उत्तर प्रदेश मे भाजपा की योगी सरकार मे लालची थानाध्यक्ष ने नाबालिग छात्रा को बरामद करने के लिए पीड़ित बाप से ही हजारों रुपए की रिश्वत वसूली है। बताया गया कि रिश्वतखोर थानाध्यक्ष ने आरोपियों से भी लाखों रुपए वसूले हैं। थाना जहानगंज के ग्राम माझी झांसी निवासी पीड़ित परसराम शाक्य पुलिस की रिश्वतखोरी के शिकार हुए हैं। जिन्होंने कर्जा लेकर थानाध्यक्ष को बेटी को बरामद करने के लिए 25 हजार रूपये दिए हैं। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए एसपी अतुल शर्मा ने थाना जहानगंज एसओ बीरपाल तोमर को निलंबित कर दिया है। एसपी ने आरोपी एसओ के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के मुताबिक मामला जहानगंज थाना क्षेत्र का है। यहां परशुराम की छोटी 14 वर्ष की बेटी का 5 फरवरी को सुनियोजित ढंग से अपहरण किया गया। परशुराम ने 13 फरवरी को गांव कोरी खेड़ा निवासी आरिफ उसके पिता इसरार मां एवं भाई के विरुद्ध पुत्री के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज कराई। डीपीएस इंटर कॉलेज में हाई स्कूल की छात्रा 5 फरवरी को सुबह 7 बजे घर से प्रवेश पत्र लेने की बात कह कर गई थी। पुत्री के बरामद न होने तथा आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर पीड़ित परशुराम ने 19 मई को एसपी को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया कि आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
पुत्री को भगाने में ग्राम कोरी खेड़ा निवासी आदित्य पुत्र मनोज एवं जनपद कन्नौज कोतवाली छिबरामऊ के ग्राम लखीराम नगला निवासी कश्मीर अमित पुत्रगण रूपलाल का भी हाथ है। परशुराम ने आरोप लगाया कि मेरी शिकायत पर पुलिस ने इन लोगों से पूछताछ की तो उन्होंने पुत्री के अपहरण में सहयोग करना स्वीकार किया इसके बावजूद पुलिस ने उन लोगों को छोड़ दिया। परशुराम ने आरोप लगाया कि पुलिस मदद करने के कारण आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। पीड़ित परशुराम बेटी को बरामद करने के लिए चार माह से थाने के चक्कर लगाकर एसओ वीरपाल सिंह तोमर के सामने गिड़गिड़ा रहा है।
जब एसओ ने परसराम पर रुपए देने का दबाव बनाया तो परशुराम ने कर्जा लेकर दो बार में 10-10 हजार तथा बीते दिन ही बेटे अनिल के साथ थाने जाकर थाना ध्यक्ष वीरपाल सिंह तोमर के आवास में 5 हजार रूपये दिए हैं। तीसरी किस्त मिल जाने पर एस ओ ने लड़की को बरामद करने का वादा किया है। एसओ के द्वारा रुपए लिए जाने का वीडियो बनाया गया है। वीडियो के आधार पर एसपी ने कार्रवाई करते हुए आरोपी दरोगा को निलंबित कर दिया है।