लहुरी काशी (छोटी काशी) के रूप में जाना जाने वाला गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल का एक जिला है| एक ज़माने में गाधिपुर के नाम से जाना जाने वाला गाजीपुर आज देश के सबसे बड़े गाँव ‘गहमर’ की वजह से भी जाना जाता है| दो चीज़ें जो गाज़ीपुर देश के दूसरे इलाकों से अलग बनाती है, वो है- लार्ड कार्नवालिस का मकबरा और अफ़ीम की फैक्ट्री| यहाँ सैदपुर के मार्कंडेय महादेव मंदिर को लेकर पूरे देश में मान्यताये है| सैदपुर तहसील से उत्तर पूर्व में भितरी में स्कंदगुप्त के समय के अवशेष भी मिल चुके है|
गाज़ीपुर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय गाजीपुर शहर है| गाज़ीपुर में पांच तहसीले है-
मोहम्मदाबाद, गाज़ीपुर, ज़मानिया, सैदपुर, जखनिया
2011 की जनगणना के मुताबिक़ गाज़ीपुर में 5,46,664 परिवार है| यहाँ की कुल आबादी 36,20,268 लाख है जिनमे पुरुषों की आबादी 18,55,075 लाख और महिलाओं की आबादी 17,65,193 लाख है| 6 ससाल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 5,58,559 है जो की कुल आबादी का 15.43% है| यहाँ की आबादी का 20.07% हिस्सा अनुसूचित जाति और 0.79% हिस्सा अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखता है| उत्तर प्रदेश के लिंगानुपात 912 के मुकाबले गाज़ीपुर में प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलायें है| यहाँ की औसत साक्षरता दर 60.7% है जिनमे पुरुष साक्षरता दर 69.73% और महिलाओं की साक्षरता दर 51.21% है| गाज़ीपुर मुख्य रूप से हिन्दू बहुल इलाका है, यहाँ की 89.32% जनता हिन्दू धर्म और 10.17% हिस्सा इस्लाम में आस्था रखती है|
गाज़ीपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 75वें नंबर की सीट है| इस संसदीय सीट में यूपी विधानसभा की पांच सीटें आती है-
जखनिया, जंगीपुर, सैदपुर, ज़मानिया और गाज़ीपुर
जखनिया और सैदपुर की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है| चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार यहाँ 15.27 लाख वोटर्स है जिनमे 8.17 लाख पुरुष और 7.10 हज़ार महिला वोटर्स है|
यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के मनोज सिन्हा सांसद है.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के मनोज सिन्हा सांसद है.[/penci_blockquote]
अस्तित्त्व में आने के बाद से ही यह लोकसभा सीट सामान्य श्रेणी की रही है| 1957 में हुए पहले चुनावों में जीतकर कांग्रेस के हर प्रसाद सिंह यहाँ के पहले सांसद बने| 1967 और 1971 के चुनावों में कम्युनिस्ट पार्टी के सरजू पाण्डेय निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे| 1977 में भारतीय लोकदल और 1980 में कांग्रेस(इंदिरा) ने जीत हासिल की| 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जैनुल बशीर ने गाज़ीपुर की सीट पर कब्ज़ा किया| 1989 में जगदीश इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़े और जीतकर गाज़ीपुर के पहले निर्दलीय सांसद बने| 20 साल के बाद 1991 में कम्युनिस्ट पार्टी ने इस सीट पर एक बार फिर से कब्ज़ा किया| 1996 में मनोज सिन्हा ने भारतीय जनता पार्टी को इस सीट पर पहली बार जीत दिलाई| 1998 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के ओम प्रकाश सिंह ने गाज़ीपुर में समाजवादी पार्टी की जीत का अकाल ख़त्म किया और मनोज सिन्हा को हरा दिया| 1999 के चुनाव में मनोज सिन्हा ने अपनी पिछली हार का बदला लिया और लोकसभा पहुंचे| 2004 और 2009 में समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर अपना परचम लहराया| वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के मनोज सिन्हा सांसद है| वह वर्तमान में केन्द्रीय रेल राज्य मंत्री है|
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
पहली | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | हर प्रसाद सिंह |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | हर प्रसाद सिंह |
तीसरी | 1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | विश्वनाथ सिंह गहमरी |
चौथा | 1967 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया | सरजू पाण्डेय |
पांचवां | 1971 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया | सरजू पाण्डेय |
छठा | 1977 | जनता पार्टी | गौरी शंकर राय |
सातवाँ | 1980 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(आई) | जैनुल बशर |
आठवां | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | जैनुल बशर |
नौवां | 1989 | निर्दलीय | जगदीश कुशवाहा |
दसवां | 1991 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया | विश्वनाथ शास्त्री |
ग्यारहवां | 1996 | भारतीय जनता पार्टी | मनोज सिन्हा |
बारहवां | 1998 | समाजवादी पार्टी | ओम प्रकाश सिंह |
तेरहवां | 1999 | भारतीय जनता पार्टी | मनोज सिन्हा |
चौदहवां | 2004 | समाजवादी पार्टी | अफज़ल अंसारी |
पन्द्रहवां | 2009 | समाजवादी पार्टी | राधे मोहन सिंह |
सोलहवां | 2014 | भारतीय जनता पार्टी | मनोज सिन्हा |