इटावा जिला पश्चिमी उत्तरप्रदेश के बड़े जिलों में से एक है|यह देश की राजधानी दिल्ली 302 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है|यह दिल्ली-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर स्थित है| इसका कुल क्षेत्रफल 2311 वर्ग किलोमीटर है| इटावा कानपुर मंडल का हिस्सा है| जिले का मुख्यालय इटावा है| यहाँ की कुल आबादी 15,75,247 है|पिछले 10 साल में जिले के आबादी 18.1% बढ़ी है| यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 970 महिलाये है| 2001 से 2011 तक महिलाओं की आबादी 19.1% जबकि आबादी 17.4% की दर से बढ़ी है| यह आबादी के मामले में भारत 640 जिलों में 316वें नंबर पर है|जिले की 77% आबादी(लगभग 12.2 लाख) आबादी जिले के ग्रामीण इलाकों में जबकि 23% आबादी(लगभग 3.7 लाख) शहरों में रहती है| इटावा हिन्दू बहुल क्षेत्र है|2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की दर लगभग 82% है| पुरुषों की साक्षरता दर 86.34% जबकि महिलाओं की साक्षरता दर 77.16% है| पुरुष साक्षरता में 2001 से 2011 तक 6% जबकि महिलाओं की साक्षरता में 13% की वृद्धि हुई है| जिलें में 6 तहसील है-
इटावा, भरथना,जसवंतनगर, चकरनगर, सैफई और ताखा
इटावा आगरा के दक्षिण-पूर्व में यमुना नदी के किनारे बसा है| जिले में तिलहन और धान की मिलें बड़ी संख्या में है|इटावा कपास और रेशम उद्द्योग के लिए भी प्रसिद्ध है|
संसदीय क्षेत्र इटावा यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से एक है| यह यूपी की 41 लोकसभा सीट है| चुनाव आयोग के 2009 के आंकड़ों के अनुसार यहाँ कुल 14,16,867 मतदाता है,जिनमे महिला मतदाताओं की संख्या 6,29,242 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 7,87,625 है| इटावा संसदीय सीट के अंतर्गत कुल पांच विधानसभा सीटें है-
इटावा, भरथना(अ.जा.), दिबियापुर, औरैया(अ.जा.) और सिकन्दरा
भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार दोहरे यहाँ के सांसद है.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भारतीय जनता पार्टी के अशोक कुमार दोहरे यहाँ के सांसद है.[/penci_blockquote]
आज़ादी के बाद हुए पहले चुनाव में इटावा की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित थी| 1957 में हुए चुनावों में सोशलिस्ट पार्टी के अर्जुन सिंह कांग्रेस के होटीलाल अग्रवाल को हराकर जीत दर्ज की थी| 1967 में यह सीट परिसीमन के बाद सामान्य हो गई और परिसीमन के बाद हुए चुनावों में अर्जुन सिंह भदौरिया दोबारा निर्वाचित हुए| 1971 में हुए चुनावों में अपनी तीसरी जीत की उम्मीद लगाये अर्जुन सिंह की उम्मीदों पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के श्री शंकर तिवारी ने पानी फ़ेर दिया| 1977 में अर्जुन सिंह में राष्ट्रीय लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़े और कांग्रेस के श्रीशंकर तिवारी को हराकर अपनी हार का बदला लिया| 1996 तक अलग-अलग पार्टियों के प्रत्याशी यहाँ से जीतकर सांसद बने| 1998 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की सुखदा मिश्र समाजवादी पार्टी के राम सिंह शाक्य को हराकर इटावा की पहली महिला सांसद निर्वाचित हुई| 2009 में परिसीमन के बाद इटावा की सीट वापस से अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित हो गई| परिसीमन के बाद हुए चुनावों में सपा के प्रेमदास कठेरिया ने जीत दर्ज की| वर्तमान में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का कब्ज़ा है| 43 वर्षीय अशोक कुमार दोहरे यहाँ के सांसद है| यह सोलहवीं लोकसभा में श्रम के स्थाई समिति के सदस्य है| इन्होने बीए तक की शिक्षा प्राप्त की है| लोकसभा में इनकी उपस्थिति 81% है| इनके चुनावी हलफनामे के अनुसार वर्तमान में इन कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं है|इन्होने केवल तीन बहसों में हिस्सा लिया है जबकि राष्ट्रीय औसत 57.9% और राज्य का औसत 94.4% है| वर्तमान लोकसभा में इन्होने अबतक एक भी प्रश्न नहीं पूछा है|
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
पहली | 1957 | सोशलिस्ट पार्टी | अर्जुन सिंह भदौरिया |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | रोहनलाल चतुर्वेदी |
तीसरी | 1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | जी.एन.दीक्षित |
चौथी | 1967 | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी | अर्जुन सिंह भदौरिया |
पांचवीं | 1971 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | श्री शंकर तिवारी |
छठीं | 1977 | भारतीय लोकदल | अर्जुन सिंह भदौरिया |
सातवीं | 1980 | जनता पार्टी (सेक्युलर) | राम सिंह शाक्य |
आठवीं | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(आई) | रघुराज सिंह चौधरी |
नौवीं | 1989 | जनता दल | राम सिंह शाक्य |
दसवीं | 1991 | बहुजन समजवादी पार्टी | कांशीराम |
ग्यारहवीं | 1996 | समाजवादी पार्टी | राम सिंह शाक्य |
बारहवीं | 1998 | भारतीय जनता पार्टी | सुखदा मिश्रा |
तेरहवीं | 1999 | समाजवादी पार्टी | रघुराज सिंह शाक्य |
चौदहवीं | 2004 | समाजवादी पार्टी | रघुराज सिंह शाक्य |
पंद्रहवीं | 2009 | समाजवादी पार्टी | प्रेमदास कठेरिया |
सोलहवीं | 2014 | भारतीय जनता पार्टी | अशोक कुमार दोहरे |