बलिया- उत्तर प्रदेश की वो भूमि जिसे वीरों,सैनिकों और क्रांतिकारियों की धरती कहा जाता है|बलिया मंगल पाण्डेय, चंद्रशेखर और छोटे लोहिया के नाम से जाने जाने वाले जनेश्वर मिश्र की कर्मभूमि रही है| इस धरती में बगावत का दौर ऐसा था की 1942 में स्थानीय लोगों ने अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेंका| देश में सबसे पहले आज़ाद हुए इस इलाकें में यहाँ चित्तू पाण्डेय के नेतृत्व में कुछ दिनों तक स्थानीय सरकार भी चली| हालांकि कुछ दिनों के बाद अंग्रेजों ने सत्ता वापस अपने हाथों में ले ली| भारत की आज़ादी की लड़ाई में भी बागी बलिया ने अग्रणी भूमिका निभाई थी|
शहर के पास धर्मारण्य नाम का एक ताल है,इसके बॉस ही सालों पुराना बौद्ध संघाराम है जिसका वर्णन चीनी यात्री फाहियान ने विशालशांति के नाम से किया है| भोजपुरी भाषी इस क्षेत्र के नाम को लेकर कहा जाता है की यह राजा बलि की राजधानी हुआ करता था इसलिए इसका नाम बलिया पड़ा|
बलिया जिले में 6 तहसील, 2361 गाँव और 11 शहर है| 2011 की जनगणना के मुताबिक यहाँ कुल 4,80,268 परिवार रहते है| यहाँ की कुल आबादी 32,39,774 लाख है, पुरुषों की संख्या 16,72,902 लाख और महिलाओं की संख्या 15,66,872 लाख है| उत्तर प्रदेश के लिंगानुपात 912 के मुकाबले यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 937 महिलायें है| 2,981 वर्ग किमी में फैले इस जिले में 15.27% अनुसूचित जाति और 3.4% अनुसूचित जनजाति के लोग रहते है| बलिया मुख्य रूप से हिन्दू बहुल इलाका है यहाँ की 92.73% आबादी हिन्दू और 6.59% लोग मुस्लिम धर्म में यकीन रखते है|
बलिया लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 72वें नंबर की सीट है| इस संसदीय सीट के अन्दर यूपी विधान सभा की पांच सीटें आती है-
ज़हूराबाद, मोहम्मदाबाद, बलिया नगर, फेफना, बैरिया|
वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह सांसद है.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह सांसद है.[/penci_blockquote]
अस्तित्त्व में आने के बाद से ही यह सीट सामान्य श्रेणी की रही है| 1952 में हुए पहले चुनावों में कम्युनिस्ट पार्टी के राम नगीना सिंह ने जीत हासिल की| 1957 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राधा मोहन सिंह और सरजू पाण्डेय(रासरा सीट) से जीत पाई| 1962 में कांग्रेस के मुरली मनोहर और रासरा सीट से कम्युनिस्ट पार्टी के सरजू पाण्डेय निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे| 1967 और 1971 में कांग्रेस की टिकट पर चन्द्रिका प्रसाद ने लगातार दो बार जीत दर्ज की| 1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में जनता पार्टी के टिकट पर चंद्रशेखर दो बार निर्वाचित हुए| 1984 में जगन्नाथ चौधरी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(इंदिरा) के टिकट पर सांसद बने| 1989 में जनता दल, 1991 में जनता पार्टी, 1996 में समता पार्टी के टिकट पर जीतकर चंद्रशेखर बलिया के सांसद बने| 1998 से 2004 तक समाजवादी जनता पार्टी(राष्ट्रीय) के टिकट पर जीत चन्द्रशेखर बलिया के प्रतिनिधि बने| 2008 में उपचुनाव हुए और इसं चुनावों में समाजवादी पार्टी के नीरज शेखर ने बसपा के विनय शेखर तिवारी को हराया| 2009 में एक बार फिर नीरज शेखर बसपा प्रत्याशी को हराकर लोकसभा पहुंचे| वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के भरत सिंह सांसद है| पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए सोलहवीं लोकसभा में भरत सिंह स्वस्थ्य और परिवार कल्याण सम्बन्धी मामलों की स्थाई समिति के सदस्य है|
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
पहली | 1952 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया | राम नगीना सिंह |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राधा मोहन सिंह |
दूसरी | 1957 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया | सरजू पाण्डेय(रासरा सीट) |
तीसरी | 1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | मुरली मनोहर |
तीसरी | 1962 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया | सरजू पाण्डेय(रासरा सीट) |
चौथी | 1967 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | चंद्रिका प्रसाद |
पांचवीं | 1971 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | चन्द्रिका प्रसाद |
छठी | 1977 | भारतीय लोक दल | चन्द्रशेखर |
सातवीं | 1980 | जनता पार्टी | चन्द्रशेखर |
आठवीं | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(आई) | जगन्नाथ चौधरी |
नौवीं | 1989 | जनता दल | चन्द्रशेखर |
दसवीं | 1991 | जनता पार्टी | चन्द्रशेखर |
ग्यारहवीं | 1996 | समता पार्टी | चन्द्रशेखर |
बारहवीं | 1998 | समाजवादी जनता पार्टी(राष्ट्रीय) | चंद्रशेखर |
तेरहवीं | 1999 | समाजवादी जनता पार्टी(राष्ट्रीय) | चंद्रशेखर |
चौदहवीं | 2004 | समाजवादी जनता पार्टी(राष्ट्रीय) | चंद्रशेखर |
उपचुनाव | 2007 | समाजवादी पार्टी | नीरज शेखर |
पंद्रहवीं | 2009 | समाजवादी पार्टी | नीरज शेखर |
सोलहवीं | 2014 | भारतीय जनता पार्टी | भरत सिंह |