मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में ‘खाकी’ का खौफ लगातार जारी है। ताबड़तोड़ हो रहे एनकाउंटर से अपराधियों में खौफ तो इस कदर कायम हुआ कि उनमें जमानतें निरस्त कराकर कोर्ट में सरेंडर करने की होड़ लग गई। अपराधियों में पुलिस का खौफ इस कदर व्याप्त हो गया कि वह जेल से बाहर आने में भी घबरा रहे हैं। जो अपराधी जेल के बाहर हैं वो अंडरग्राउंड हो गए हैं। पुलिस के ऑपरेशन क्लीन से प्रदेश के बड़े-बड़े माफिया काफी भयभीत हैं। पुलिस के एनकाउंटर से माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी काफी डरा हुआ है।
पेशी पर जाते समय एनकाउंटर का खतरा
गौरतलब है कि माफिया डॉन प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी इन दिनों झांसी जेल में बंद है। उसने वाराणसी एडीजे 4 की कोर्ट में अर्जी देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है। डॉन मुन्ना बजरंगी को ऐसा आशंका हैं कि पेशी के दौरान उसका एनकांउटर हो सकता है। प्रार्थना पत्र में डॉन ने कहा कि एसटीएफ जेल में बंदियों के साथ मिलकर उसकी हत्या की साजिश रच रही है। कोर्ट ने इस मामले में आईजी जेल से इस मामले में रिपोर्ट तलब की है। अगली सुनवाई 23 मई को करेगी। जेल से ही अपना काला कारोबार चलाने में माहिर मुन्ना बजरंगी ने कोर्ट में अर्जी डालकर पेशी के दौरान अपनी सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। उसे डर है कि पेशी पर ले जाते वक्त पुलिस उसका एनकाउंटर कर सकती है।
झांसी जेल में बंद है मुन्ना बजरंगी
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव निवासी मुन्ना बजरंगी के पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे। मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया। पांचवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। उसे कई ऐसे शौक लग गए जो उसे जुर्म की दुनिया में ले जाने के लिए काफी थे। मुन्ना को हथियार रखने का बड़ा शौक था। वह फिल्मों की तरह एक बड़ा गैंगेस्टर बनना चाहता था। 17 वर्ष की उम्र में ही उसके खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया। जौनपुर के सुरेही थाना में उसके खिलाफ मारपीट और अवैध असलहा रखने का मामला दर्ज किया गया था। मुन्ना बजरंगी प्रदेश की विभिन्न जेल में वर्ष 2009 से बंद हैं। झांसी जेल में उसको 2016 में शिफ्ट किया गया है।