देश के लिए सीमा पर अपनी जान को कुर्बान कर देना कोई आम बात नहीं है मगर शहीद के परिवार को प्रशासन सिर्फ कुछ दिन ही पूंछता है मगर उसके बाद कन्नी काट के बैठ जाता है.
शहीद कैप्टेन डेविंदर सिंह जस के परिवार की रुकी आर्थिक सहायता:
ऐसा ही एक ताजा मामला गाज़ियाबाद का सामने आया है, जहाँ एक परिवार को सरकार की तरफ से मिल रही हर साल की आर्थिक सहायता पर सरकार बदलते ही लागम लग गई है.
सरकार के 2017-2018 वित्तीय वर्ष का फंड अभी तक शहीद के परिवारों को नहीं दिया गया है. ये 1 लाख की आर्थिक राशि हर साल शहीद के परिवार को सरकार के द्वारा दी जाती थी जो फिलहाल गाज़ियाबाद प्रशासन ने रोक रखी है.
बता दे कि गाज़ियाबाद के इंदिरापुरम में रहने वाले शहीद कैप्टन डेविंदर सिंह जस के शहीद होने बाद उनके परिवार को मिलने वाली आर्थिक सहायता यूपी की सरकार बदलते ही रुक गयी. बहरहाल यूपी सरकार ने लैटर जारी कर फण्ड जारी करने के निर्देश दे दिए हैं. पर गाज़ियाबाद जिला प्रशासन मामले में लापरवाही कर रहा है.
शहीद के पिता ने बताई आपबीती:
शहीद कैप्टन डेविंदर सिंह जस के पिता भूपेंदर सिंह जस ने बताया कि लखनऊ से सभी लैटर जारी हो चुके हैं, जिसका नंबर है 316/3/1705/2004TC . ये लैटर जितेन्द्र कुमार प्रमुख सचिव ने जारी कर दिया है. लखनऊ से तो सारी चीजें क्लियर हो चुका है लेकिन गाज़ियाबाद जिला प्रशासन ने अभी तक फंड रिलीज़ नहीं किया है.
उन्होंने कहा, “स्टेट सैनिक बोर्ड में भी हमने लिविंग सर्टिफिकेट जमा करवा दिया है जो DM ऑफिस में भी जमा कराया जा चुका है, ये सब 2 से 3 महीने पहले ही किया जा चुका है.”
उन्होने बताया कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए मेरे बेटे कैप्टन डेविंदर सिंह जस किर्ती चक्र (मरणोपरांत) की वार्षिकी के भुगतान के संबंध में मेरा मुद्दा अभी भी लंबित है, उन्होंने 23/02/2010 को 26 साल की उम्र में देश की सेवा करते हुये अपना जीवन त्याग दिया था.
शहीद के पिता ने यह भी बताया कि डीएम गाज़ियाबाद ने अभी तक कोई फंड रिलीज़ नहीं किया है, इसकी वजह का अभी तक पता नहीं चल पा रहा है.
शहीद के परिवार ने सारी जानकारी आवास के सैनिक बोर्ड में हर साल की तरह जमा करवा दी थीं लेकिन उसके बाद भी अभी तक फंड जारी नहीं हुआ है.
जब uttarpradesh.org की टीम ने गाज़ियाबाद डीएम से इस मामले में जानकारी चाही तो उनका सीयूजी नम्बर 9454417565, स्विच ऑफ मिला.