उत्तर प्रदेश लोकसभा का नौवां क्षेत्र अमरोहा उत्तर प्रदेश के उत्तर पश्चिमी भाग सोत नदी के किनारे बसा हुआ है. यहाँ अमरोहा जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है. अमरोहा में कपास और वस्त्र का बड़े स्तर पर उत्पादन होता है और कॉटन के कपडे की, हाथ करघा बुनाई की, मिटटी के बर्तनों की, चीनी मिल और गलीचे उत्पादन के छोटे उद्योग भी हैं.

अमरोहा शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द आम्र सेही जिसका मतलब होता है आम. अमरोहा अपने आम के उत्पादन के लिए जाना जाता है. तारिक-ए-अमरोहा के लेखक ने लिखा है की अमरोहा पर सन 676 ई. से सन 1141 ई. तक भारद्वाज तागास ने शासन किया था. घियासुद्दीन बलबन ने इस क्षेत्र में विद्रोह का ऐसा क्रूर दमन किया था, जिसकी वजह से बदौन और अमरोहा सालों तक मौन रहे थे. अमरोहा में ही अम्बर सुल्तानी ने मस्जिद बनवाया था.

अमरोहा का ऐतिहासिक भवन किले की दीवारों से शुरू होता है जिसके अवशेष आज भी मौजूद हैं. सैयिद अब्दुल माजिद खान द्वारा बानवाया गया मुरादाबादी दरवाज़ा उसका एकलौता वर्तमान दरवाज़ा है. यहाँ दिल्ली सुल्त्नत और मुग़ल काल में बनवाए गए कई ऐतिहासिक स्मारक हैं. बाबा फरीद के वंशज आज भी इस क्षेत्र में बसे हुए हैं. अमरोहा जिला मुग़ल वंश की सबसे पुरानी बस्तियों का घर रहा है. अमरोहा के आखिरी नवाब शासक शेख़ अनवर उल हक़ थे.

2,321 वर्ग किलोमीटर में बसे इस शहर में 1,840,221 की आबादी बसी है. इसमें से लगभग 53% पुरुष और 47% महिलाओं की आबादी है. चुनाव समिति की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार इस क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1,173,915 है. यहाँ लिंगानुपात 1000:910 है, यानि यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पे 910 महिलाएं हैं. यहाँ की औसत साक्षरता दर 63.84% है. 74.54% पुरुष यहाँ साक्षर हैं और 52.10% महिलाएं साक्षर हैं.

अमरोहा लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर 5 विधान सभा क्षेत्र आते है जिसमें से एक अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है;

धनौरा (एस.सी.)

नौगावां सादत

अमरोहा

हसन पुर

गढ़मुक्तेश्वर

कंवर सिंह तंवर

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वर्तमान में यहाँ से कँवर सिंह तंवर सांसद है[/penci_blockquote]

यहाँ 1952 में पहले लोकसभा चुनाव हुए थे जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मौलाना मोहम्मद हिफजुर रहमान विजयी हुए और अमरोहा के पहले सांसद बने. हिफजुर कांग्रेस में रह कर ही 3 बार इस सीट से जीते.

पर चौथे लोक सभा चुनाव यानि 1967 में ये सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गयी और कम्युनिस्ट पार्टी के इशाक़ संभाली के पास चली गयी. और अगले चुनाव में भारतीय लोक दल के चंद्रपाल सिंह को हरा कर उनके पास ही रही.

1977 में पिछले चुनाव के द्वितीय विजेता चंद्रपाल सिंह इस बार विजयी हुए. सिंह के पास ये कुर्सी अगले लोक सभा चुनाव में भी रही.

इसके बाद फिर ये सीट कांग्रेस के पास वापस आई जब राम पल सिंह 1984 में जीते परन्तु अगले चुनाव में फिर कांग्रेस के हाथ चली गयी. इस बार ये सीट आई जनता दल के हाथ में और सांसद बने हर गोविन्द सिंह. 1991 में पहली बार ये सीट भारतीय जनता पार्टी के पास आई और चेतन चौहान यहाँ से सांसद बने. 1981 के अर्जुन पुरस्कार विजेता चेतन सिंह चौहान पूर्व भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी भी रहे.

1996 लोक सभा चुनाव में चेतन सिंह हो हरा कर समाजवादी पार्टी के प्रताप सिंह अमरोहा के सांसद के पद पे बैठे. अगले चुनाव में फिर चेतन सिंह का सिक्का चला और सीट उनके हाथ में आ गयी.

1999 में बहुजन समाज परी के राशिद अल्वी यहाँ की सांसद बने. 2004 में निर्दलीय नेता हरीश नागपाल लोक चुनाव जीत कर अमरोहा के सांसद बने.

2009 अमरोहा का लोक सभा चुनाव राष्ट्रीय लोक दल के नाम रहा और आर एल डी के नेता देवेन्द्र नागपाल यहाँ के सांसद बने.

अमरोहा के वर्तमान सांसद भारतीय जनता पार्टी के कँवर सिंह तंवर हैं जो पेशे से बिजनेसमैन भी हैं.

लोक सभा सांसद पार्टी वर्ष से वर्ष तक
पहली मोहम्मद हिफजुर रहमान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1952 1957
दूसरी मोहम्मद हिफजुर रहमान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1957 1962
तीसरी मोहम्मद हिफजुर रहमान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1962 1967
चौथी इशाक़ संभाली कम्युनिस्ट पार्टी 1967 1971
पांचवी इशाक़ संभाली कम्युनिस्ट पार्टी 1971 1977
छठवीं चंद्रपाल सिंह भारतीय लोक दल 1977 1980
सातवीं चंद्रपाल सिंह जनता पार्टी 1980 1984
आठवीं राम पल सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 1984 1989
नौवीं हर गोविंद सिंह जनता दल 1989 1991
दसवीं चेतन चौहान भारतीय जनता पार्टी 1991 1996
ग्यारहवीं प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी 1996 1998
बारहवीं चेतन चौहान भारतीय जनता पार्टी 1998 1999
तेरहवीं रशीद अल्वी बहुजन समाज पार्टी 1999 2004
चौदहवीं हरीश नागपाल निर्दलीय 2004 2009
पंद्रहवीं देवेन्द्र नागपाल राष्ट्रीय लोक दल 2009 2014
सोलहवीं कँवर सिंह तंवर भारतीय जनता पार्टी 2014 अब तक
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