उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश की राजनीति में राम मंदिर का मुद्दा एक बार फिर से मुखर हो गया है, एक समय चुनावी दौर में राम मंदिर का मुद्दा सिर्फ भारतीय जनता पार्टी द्वारा ही अपनाया जाता था। वहीँ इस बार अन्य राजनैतिक दलों ने भी राम नाम का जाप शुरू कर दिया है।
भाजपा, सपा और कांग्रेस के बीच बंटे ‘राम’:
- यूपी का विधानसभा चुनाव हमेशा से कौतुहल का का विषय रहता है।
- वहीँ इस बार के चुनाव से पहले एक बार फिर सूबे की राजनीति में राम नाम की सियासत शुरू हो गई है।
- चुनाव से पहले भाजपा, सपा और कांग्रेस ने राम नाम की धुनी रमाने की शुरुआत कर दी है।
- गौरतलब है कि, बीते कई सालों से राम और राम मंदिर के मुद्दे पर भाजपा का एकाधिकार रहा है।
- वहीँ इस चुनाव से ठीक पहले सपा और कांग्रेस भी राम की शरण में पहुँच चुके हैं।
भाजपा रामायण म्यूजियम और सपा थीम पार्क:
- यूपी के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने अयोध्या में रामायण म्यूजियम बनाने की घोषणा की है।
- वहीँ सपा ने अयोध्या में इंटरनेशनल थीम पार्क बनवाने का ऐलान किया है।
- कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गाँधी भी किसान यात्रा के तहत अयोध्या पहुंचे थे।
- गौरतलब है कि, राहुल गाँधी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पहले ऐसे नेता हैं, जो राजीव गाँधी के बाद अयोध्या गए थे।
चुनावी संकट की घड़ी में ‘राम’ का सहारा:
- यूपी के चुनाव से पहले प्रदेश की तीन बड़ी पार्टियों को राम की याद आ गयी है।
- एक ओर हर चुनाव में राम मंदिर के मुद्दे पर वोट खींचने वाली भाजपा ने भी,
- कई सालों के लॉलीपॉप के बाद राम जी को रामायण संग्रहालय का झुनझुना पकड़ा दिया है।
- वहीँ समाजवादी सरकार हर चुनाव में मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करती है,
- लेकिन मौजूदा माहौल को देखते हुए, सीएम ने थीम पार्क को घोषणा कर वोटबैंक को रिझाने की कोशिश की है।
- राहुल गाँधी ने प्रयास किया लेकिन उसे भुना नहीं पाए।
- देवरिया से दिल्ली तक की किसान यात्रा में राहुल एक दिन अयोध्या भी पहुंचे, लेकिन विवादित मंदिर वाले स्थान पर नहीं गए।
- ऐसे में ये कहना मुश्किल है कि, अगर हिन्दू वोटबैंक को खुश करने के लिए राहुल अयोध्या गए, तो किस वोटबैंक की नाराजगी के चलते मंदिर परिसर में नहीं गए।
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