उत्तर प्रदेश का के फिरोज़ाबाद लोकसभा क्षेत्र प्राचीन काल में चंदावर नगर कहलाता था. इस शहर के दक्षिण सीमा से सट के यमुना नदी बहती है. इस शहर की सीमा एताह, मैनपुरी और इतावाह जिले को छूती हैं. बाल श्रम यहाँ बहुत ही आम चीज़ है. फिरोजाबाद की मुख्य समस्या इस वक़्त प्रदूषण और मीमं साक्षरता दर है.
इसे कांच की सुहाग नगरी भी कहते हैं और इसके पीछे का दिलचस्प इतिहास ये है की 100 साल पहले रुस्तम उस्ताद नाम के एक व्यक्ति ने यहाँ चूड़ी बनाने का कारोबार शुरू किया था. और तब से फ़िरोज़ाबाद की चूड़ियाँ न केवल मशहूर हैं बल्कि ये दूसरे देशों में निर्यात भी होती हैं. एक कोयले की भट्टी से शुरू हुआ ये कारोबार आज हजारों कारखानों तक पहुँच चुका है और लाखों लोगों के जीवन यापन का जरिया बन चुका है. इन चूड़ियों के लिए कच्चा माल राजस्थान से आता है.
अकबर के शासन काल में फिरोजाबाद के रास्ते राजस्वा वसूल कर के लाया जाता था जिसे यहाँ रहने वाले राजपूत लूट लिया करते थे. अकबर ने इन लूटेरों से निजात पाने के लिए फ़िरोज़ नाम के एक आदमी को सेना के साथ भेजा. फ़िरोज़ का मकबरा अब भी यहाँ मौजूद है. फिरोजाबाद में रहने वाले सय्यद, मनिहार, पठान और हिन्दू राजपूत हैं. फ़िरोज़ाबाद या फिरोज़पुर का नाम फ़िरोज़ शाह तुगलक ने अकबर के शासन में दिया था. शाहजहाँ के शासन काल के दौरान नवाब सादुल्ला खान को फ़िरोज़ाबाद की जागीर मिली थी. यहाँ मुग़ल, जाट, और मराठों ने राज किया है.
2011 में हुई जनगणना के अनुसार यहाँ की जनसँख्या 2,496,761 है, जिसमें से 52% पुरुष और 48% महिलाएं हैं. यह शहर 2,362 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. 2001 से 2011 तक यहाँ की जनसँख्या में 21.62% की वृद्धि हुई. यहाँ का जनसँख्या घनत्व 1,044 प्रति वर्ग किलोमीटर है. फ़िरोज़ाबाद में प्रति 1000 पुरुषों में 875 महिलाएं हैं. और यहाँ की साक्षरता दर 71.92% है. जहाँ पुरुष साक्षरता दर 80.82% है वहीँ महिला साक्षरता दर केवल 61.75% है. चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार यहाँ मतदाताओं की संख्या 1,422,243 है, जिसमें से 782,455 पुरुष मतदाता और 639,788 महिला मतदाता हैं.
फ़िरोज़ाबाद के वर्तमान सांसद हैं अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]फ़िरोज़ाबाद के वर्तमान सांसद हैं अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव.[/penci_blockquote]
फ़िरोज़ाबाद लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं;
टूंडला- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
जसराना
फ़िरोज़ाबाद
शिकोहाबाद
सिरसागंज
पहली बार 1957 में यहाँ लोकसभा के आम चुनाव हुए जिसमें निर्दलीय नेता ब्रज राज सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के चौधरी रघुबीर सिंह को हरा कर फ़िरोज़ाबाद के पहले सांसद बने. 1962 में यहाँ कोई चुनाव नहीं हुए, इसलिए ब्रज राज सिंह का कार्यकाल बढ़ गया. अगले लोकसभा चुनाव में 1967 संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के शिव चरण लाल यहाँ के दूसरे सांसद बने और 4 सालों तक फ़िरोज़ाबाद का प्रतिनिधित्व किया. 1971 में कांग्रेस ने पहली बार अपना खाता यहाँ खोला और कांग्रेस नेता छत्रपति अम्बेश यहाँ के नए सांसद बने.
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अगले ही चुनाव में फिर कांग्रेस के हाथ से यह सीट चली गयी और निर्दलीय नेता राजेश कुमार सिंह ने इसपे अपना कब्ज़ा जमा लिया. 1984 में कांग्रेस को फिर से जीत मिली और कांग्रेस नेता गंगा राम यहाँ के सांसद के पद पर बैठे.
फ़िरोज़ाबाद का राजनीतिक सफ़र बहुत उथल पुथल वाला रहा, इसीलिए कोई भी दल यहाँ लगातार 7 सालों से ज्यादा नहीं टिक पाया.
1989 में जनता दल के राम जी लाल सुमन फ़िरोज़ाबाद संसदीय क्षेत्र से जीते. और अगले ही चुनाव में, यानि 2 साल बाद ही इस सीट से हाथ धो बैठे. 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित किया और भाजपा नेता प्रभु दयाल कठेरिया फ़िरोज़ाबाद के सांसद बने. कठेरिया ने लगातार 3 लोक सभा चुनावों में जीत हासिल की और 7 सालों तक यहाँ के सांसद रहे.
1999 में राम जी लाल सुमन समाजवादी पार्टी की टिकट पे चुनाव लडे और प्रभु दयाल कठेरिया को हरा कर फ़िरोज़ाबाद के सांसद बने. अगले चुनाव में भी राम जी लाल ही जीते.
2009 में समाजवादी पार्टी के वर्तमान अध्यक्ष अखिलेश यादव यहाँ के लोक सभा चुनाव में जीते और उसी वर्ष इस्तीफा दे कर कन्नौज सीट के लिए लडे. 2009 के उपचुनाव में कांग्रेस नेता और अभिनेता राज बब्बर ने यहाँ पर जीत हासिल की.
फ़िरोज़ाबाद के वर्तमान सांसद हैं अखिलेश यादव के चचेरे भाई अक्षय यादव.
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लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | सांसद का नाम | पार्टी |
दूसरी | 1957 | 1967 | ब्रज राज सिंह | निर्दलीय |
तीसरी | N/A | N/A | N/A | N/A |
चौथी | 1967 | 1971 | शिव चरण लाल | संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी |
पांचवी | 1971 | 1977 | छत्रपति अम्बेश | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | राम जी लाल सुमन | भारतीय लोकदल |
सातवीं | 1980 | 1984 | राजेश कुमार सिंह | निर्दलीय |
आठवीं | 1984 | 1989 | गंगा राम | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नौवीं | 1989 | 1991 | राम जी लाल सुमन | जनता दल |
दसवीं | 1991 | 1996 | प्रभु दयाल कठेरिया | भारतीय जनता पार्टी |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | प्रभु दयाल कठेरिया | भारतीय जनता पार्टी |
बारहवीं | 1998 | 1999 | प्रभु दयाल कठेरिया | भारतीय जनता पार्टी |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | राम जी लाल सुमन | समाजवादी पार्टी |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | राम जी लाल सुमन | समाजवादी पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2009 | अखिलेश यादव | समाजवादी पार्टी |
उपचुनाव | 2009 | 2014 | राज बब्बर | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
सोलहवीं | 2014 | अब तक | अक्षय प्रताप | समाजवादी पार्टी |