समाजवादी पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किए गए प्रो. रामगोपाल यादव की 25 दिन बाद गुरुवार को पार्टी में वापसी हो गई। हालांकि इस वापसी से पहले भी रामगोपाल ने राज्यसभा में सपा का पक्ष रखा था, जिसके उनकी वापसी को महज औपचारिकता ही माना जा रहा था। रामगोपाल की वापसी के बाद से ही बर्खास्त युवा नेताओं की उम्मीदें भी बंध गयी थी और आखिर आज वह दिन आ ही गया जब कठोर हुए मुलायम एक बार फिर नरम पड़ गये। कुछ दिन पहले रामगोपाल ने इटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेस बुलाई थी, जिसमें उनके दिल का दर्द आंखों के रास्ते बाहर छलक आया था।
- सपा सूत्रों का कहना है कि रामगोपाल ने खुद पहल करके मुलायम यादव से फोन पर बात की थी।
- साथ ही पारिवारिक दवाब के चलते मुलायम ने रामगोपाल को वापस लेने का फैसला लिया।
- मुलायम ने रामगोपाल को सिर्फ पार्टी में वापस ही नहीं लिया, बल्कि उनका पद और कद भी बरकरार रखा।
रामगोपाल ने की पहलः
- 14 नवंबर को रामगोपाल ने इटावा में प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी।
- मीडिया के सामने नम आंखों के साथ रामगोपाल ने अपनी बात रखी।
- तो सार्वजनिक रूप से भावुक होने की यह खबर मुलायम तक भी पहुंची।
- 16 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र से पहले रामगोपाल के शुभचिंतकों ने उन्हें मुलायम से बात करने का मैसेज पहुंचाया।
- सत्र शुरू होने से पहले ही 15 नवंबर को रामगोपाल ने मुलायम से फोन पर बात की।
- सूत्रों का कहना है कि मुलायम ने रामगोपाल से राज्यसभा में सपा का पक्ष रखे जाने के बारे में पूछा।
- जिसपर रामगोपाल ने कहा कि मैं जन्म से ही समाजवादी हूं, बाकी आपका आदेश।
- इसके बाद रामगोपाल ने राज्यसभा का पक्ष रखा।
- ऐसा करते ही पूरा विपक्ष समाजवादी पार्टी पर हमलावार हो गया और कई सवाल उठने लगे।
- 17 नवंबर को मुलायम ने उनकी पार्टी में वापसी का पत्र जारी कर दिया।
- रामगोपाल की आंखों में आये आंसूओं ने मुलायम के दिल को पिघला दिया।
- फिलहाल पार्टी में सब कुछ सामान्य होता हुआ दिखाई दे रहा है।