भले ही उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं की सुरक्षा का दावा कर रहे हों लेकिन लगातार महिलाओं की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों पर ही आरोप लग रहे हैं। ताजा मामला इटावा जिला का है, यहां चोरी की शिकायत करने गई एक महिला ने पुलिसकर्मियों पर थाने के भीतर छेड़छाड़, अश्लीलता और साड़ी खींचने का आरोप लगाया है।
महिला का आरोप है उसने चोरी की शिकायत 100 नंबर डायल करके पुलिस को दी। पुलिस ने उसे और उसकी मां को पूछताछ के लिए थाने में बुलाया। आरोप है कि थाने में बिना महिला सिपाहियों के थाना प्रभारी और एक एसआई ने रात में उसे थाने के भीतर कमरे में हाथ पकड़कर छेड़छाड़ की और गलियां देते हुए उसकी साड़ी खींची। इसकी शिकायत उसने SSP से की तो उसके घरवालों को थाने में बंद करके बेरहमी से पीटा और शांति भंग में चालान कर दिया।
पीड़िता करीब 1 महीने से न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। लेकिन उसकी कोई सुनने वाला नहीं। यहां तक कि जनता दरबार में भी पीड़िता की कोई समस्या नहीं सुनी गई। आरोप है कि सिर्फ उसके मोबाइल पर एक एप्प इंस्टॉल कर दिया गया। उसमें शिकायत इधर से उधर ट्रांसफर करने की बात कही जा रही है। जबकि पीड़िता आईजी रेंज के कार्यालय में भी अपने बयान दर्ज करा चुकी है।
महिला ने सोशल मीडिया पर पोस्ट की शिकायत
जानकारी के मुताबिक, इटावा जिला के फ्रेंड्स कॉलोनी थाना क्षेत्र के शांति कॉलोनी में रहने वाली एक महिला अपने परिवार के साथ रहती है। उसका पति परचून की दुकान चलाता है। पीड़िता ने फेसबुक और ट्विटर पर पोस्ट की गई शिकायत में कहा है कि मुख्यमंत्री आप नारी सम्मान के लिए कटिबद्ध है। आपकी पुलिस के द्वारा मेरी मेरी मां के साथ आधी रात थाने में बैठा कर मारपीट में छेड़छाड़ की गई व मेरी मर्यादा सम्मान को भंग किया गया है। जिसके संबंध में वह जनता दरबार में गई वहां भी उसे न्याय नहीं मिला। डीजीपी SSP इटावा को अपनी पीड़ा फरियाद में बताई परंतु आज तक दोषी पुलिसकर्मी भोलू सिंह भाटी (एसओ) हरदीप सिंह SI थाना फ्रेंड्स कॉलोनी खुलेआम घूम रहे हैं और मुझे मेरी मां को बराबर धमकियां दे रहे हैं।
पिछले महीने की है घटना
पीड़िता का कहना है कि यह घटना 12 मार्च 2018 की है। पीड़िता ने बताया कि सुबह उसके घर में किराए पर रहने वाली कांति यादव उर्फ पिंकी यादव ने करीब 2 लाख रूपये के गहने चोरी कर लिए। इसकी शिकायत पीड़िता ने 100 नंबर डायल करके पुलिस को दी। आरोप है कि पुलिस पीड़िता को थाने में उठा ले गई। उसके साथ उसकी मां को भी थाने लाया गया। आरोप है कि यहां बिना महिला पुलिसकर्मियों के थाना प्रभारी ने एक सब इंस्पेक्टर के साथ उसके साथ छेड़छाड़ की। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने उसकी साड़ी भी खींची। एसपी से शिकायत करने पर पुलिस उसके चाचा और भाई को उठा लाई।
थाने के भीतर पिटाई का आरोप
आरोप है कि इन लोगों को पुलिसकर्मियों ने बेरहमी से पीटा। जिससे उनके शरीर में बहुत गहरी चोट आई। पीड़िता का कहना है कि 23 मार्च और 9 अप्रैल को वह एसएसपी से मिली। 26 मार्च को बयान भी दर्ज किया गया। महिला आईजी के पास गई वहां भी उसने बयान दर्ज करवाया। जनता दरबार में उसके मोबाइल में एक एप्प इंस्टॉल कर दिया गया। इसमें उसकी शिकायत की कार्यवाही दिखाई जाती है। जांच सीओ के पास ट्रांसफर की गई। आरोप है कि सीओ ने 19 तारीख को ही जांच रिपोर्ट लगा दी और फोन करके 20 तारीख को बुलाया। फिलहाल पीड़िता न्याय के लिए दर-दर भटक रही है, उसे न्याय नहीं मिल रहा है।
पुलिस ने कहा दहेज उत्पीड़न का मामला, पुलिस पर आरोप फर्जी
इस संबंध में थाना प्रभारी फ्रेंड्स कॉलोनी भोलू सिंह भाटी से बात की गई लेकिन वह छुट्टी पर थे। उनकी जगह कार्यभार देख रहे इन्स्पेक्टर नेत्र पाल सिंह ने बताया कि महिला के का आपसी विवाद है। महिला का उसकी भाभी के साथ दहेज़ उत्पीड़न का मामला कोर्ट में चल रहा है। घटना वाले दिन वह नाइट ड्यूटी पर थे। दोनों पक्ष दिन में कोर्ट आये हुए थे। यहां दोनों के बीच किसी बात को लेकर विवाद हुआ। तभी किसी वकील ने महिला को सलाह दे दी कि तुम चोरी डकैती का आरोप लगा दो।
महिला वकीलों के बहकावे में आ गई और रिपोर्ट दर्ज करा दी। पुलिस ने मामले की जांच की तो घटना फर्जी थी। इसके बाद फिर एक वकील ने सलाह दी कि छेड़छाड़ का आरोप लगा दो। महिला ने फिर वकील की बात मानी और प्रार्थनापत्र देकर आरोप लगा दिए। महिला ने ये प्रार्थनापत्र सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया। इसका पुलिस ने संज्ञान लिया और मामले की जांच की तो एक पक्ष द्वारा छेड़छाड़ की गई थी। जांच में दोषी पाए जाने पर पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत आरोपी पक्ष को जेल भेज दिया। अब महिला वकीलों के कहने पर पुलिसकर्मियों पर मनगढंत आरोप लगा रही है।