भारतीय रेलवे विभाग जल्द ही अपने यात्रियों की सुरक्षा के लिए एक ऐसा एप बनाने जा रहा है जिसकी मदद से घटना का लाइव वीडियो तैयार किया जा सकेगा। इससे मामले की गंभीरता के अनुसार जहां आरपीएफ त्वरित कार्रवाई करेगी, वहीं दूसरी ओर आरोपी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाने में भी मदद मिलेगी। एप पर 30 सेकेंड का वीडियो ऑटोमेटिक बनेगा। इसके लिए रेलवे अपने यात्रियों की ही मदद लेगा। रेलवे का यह एप बनकर तैयार है इसकी टेस्टिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद यात्रियों के लिए इसकी लांचिंग की जा सकेगी।
ट्रेनों में यात्रियों से होने वाली मारपीट, शराब पीकर अभद्रता करने, सीट पर कब्जा, महिलाओं से छेड़खानी और अवैध वेंडरों का आतंक रहता है। यात्री कई बार इसकी शिकायत करते हैं जब तक ट्रेन अगले गंतव्य तक पहुंचती है तब तक आरोपी भाग निकलते हैं। जिससे उनकी पहचान नहीं हो पाती है। साथ ही कई बार आरपीएफ पर भी मामले को रफा दफा कर ट्रेन चलाने का आरोप लग जाता है। इसे देखते हुए रेल मंत्रलय स्थित आरपीएफ मुख्यालय ने रेलवे सुरक्षा एप बनाने की योजना पर काम शुरू किया है।
हालांकि इसका नाम संशोधित भी किया जा सकता है। यह एप यात्री निःशुल्क डाउनलोड कर सकेंगे। जब भी बोगी के भीतर या स्टेशन पर कोई घटना होती है तो यात्री उस एप पर जाकर पैनिक बटन को दबा देंगे। बटन के दबते ही यात्री का मोबाइल फोन रेलवे सुरक्षा बल के कंट्रोल रूम से जुड़ जाएगा। यात्री को अपने मोबाइल फोन का कैमरा घटनास्थल की तरफ करना होगा। इससे घटना की 30 सेकेंड का लाइव वीडियो सीधे कंट्रोल रूम को मिलेगा।
कंट्रोल रूम के जरिए इसे आसपास मौजूद रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट को भेजा जाएगा। जिससे ट्रेन के वहां पहुंचते ही उसे रोककर त्वरित कार्रवाई की जा सके। रेल मंत्रलय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक इस ऐप की मदद से बोगियों में घूमने वाले संदिग्ध यात्रियों पर भी नजर रखी जा सकेगी। ऐप की टेस्टिंग प्रक्रिया शुरू होने वाली है। इसकी जानकारी रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी दी जा चुकी है।