राजधानी लखनऊ में सोमवार को मुख्यमंत्री आवास के पास स्थित ला-मार्ट कॉलेज में पढ़ने वाले 11वीं के छात्र अरनव का ड्राईवर ने अपने दो साथियों के सार्थ मिलकर अपहरण कर लिया था। अपहरण की शिकायत मिलने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने अधिकारियों के निर्देशन में करीब 200 पुलिसकर्मियों के सहयोग से छात्र को हाईटेक तकनीक के जरिये 8 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद सकुशल बरामद कर लिया था। पुलिस ने इस घटना में शामिल दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया था। जबकि एक अपहरणकर्ता फरार था, जिसकी तलाश में पुलिस लगी हुई थी।
पुलिस का दावा है कि मंगलवार की सुबह तड़के छात्र के अपहरण में शामिल बदमाश अजय राय के लखनऊ में होने की लोकेशन मिली। पुलिस टीम ने घेराबंदी करके बदमाश को भैंसाकुंड के पास कथित मुठभेड़ शुरू की। बदमाश ने पुलिस पर गोली चलाना शुरू किया तो जबाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली बदमाश के पैर में लग गई और वह घायल होकर गिर गया। पुलिस ने बदमाश को सिविल अस्पताल में भर्ती कराया। यहां उसके इलाज के साथ ही आगे की कार्रवाई की जा रही थी।
सोशल मीडिया पर मुठभेड़ फर्जी करार
पुलिस की ये मुठभेड़ किसी के गले नहीं उतर रही है। इस मुठभेड़ को लेकर सोशल मीडिया पर तरह तरह की चर्चा चल रही है। लोगों का कहना है कि पुलिस ने बेशक मेहनत से काम करके छात्र को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया ये वाकई काबिले तारीफ है। लेकिन पुलिस ने अपहरणकर्ताओं को भी कल ही पकड़ लिया था इनमें से दो की गिरफ्तारी दिखाई गई थी। एक बदमाश को पुलिस कस्डडी में ले रखा था जिसे आज मुठभेड़ में गिरफ्तारी दिखाई जा रही है।
खबरों के मुताबिक, अच्छे काम के लिए पुलिस की मीडिया में खूब सराहना हुई। लेकिन वाहवाही लूटने के लिए फर्जी मुठभेड़ दिखाना किसी के गले नहीं उतर रहा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या बदमाश अजय राय कल एक साथी की गिरफ्तारी के बाद से ही पुलिस का इंतजार कर रहा था? क्या पुलिस की धरपकड़ के बाद अजय राय लखनऊ में ही छिपा रहा, न वो भागा और न पुलिस को सूचना मिली? बदमाश लखनऊ में छिपा पुलिस का इंतजार करता रहा या वाहवाही लूटने के लिए पुलिस ने मुठभेड़ बताई?
क्या है अपहरण का पूरा घटनाक्रम?
गौरतलब है कि राणा प्रताप मार्ग स्थित सर्वोदय कॉलोनी निवासी स्वास्थ्य विभाग के ठेकेदार अनूप अग्रवाल अरनव (17) का सोमवार को गणित का पेपर था। सीतापुर के कमलापुर स्थित बैकुंठपुर निवासी ड्राइवर संतोष सोमवार सुबह नौ बजे एक्सयूवी (यूपी32ईआर-1578) से अरनव को स्कूल छोड़ने के लिए निकला था। 9:30 बजे तक ड्राइवर वापस नहीं आया तो अनूप ने उसके मोबाइल पर फोन किया। मोबाइल बंद था। कॉलेज से पता चला कि अरनव स्कूल नहीं पहुंचा। घरवालों ने मामले की जानकारी पूर्व डीजीपी एके जैन को दी। उन्होंने एसएसपी दीपक कुमार को बताया। पुलिस ने छानबीन की तो 9:29:52 सेकंड पर गाड़ी की लोकेशन सीतापुर हाईवे के इटौंजा स्थित टॉल प्लाजा पर मिली।
इस पर आईजी रेंज सुजीत कुमार पांडेय सीतापुर रवाना हो गए। उन्होंने एसपी सीतापुर और मानपुर थाने के एसओ को अलर्ट किया। इधर, एसएसपी दीपक कुमार ने एसओ इटौंजा शिवशंकर सिंह को सीतापुर रवाना किया। सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र और कोतवाली प्रभारी कृष्णानगर इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडे की टीम भी मानपुर पहुंच गई। एसटीएफ ने भी घेराबंदी शुरू की। शाम 4:12 बजे सीतापुर में मानपुर के जंगल से गाड़ी बरामद हो गई। उसके बाद 5:30 बजे पुलिस ने गन्ने के खेत से अरनव को मुक्त करा लिया और संतोष को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने साढ़े 8 घंटे में ला-मार्ट्स का अगवा छात्र छुड़ा लिया
➡9:00AM अरनव ड्राइवर संतोष के साथ एक्सयूवी से घर से स्कूल के लिए निकला।
➡9:10AM 1090 चौराहे पर संतोष को उसका साथी अजय मिला, अरनव को अगवा किया।
➡9:30AM घरवालों ने ड्राइवर को फोन किया, लेकिन फोन बंद था, तलाश शुरू।
➡12:26PM पूर्व डीजीपी एके जैन ने एसएसपी दीपक कुमार को किडनैपिंग की सूचना दी।
➡12:46PM सीतापुर हाईवे के टॉल प्लाजा पर 10:29 बजे कार की लोकेशन मिली।
➡4:12PM मानपुर के जंगल में एक्सयूवी लावारिस खड़ी मिली।
➡5:30PM घासीपुरवा गांव के बाहर छोटे लाल के गन्ने के खेत में अरनव बेहोश मिला।