मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘खाकी’ का खौफ लगातार जारी है। ताबड़तोड़ हो रहे एनकाउंटर से अपराधियों में खौफ तो इस कदर कायम हुआ कि उनमें जमानतें निरस्त कराकर कोर्ट में सरेंडर करने की होड़ लग गई। अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर व्याप्त हो गया कि वह जेल से बाहर आने में भी घबरा रहे हैं। जो अपराधी जेल के बाहर हैं वो अंडरग्राउंड हो गए हैं।
मुठभेड़ की पहली घटना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर के खोराबार इलाके के कुसम्हीं इलाके की है। यहां जंगल में मंगलवार रात हुई मुठभेड़ में 25 हजार का इनामी वन माफिया घायल हो गया। उसके दाहिने पैर में घुटने के नीचे गोली लगी है। बदमाशों की गोली से खोराबार थाने के दारोगा दीपक सिंह भी घायल हो गए हैं। बदमाश और दारोगा को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जंगल में घेराबंदी करने के दौरान क्राइम ब्रांच के चार सिपाही भी चुटहिल हुए हैं। बदमाश का एक साथी अंधेरे का लाभ उठाकर भागने में सफल हो गया। उसकी तलाश की जा रही है।
एसएसपी शलभ माथुर ने बताया कि वन माफिया की पहचान खोराबार क्षेत्र के जंगल रामलखना, मल्लाह टोला निवासी छेदी के पुत्र शिवसरन के रूप में हुई है। 14 जुलाई को कुसम्हीं जंगल में डिप्टी रेंजर को गोली मारे जाने के मामले में उसकी तलाश चल रही थी। 18 जुलाई को उस पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित हुआ था। मंगलवार की रात उसके खोराबार इलाके में मौजूद होने की सूचना पर क्राइम ब्रांच की टीम उसे तलाश करने पहुंची थी। रात में 10 बजे के आसपास खोराबार पहुंची क्राइम ब्रांच की टीम ने एक ही बाइक सवार दो युवकों को संदेह के आधार पर रोकने का प्रयास किया तो वे कुसम्हीं जंगल की तरफ भाग निकले। फरार बदमाशों की तलाश की जा रही है।