यूपी के बहराइच जिला में पुलिस का काला कारनामा सामने प्रकाश में आया है। यहां की दरगाह थाने की पुलिस पर एक निर्दोष व्यक्ति को गोली चलाने के आरोप में फंसाकर उसे गिरफ्तार करने का आरोप स्थानीय लोगों ने लगाया है। लोगों का आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित को गिरफ्तार कर उसे रिमांड पर लेकर जो असलहे की पीड़ित की निशानदेही पर बरामदगी दिखाई है वो फर्जी है। आरोप है कि एक पुलिसकर्मी सादे कपड़े पहन कर उस स्थान पर गया जो तमंचा छिपा रहा था। लोगों ने पुलिसकर्मी को दौड़ा लिया और तमंचा छीनने का प्रयास किया। इस दौरान सिपाही ने थाने पर फोन करके पुलिस बुलाई तो एक अधिवक्ता और थानेदार की तीखी बहस भी हुई। पुलिस के साथ सड़क पर कहासुनी होती देख लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई। इस पूरी घटना का एक व्यक्ति ने वीडियो बना लिया। हालांकि इस मामले में जिम्मेदार कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।
रंगे हाथ लोगों ने सिपाही को पकड़ा तो हुआ हंगामा
पुलिस के कारनामे फिर एक बार जनता के सामने काले सच के रूप में सामने आए। पुलिस जो हमेशा जनता की सेवा करने का दम भरती है। वही खाकी वर्दी अब निर्दोषों को फंसाने का काम कर रही है। पहले निर्दोष व्यक्ति को फंसाकर कानून के दांव पेच में मुजरिम बनाया जाता है। उसके बाद कोर्ट में रिमांड की मांग की जाती है। इतने के बावजूद भी खाकी का कहर रुकने का नाम ही नहीं ले रहा। निर्दोष व्यक्ति को बरामदगी की दिखाने के लिए पहले 4 घंटे लॉकअप में रखा जाता है। उसके बाद सिविल ड्रेस में या यूं कहिए कि आम जनता की पोशाक पहन कर यह खाकी वर्दी वाले अवैध रूप से असलहा की बरामदगी दिखाते हैं। लेकिन इस बार रंगेहाथ खाकी वर्दी वाले जनता के हाथ चढ़ गए।
अपनी गाड़ी से तमंचा छिपाने पहुंचा था सिपाही
मामला बीते कुछ दिनों पहले का थाना दरगाह शरीफ का है। यहाँ पर सलारगंज चौकी क्षेत्र में गोली चलने की घटना घटी थी। आरोप है कि इस घटना में निर्दोष को फंसाया गया। फिर पुलिस ने पीड़ित के खिलाफ 307 का मुकदमा कायम किया। इसके बाद रिमांड पर लिया। फिर उसी व्यक्ति को कानूनी दांव पेच में मुजरिम बनाने के लिए शनिवार सुबह करीब 11:30 से 12:00 के बीच सलारगंज चौकी के सिपाही आशुतोष बाजपेई ने साजिश रची। आरोप है कि सिपाही शादी पोशाक में अपनी गाड़ी में अल्लाह छिपाकर झींगा घाट में कूड़े के ढेर में छिपाने के लिए पहुंचा था। लेकिन मौके पर ग्रामीणों को शक हो गया। इस पर ग्रामीण आक्रोशित हो गए। मौके की नजाकत को देखते हुए जो थाना दरगाह मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया। यह भी कहा यदि आशुतोष बाजपेई इस प्रकार की संगीन घटना में लिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ प्रशासनिक सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी या हो सकता है उनको निलंबित भी कर दिया जाए।
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