यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार के खिलाफ प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को सैकड़ो को संख्या में बीएड टीईटी पास अभ्यर्थियों ने मुख्यमन्त्री के खिलाफ हल्ला बोल दिया। प्रदर्शनकारियों ने घंटो नारेबाजी की इस दौरान उनकी पुलिस से भी झड़प हुई। वह विधानसभा घेरने जा रहे थे, काफी देर तक चले हंगामे के बाद जब पुलिस ने नोकझोंक के बाद प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज कर दिया इससे प्रदर्शनकारी बेकाबू हो गए।
प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव कर दिया। पथराव में इंस्पेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पांडेय समेत आधा दर्जन से अधिक पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। पुलिस पर हुए हमले की सूचना मिलते ही कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। लेकिन प्रदर्शनकारी पुलिस पर भारी पड़ गए। नतीजन पुलिस को सेना बुलानी पड़ी और प्रदर्शनकारियों को कैंट थाना क्षेत्र स्थित इको गार्डन के पास सेना ने सभी प्रदर्शनकारियों को खदेड़ दिया।
घायल सभी पुलिसकर्मियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया है इनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। पुलिस के लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए हैं। प्रदर्शकारियों ने कहा कि सरकार बनने से पहले बीजेपी लगातार कहती चली आ रही थी कि उनकी सरकार बनने के बाद टीईटी पास अभ्यर्थियों को वह रोजगार उपलब्ध कराएगी। किन्तु बीजेपी सरकार के एक साल से अधिक बीत जाने के बावजूद भी आज तक हमारी मांगे मानी नहीं गयी हैं। उल्टा हमारे सवाल उठाने पर हमें नौकरी की जगह लाठियां मिली है।
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कई दिनों से स्मृति उपवन में धरना दे रहे अभ्यर्थी
बता दें कि प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से लखनऊ के आशियाना स्थित स्मृति उपवन में लगातार धरने पर बैठे हुए थे। जिसके बाद भी जब वहां पहुंचकर किसी ने उनकी सुध न ली तो आज यह लोग सैकड़ो की संख्या में बीजेपी कार्यलय पहुंच गए। जहां इन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री के खिलाफ वादा खिलाफी की बात करते हुए जमकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कई बार प्रदर्शनकारियों की पुलिस से तीखी झड़पे भी हुई। किन्तु अंत मे पुलिस ने सबको बस में भरवाकर वापस स्मृति उपवन धरना स्थल पर भिजवा दिया। पूरे प्रदर्शन के दौरान कई प्रदर्शकारी तपती धूप में बेहोश भी हो गए। जिन्हें आनन-फानन में पुलिस ने सिविल अस्पताल में भी भर्ती कराया।
बीजेपी सरकार की कथनी और करनी दोनों में फर्क
वहीं प्रदर्शन कर रही मीरा, अन्जू का कहना है कि हम सभी ने बीजेपी को यह सोंच कर वोंट दिया था कि वो हमारे घावों पर सरकार बनने के बाद मरहम लगायेगी पर बीजेपी सरकार की कथनी और करनी दोनो में फर्क निकला। जो बीजेपी नेता पूर्ववर्ती सरकार में हमारे हक की बात करते थे आज वहीं सत्ता मिलने के बाद उसी के मद में होश खो बैठे है तथा हमारी लगातार उपेक्षा कर रहे है। टीईटी अभ्यर्थियों को नियुक्ति के बदले योगी सरकार लाठियां दें रही है। लेकिन हम सरकार को यह बता देना चाहते है कि हम किसी भी तरह से डरने और दबने वाले नहीं हैं।
जान चली जाये पर लेकर रहेंगे अपना हक
नियुक्ति हमारा हक है जिसे हम किसी भी कीमत पर हासिल करके ही रहेंगे। चाहे इसमे हमारी जान ही क्यो न चली जाए। इतना ही नहीं पिछले क़ई दिनों से हम स्मृति उपवन में धरने पर बैठे हैं। यहां कभी कोई और कभी कोई अधिकारी हमसे मिलने आता है और अपनी अलग अलग पहचान बताता है। हमे मुख्यमंत्री से मिलवाने की झूठी बाते बोलते हुए धरना खत्म करने के लिए बोलता है। इसके अलावा कई बार हमें गुमराह करते हुए बताया जाता है कि आज मुख्यमंत्री मौजूद नहीं हैं। जबकि हम लोग न्यूज़ के माध्यम से सब कुछ देखा करते है कि मुख्यमंत्री कहां हैं।
हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी न समझे सरकार
इसके अलावा पिछले कई दिनों से कुछ कथित अधिकारी हमें गवर्नर से भी मिलवाने के लिए बोल रहे है। लेकिन न तो अभी तक सीएम से मिलवाया गया है और न ही गवर्नर से मिलवाया गया। जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी तक हमलोग इसी तरह से अनशन जारी रखेंगे।इसके अलावा हमारे क़ई साथी आमरण अनशन पर भी बैठे हुए हैं। हम सरकार को यह बता देना चाहते है पहले भी हम शांतिप्रिय ढंग से प्रदर्शन कर रहे थे आगे भी इसी तरह से करते रहेंगे। लेकिन सरकार हमारी खामोशी को हमारी कमजोरी न समझे। अगर आप हमें नियुक्ति पत्र नहीं दे सकते हो तो कफ़न की व्यवस्था जरूर कर लें, क्योकि अब यहाँ से सिर्फ लाशें ही लाशें उठेगी।
सामूहिक रूप से आत्मदाह की दी चेतावनी
वहीं एक प्रदर्शकारी महिला ने कहा कि यदि सरकार अब भी हमें नियुक्ति पत्र नहीं दे पाई तो हम सब लोग सार्वजनिक रूप से आत्मदाह कर लेंगे।जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी। एक साल से ऊपर हो गया बीजेपी सरकार को फिर भी हमें हमारा हक अभी तक नहीं मिल पाया है। इसका अंजाम इन्हें दो हजार उन्नीस के चुनावों में भुगतना पड़ेगा।