एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि अभियुक्त ने अकेले ही इस दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया था। अभियुक्त वर्ष 2013 में वह अपने ही मित्र की हत्या कर रायबरेली से फरार चल रहा था। रायबरेली पुलिस ने आरोपी पर 2500 रुपये का इनाम घोषित किया था। उन्होंने बताया कि करीब 40 से अधिक सीसीटीवी फुटेज में अभियुक्त अकेले ही भागते नजर आया। सीसीटीवी फुटेज के रूट चार्ट के आधार पर ही पुलिस ने अभियुक्त को पकड़ने का जाल बिछाया और जनता के सहयोग से उसे धर दबोचा।
उन्होंने बताया कि लुटेरा विनीत घर से अकेले ही निकला था और कुछ दूर स्थित बहनोई कवींद्र पांडेय की एल्युमिनियम की दुकान पहुंचा। इसके बाद कवींद्र पांडेय उसे अपनी बाइक से लंगड़ा फाटक तक छोड़ने गया। वहां से खूनी लुटेरा संभवता ऑटो पकड़ कर आलमबाग बस अड्डा पहुंचा और भाग गया। कविंद्र को भी पुलिस ने अपराध छिपाने और अभियुक्त की मदद करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। एसएसपी ने बताया कि शनिवार को पुलिस को विनीत के घर से उसकी वोटर ID, आधार कार्ड, हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की मार्कशीट और प्रमाण पत्र सहित अन्य दस्तावेज मिले। प्रमाण पत्रों में उसकी फोटो देखकर पुलिस ने चश्मदीद को मौके पर बुलाया। फोटो देखकर ही चश्मदीद ने उसे पहचान लिया। आसपास के लोगों ने भी फोटो देख कर भी नहीं पहचान की थी।
सूचना तंत्र से भी मिली बहुत मदद- एसएसपी
एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि मीडिया द्वारा प्रसारित फोटो से मिलते जुलते करीब 12-15 संदिग्ध व्यक्तियों की सूचना जनता द्वारा दी गई। घटना को अंजाम देने के बाद सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी गई। इसके बाद रास्ते को चिंहित किया गया। घटना स्थल से अभियुक्त के भागने के रास्ते का तकनीकी डाटा एकत्र कर सूचना संकलन किया गया। सर्विलांस टीम द्वारा 300 से अधिक मोबाईल नम्बरों का विश्लेषण किया गया। इसके बाद पुलिस अभियुक्त के घर कृष्णानगर पहुंची। यहां पूछताछ में लोगों ने ये संदिग्ध व्यक्ति की हरकतों के बारे में लोगों ने बताया। पुलिस ने इसी आधार पर अभियुक्त के घर शनिवार को रेड मारी थी और बाइक, चाभियाँ, पिस्टल की मैगजीन, बैग, जूते और दस्तावेज के साथ फोटो मिले थे।
चश्मदीद प्रभात कुमार के हौसले को सलाम
एसएसपी ने बताया कि अनौरा कला चिनहट निवासी जिस चश्मदीद प्रभात कुमार पांडेय ने कैश वैन लुटेरे से भिड़कर उसकी पिस्टल छीन ली थी। प्रभात वारदात के बाद से लुटेरे को चिह्न्ति करने का दावा कर रहे थे, शनिवार को वह पुलिस के साथ लुटेरे के घर पहुंचे और फोटो देखते ही कहा यही है लुटेरा। तीस जुलाई को वारदात के समय पौने चार बजे के करीब प्रभात राजभवन के पास से गुजर रहे थे, तभी गोलियों की आवाज सुनकर गाड़ी सड़क किनारे खड़ी कर बाहर निकले। एक बदमाश पिस्टल लेकर भाग रहा था, प्रभात को पीछे से दौड़े और बदमाश के कोहनी मारकर नाइन एमएम की पिस्टल सड़क पर गिरा दी। बदमाश को जैसे ही दबोचने चले उसने 315 बोर का तमंचा प्रभात पर तान दिया। तमंचा देखकर प्रभात के कदम थम गए और बदमाश पिस्टल छोड़ बाइक लेकर भाग निकला। प्रभात ने पिस्टल कपड़े में लपेटकर मौके पर पहुंचे आइजी सुजीत कुमार पांडेय को दे दी और बदमाश का हुलिया भी बताया। कृणानगर स्थित भोलाखेड़ा के न्यू इन्द्रपुरी में इसी मकान में रहता था।