उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला स्थित राजकीय सम्प्रेक्षण गृह अब अखाड़ा बन गया है। यहां 12 घंटे के भीतर दो बार हुए खूनी संघर्ष में 18 बाल अपचारी घायल हुए हैं। बाल सुधार गृह के भीतर दो गुटों में खूनी संघर्ष राजकीय सम्प्रेक्षण गृह प्रशासन की लापरवाही के चलते हुआ। नाबालिग बंदियों का आरोप है कि सीनियर बंदी उनके नाजुक अंगों के साथ छेड़छाड़, अश्लील हरकतें कर यौन उत्पीड़न करते हैं। आरोप ये भी है कि सीनियर बंदी विनय जेल के बाहर से 20 रूपये का गांजा लाकर 100 रुपये में अन्य बंदियों को बेचता है।
नाबालिगों के साथ बाल सुधार गृह में हो रहे उत्पीड़न के विरोध में शनिवार शाम दोनों गुटों में खूनी संघर्ष हो गया। इस घटना में करीब 18 बाल अपचारी घायल हो गए थे। बाल सुधार गृह में बवाल की सूचना मिलते ही मौके पर जिलाधिकारी पुलकित खरे, एसपी विपिन कुमार मिश्रा सहित कई थानों की पुलिस और पीएसी बल मौके पर पहुंची थी। पुलिस ने सभी बंदियों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया इनमे से 5 की हालत गम्भीर बताई जा रही है। 13 अपचारी गृह को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
बताया जा रहा है कि बाल सुधार गृह में रविवार को जैसे ही घायल बंदी जेल के भीतर पहुंचे तो फिर बवाल खड़ा हो गया। दोनों गुटों में जमकर मारपीट हुई। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर एडीएम वंदिता श्रीवास्तव, विमल अग्रवाल, एएसपी निधि सोनकर, सीओ सिटी, भारी संख्या में पुलिस बल और पीएसी के साथ मौके पर पहुंचे। घटना का संज्ञान लेते हुए जेल डॉयरेक्टर भी मौके पर पहुंचे। एडीएम ने बाल अपचारियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं।
झगड़े में बदल गई मामूली कहासुनी
जानकारी के मुताबिक, शनिवार शाम जेल में बन्द कैदियों (किशोर अपचारी) का किसी बात को लेकर शुरू हुई कहासुनी झगड़े में बदल गई। झगड़ा रोकने के लिए आगे आया जेल स्टाफ बच्चों के खतरनाक तेवर देख भाग खड़ा हुआ और पुलिस प्रशासन को इसकी सूचना दी। सूचना पाकर एसपी विपिन कुमार मिश्र और एसडीएम विमल कुमार अग्रवाल दलबल के साथ मौके पर पहुंचे। जेल का गेट बंद कर और एम्बुलेंस को बुलाया गया। करीब एक घंटे बाद बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भेजा गया। एक घायल कैदी के मुताबिक पूरा विवाद जेल में बिकने वाले नशीले पदार्थ को लेकर हुआ था।
जेल अधीक्षक पर भी प्रताड़ित करने का आरोप
यहां जिला अस्पताल पहुंचे किशोर बंदियों ने बताया कि उनके साथ सीनियर बच्चे रात में उनका उत्पीड़न करते हैं। जिसकी शिकायत जेल प्रशासन से की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई उल्टे ही जेल अधीक्षक ने उनको ही प्रताड़ित किया। यह करीब 1 महीने से उनके साथ में अत्याचार किया जा रहा था। इसी वजह से को लेकर शनिवार की देर रात को सीनियर जूनियर बच्चों में विवाद हो गया विवाद में थाली,लोहे की रॉड से मारपीट हुई जिसमें 18 किशोर बंदी घायल हो गए। जिनमे 5 किशोरों की हालत नाजुक होने से जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है।
शिकायत के बाद भी नहीं हुई सुनवाई
कैदी का कहना है कि उसने कई कैदियों की नशा बेचने की शिकायत शुक्रवार को जेल अधिकारियों से कर दी थी। नशा सामग्री पकड़े जाने के कारण ही यह हमला किया गया। घायल बच्चों ने बड़े कैदी बच्चों पर शारीरिक शोषण का भी आरोप लगाया। बच्चों के मुताबिक जो बड़े कैदी हैं वो उनको छेड़ते है उनके अंगों के साथ खेलते है और बुरा काम भी करते हैं। यह पहली घटना नहीं है जब यहां बंद बच्चे हिंसक हुए। कुछ साल पहले भी जेल स्टाफ से परेशान बच्चों ने उनके असलहे छीनकर उन्हें भगा दिया था और पूरे जेल पर कब्जा कर लिया था। इस दौरान छिनी गई राइफलों से पुलिस पर कई राउंड फायरिंग भी की गई थी और करीब 4 घंटे तक जेल को कब्जे में ले लिया था। काफी मशक्कत के बाद पुलिस हालात पर काबू कर पाई थी।
रात में शोषण करते हैं सीनियर कैदी
बाल बंदियों का आरोप था कि सीनियर कैदी रात में शोषण करते हैं। जेल प्रशासन से शिकायत के बावजूद एक महीने से उत्पीड़न हो रहा था। इस दौरान जेल प्रशासन ने बवाल के कारणों पर पर्दा डालने के भरकस प्रयास किया साथ ही जेल अधीक्षक की इस पूरे मामले में भूमिका सन्दिग्ध है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की पड़ताल कर रही है।