बाराबंकी: एक ओर जहां यूपी पुलिस ऑपरेशन क्लीन के जरिये वाहवाही लूट रही है, वहीं आम जनता की सुरक्षा का दावा करने वाली पुलिस की बर्बरता देखने को मिला है। मामला बाराबंकी का है जहां थाना सुबेहा में तैनात एक दारोगा का बेहद संवेदनहीन चेहरा सामने आया है। आरोप है कि दारोगा ना सिर्फ अवैध वसूली कर रहा है बल्कि पैसे ना देने पर मारपीट भी कर रहा है।
क्या है मामला-
सीएम से की गई शिकायत के अनुसार बाराबंकी के पड़ोसी जनपद अमेठी के गाँव पूरे अजीटन खालिश बाहरपुर निवासी अयोध्या प्रसाद पासी पुत्र रमेशर पासी यूकेलिप्टस लकड़ी को लेकर फर्नीचर बनवाने के लिए इन्हौना ले जा रहा था। आरोप है कि इसी बीच रास्ते में सराय गोपी चौकी के पास सुबेहा थाने में तैनात दारोगा सर्वदमन सिंह ने उन्हें रोक लिया और रुपये की मांग करने लगे। रुपये न देने पर खुन्नस खाये दारोगा ने बिना कुछ बताये ही बर्बरता से पिटाई करने लगे।
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जबकि पीड़ित दरोगा के आगे हाथ पांव जोड़ता रहा लेकिन दारोगा ने उसकी एक नहीं सुनी दारोगा ने उसको डंडो से इतना पीटा की वह गंभीर रूप से घायल होने के बाद गिर पड़ा। यही नहीं आरोप है कि उक्त दरोगा ने मजदूर के नाजुक अंग पर पैर दे मारा। सरेबाज़ार दारोगा की इस कृत्य को देखने के बाद लोगों में दहशत फैल और लोग इधर उधर भागने लगे। मजदूर अयोध्या प्रसाद के घायल होने की सूचना परिजनों को मिली तो उन्होंने उसको अस्पताल में भर्ती कराया।
इस बात को लेकर खुन्नस खा गया दरोगा-
वहीं दूसरी ओर इस बारे में जब अयोध्या प्रसाद के परिजनों से बात की गई तो उन्होंने बताया की ट्रैक्टर पर लदी लकड़ी की एवज में दारोगा ने रिश्वत की मांग की थी। जो अयोध्या प्रसाद ने देने से मना कर दिया था इसी बात को लेकर दारोगा जी खुन्नस खा गये।
गरीब मजबूर-मजलूम पर ताकत आजमा रही पुलिस-
क्षेत्रीय लोगो का कहना है कि योगी सरकार भले ही पुलिस महकमे को सुधारने में एड़ी से चोटी तक का जोर लगा ले लेकिन कुछ पुलिसकर्मी हैं जो सरकार की सारी कोशिशों पर पलीता लगाने में जरा सा भी संकोच नहीं कर रही है। वही दूसरी ओर बाराबंकी पुलिस अपराध रोकने में तो नाकाम है, लेकिन गरीब मजबूर और मजलूमों पर अपनी ताकत दिखने में पीछे नहीं है।
आरोप असत्य और निराधार-
वही जब इस मामले को लेकर सुबेहा थाने में तैनात दारोगा सर्वदमन सिंह से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उक्त आरोप और निराधार है।