दुनिया की सबसे बड़े पुलिस बल उत्तर प्रदेश पुलिस की सोमवार से शुरू हुई सिपाही भर्ती की लिखित परीक्षा में मंगलवार को यूपी एसटीएफ ने मेरठ से सॉल्वर गैंग के 23 सदस्यों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। एसटीएफ के अनुसार पकड़े गए सभी आरोपियों में सॉल्वर और छात्र भी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि सभी सॉल्वर हरियाणा के हैं और परीक्षार्थी वेस्ट यूपी के जिलों के रहने वाले हैं। सॉल्वर गिरोह के सदस्य एक परीक्षार्थी से नकल के नाम लर 4-5 लाख रुपये वसूले थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 26 मोबाइल, 10 लाख रुपये, प्रिंटर, लैपटॉप और भारी मात्रा में छात्रों के दस्तावेज बरामद किए हैं।
एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि पश्चिमी यूपी में सॉल्वर के गिरोह सक्रिय हैं। इस सूचना पर मेरठ यूनिट को सक्रिय किया गया था। सूचना के आधार पर टीम ने कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के एक मकान में छापेमारी कर करीब दो दर्जन सॉल्वर और छात्रों को गिरफ्तार किया है। इस गैंग का मास्टरमाइंड शकील है जो बागपत के कुरड़ी गांव का रहने वाला है। शकील का यूपी पुलिस कॉस्टेबल के पद पर हाल ही में चयन हुआ है। शकील ने एक दिन पहले हुई परीक्षा में कई जिलों में अपने सॉल्वर बैठाए थे।
पूछताछ में शकील ने बताया कि करीब 50 छात्रों से सौदा तय हुआ था। हालांकि वे 10 छात्रों से ही पैसा वसूल पाए थे। एसएसपी ने बताया कि यह गिरोह आधार कार्ड पर फोटो बदलकर सॉल्वर को परीक्षा कक्ष में बैठाते थे। इससे पहले इस गिरोह ने रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षा में सॉल्वर बैठकर कई छात्रों का चयन कराया था। उन्होंने बताया कि सभी सॉल्वर हरियाणा के हैं और परीक्षार्थी वेस्ट यूपी के जिलों के रहने वाले हैं। सॉल्वर गिरोह के सदस्य एक परीक्षार्थी से नकल के नाम लर 4-5 लाख रुपये वसूले थे। पुलिस ने इनके कब्जे से 26 मोबाइल,10 लाख रुपये, प्रिंटर, लैपटॉप और भारी मात्रा में छात्रों के दस्तावेज बरामद किए हैं।
पहले दिन गिरफ्तार हुए थे 33 मुन्नाभाई
पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा में पहले दिन यूपी एसटीएफ ने सोमवार को इलाहाबाद, गोरखपुर और बुलंदशहर में सॉल्वर गिरोहों का भंडाफोड़ करते हुए 33 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। 11 गोरखपुर से, 8 फैजाबाद से, 7 इलाहाबाद से, 6 अयोध्या से व एक बुलंदशहर से दबोचा गया। गिरोह के सदस्यों ने जाली फिंगर प्रिंट की मदद से बायोमिट्रिक अटेंडेंस सिस्टम को भी धोखा देने की तरकीब निकाल ली थी। गैंग के सदस्य परीक्षा में अभ्यर्थियों की जगह सॉल्वरों को बैठाने की फिराक में थे। यह गिरोह बैंक, रेलवे, नीट व अन्य कई प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों को भी पास करवाने का ठेका लेता था। एसएसपी एसटीएफ अभिषेक सिंह ने बताया कि सूचना मिली थी कि पूर्वांचल में सॉल्वर के गिरोह सक्रिय हैं। पड़ताल के बाद एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया।
एसटीएफ की गिरफ्त में बिहार निवासी धीरेंद्र कुमार उर्फ धीरू, विवेक कुमार, विपिन कुमार, शंकर कुमार, गोरखपुर निवासी विकास यादव, सत्यवंत यादव, अनिल गिरि, आनन्द यादव, संजीव सिंह उर्फ चंचल, सुनील कुमार और अमरनाथ यादव हैं। विवेक कुमार, विपिन और शंकर सॉल्वर हैं, जबकि विकास यादव और सत्यवंत यादव अभ्यर्थी हैं। एसटीएफ ने इनके पास से 5.80 लाख रुपये, 14 प्रवेशपत्र, 16 मोबाइल फोन, अर्टिगा कार, फर्जी पहचानपत्रों सहित कई अभ्यर्थियों के आधार कार्ड और आईडी कार्ड बरामद किए थे और गोरखपुर के कैंट थाने में एफआईआर दर्ज करवा कर सभी को स्थानीय पुलिस को सौंप दिया था।