पिछले कई वर्षों से अपराधियों को पकड़ने में नाकाम और घटनास्थल पर देर से पहुंचने का दाग झेलती आ रही उत्तर प्रदेश पुलिस विगत वर्षों से अमेरिका की पुलिस की तरह हाईटेक हो गई। यूपी की जनता ने सोचा कि अब पुलिस अपराधियों पर नकेल कसकर लोगों की हिफाजत करेगी। वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में भले ही अपराधियों से मुठभेड़ करके पुलिस खौफ पैदा करने का दावा कर रही है, लेकिन इसकी हकीकत ये है कि अपराधियों में पुलिस का खौफ जरा भी नहीं है। ये हम नहीं बल्कि लगातार पुलिस टीम पर हो रहे हमले इसका जीता जगता उदाहरण है। लोगों की सुरक्षा में 24 घंटे लगी रहने वाली पुलिस ही जब सुरक्षित नहीं है तो जनता कितनी सुरक्षति होगी इसकी आप खुद कल्पना कर सकते हैं।
लगातार हमले कर गुंडे पुलिस के जवानों को दे रहे जख्म
02 जून 2018 को गाजियाबाद के साहिबाबाद शालीमार गार्डन पुलिस क्षेत्र का है। यहां शराब माफियाओं को पकड़ने गई पुलिस टीम पर गुंडो ने हमला कर दिया। हमले में चौकी इंचार्ज दिनेश पाल सिंह के सिर पर गहरी चोट लगी है। पथराव में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। हमले की सूचना पर कई थानों की पुलिस फ़ोर्स मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है। बताया जा रहा है कि चौकी इंचार्ज अपनी पुलिस टीम के साथ अवैध रूप से शराब बेच रहे लोगों को पकड़ने गए थे। इस दौरान शराब तस्करों ने पुलिस टीम पर हमला बोल दिया और पथराव करने लगे। पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में ले लिया है उनके विरुद्ध आगे की कार्रवाई की जा रही है।
21 मई 2018 को लखनऊ के काकोरी पुलिस पर आक्रोशित ग्रामीणों ने पथराव कर दिया। पथराव के चलते कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। इतना ही नहीं हंगामा काट रहे लोगों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। पथराव में मौके पर मौजूद वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए। बवाल की सूचना पाकर कई थानों की पुलिस फ़ोर्स और पीएसी मौके पर बुला ली गई। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने कई उपद्रवियों को हिरासत में लिया था।
9 मई 2018 को मथुरा के मगोर्रा थाना क्षेत्र के नोदरा गांव में लूट की सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे ही लूट के आरोप में एक फौजी को गिरफ्तार किया था तो आरोपी पक्ष की तरफ से पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया। आरोपी ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर पुलिस की गाड़ी भी तोड़ दी। पथराव में थाना प्रभारी स्थित एक सिपाही और होमगार्ड घायल हो गए। घटना की सूचना मिलते ही महकमें में अफरा-तफरी मच गई। फौरन थाने का फोर्स मौके पर पहुंचा और सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
5 मई 2018 को यूपी के शामली जिलाके अलाउद्दीनपुर गांव में लूट के एक आरोपित को पकड़ने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया।एएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि पथराव में थाना प्रभारी अरुण कुमार, उप निरीक्षक प्रमोद कुमार, हेड कॉन्स्टेबल राम गोपाल राठी और कॉन्स्टेबल मनोज एवं गोपाल जख्मी हो गए। हमलावरों ने पुलिस वाहन को भी क्षतिग्रस्त कर दियाथा।
10 मार्च 2018 को राजधानी लखनऊ के इटौंजा थाना क्षेत्र में उर्स मेले में हो रहे डांस में बेकाबू भीड़ को काबू में करने गई पुलिस टीम पर भीड़ ने पथराव कर दिया। पुलिस पर पथराव होने से वहां भगदड़ मच गई। स्थति पर काबू करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। मामला बढ़ता देख मौके पर मौजूद पीएसी के जवानों ने स्थिति संभाली। उपद्रवियों के हमले में एक दरोगा सहित कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे।
28 फरवरी 2018 को उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में पुलिस की लोगों ने लाठी डंडों से पिटाई की। हमले में एक महिला पुलिस कर्मी समेत 3 पुलिसवाले जख्मी हुए। चारों ने किसी तरह भागकर उनकी जान बचाई। इतना ही नहीं पुलिस की गाड़ी में जो पुलिस वाले नहीं बैठ पाए उनकी ग्रामीणों ने जमकर धुनाई की। इस हमले में एक महिला दरोगा तथा 2 सिपाही बुरी तरह जख्मी हो गए जिन्हें इलाज हेतु चिकित्सालय लाया गया था।
17 दिसंबर 2017 को यूपी के कुशीनगर जिला के कसया थाना क्षेत्र के कनखोरिया गांव में न्यायालय के वारंटी को पकड़ने गई पुलिस टीम पर आरोपी पक्ष के लोगों ने घेराबंदी करके हमला बोल दिया। इस हमले में एक उपनिरीक्षक व दो सिपाही घायल हो गए थे। हमले की सूचना पाकर मौके पर भारी संख्या में पहुंचे पुलिस बल ने एक महिला सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने उपनिरीक्षक की तहरीर पर आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया था।
19 जुलाई 2017 को राजधानी लखनऊ के बख्शी का तालाब (बीकेटी) थाना क्षेत्र में रेप के आरोपियों को पकड़ने गई पुलिस टीम पर दबंगों ने हमला कर दिया। दबंगों ने पुलिस के शिकंजे से आरोपियों को छुड़ाने के लिए पुलिस टीम की आंखों में मिर्च पाउडर झोंक दिया और आरोपियों को छुड़ा लिया। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों को छुड़ाने में मदद करने के आरोप में पुलिस ने 6 महिलाओं को हिरासत में लिया था, इनमें से 3 की गिरफ्तारी पुलिस ने दिखाई गई थी। हमले के दौरान एक दरोगा और सिपाही बुरी तरह घायल हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।