना रहना कितना असर डालेगा.
अयोध्या की जंग:
पांचवे चरण में सबकी नजरें फैजाबाद यानि अयोध्या पर भी जमी हुई हैं. कभी बीजेपी के लिए अयोध्या आन-बान और शान का मुद्दा हुआ करता था. राम मंदिर के मुद्दे को उठाकर बीजेपी ने एक समय हवा का रुख अपने पक्ष में कर लिया था लेकिन बदलते वक्त के साथ बीजेपी ने अयोध्या के मुद्दे को भुला दिया.
फैज़ाबाद जिले की पांचों सीट पर 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी आगे रही थी. लेकिन बीजेपी जिसे अपने लिए सम्मान का मुद्दा मानती थी, वहां सपा ने अपना झंडा फहराते हुए 5 में से 4 सीटों पर जीत दर्ज की. रूदौली की एक सीट से ही बीजेपी को संतोष करना पड़ा था. इस चुनाव में बीजेपी के लिए इन सीटों पर वापसी करना आसन नहीं होगा.
विधानसभा स्पीकर की प्रतिष्ठा भी दांव पर:
बीजेपी सांसद जगदम्बिका पाल और यूपी विधानसभा स्पीकर माता प्रसाद पांडेय की प्रतिष्ठा भी दाव पर है. लोकसभा चुनाव में 5 सीटों में से 4 पर बीजेपी को बढ़त थी. जबकि एक सीट पर बसपा आगे थी. लेकिन 2012 विधानसभा चुनाव में यहाँ की तीन सीटों पर सपा का कब्ज़ा रहा था. माता प्रसाद भी इसी क्षेत्र से जीते थे. जबकि अन्य दो पर बीजेपी तथा पीईसीपी को जीत हासिल हुई थी.
51 सीटों पर होगा चुनाव:
आलापुर की सुरक्षित सीट से सपा प्रत्याशी चंद्रशेखर कनौजिया की मौत के बाद यहाँ अब चुनाव 9 मार्च को होंगे. इस लिहाज से अब कुल 51 सीटों पर ही 27 फ़रवरी को मतदान होगा.
2012 विधानसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर 51 में से सपा को 36, बीजेपी को 5, कांग्रेस को 5, बसपा 3 जबकि पीईसीपी को 2 सीटों पर जीत हासिल हुई थी.