तुगलकों के दौर में शिराज़-ए-हिन्द के नाम से जाना जाने वाला जौनपुर उत्तर प्रदेश का एक जिला है| जौनपुर सल्तनत एक जमाने में उर्दू और सूफ़ी का केंद्र रहा था| जौनपुर में गोमती नगर के पुल का निर्माण कार्य मुग़ल बादशाह अकबर ने 1564ई. में बनवाना शुरू किया, यह पुल १५६9 में बनकर तैयार हुआ | किवदंतियों में ऐसा कहा जाता है की इस शहर का नाम परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि के नाम पर रखा गया है| जौनपुर का नाम मोहम्मद बिन तुगलक, जो जौना खान के नाम से भी जाना जाता था,उसके नाम पर रखा गया| वर्तमान जौनपुर अपने इत्र के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है| जौनपुर हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है इनमे जमा मस्जिद, शाही किला और शाही ब्रिज प्रमुख है|
2011 की जनगणना के अनुसार 1,113 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जिले की आबादी 44,94,204 लाख है जिनमे पुरुषों की संख्या 22,20,465 लाख और महिलाओं की संख्या 22,73,739 लाख है| जिले में छ: साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या 6,76,216 है जो कुल आबादी का 15.05% है| कुल आबादी का 22.०४% लोग अनुसूचित जाति और 0.11% लोग अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखती है| उत्तर प्रदेश के लिंगानुपात 912 के मुकाबले जौनपुर में प्रति 1000 पुरुषों पर 1024 महिलायें है| यहाँ की औसत साक्षरता दर 60.78% है जिनमे पुरुषों की साक्षरता दर 70.5% और महिलाओं की साक्षरता दर 51.29% है| जौनपुर जिले में 6 तहसीलें (शाहगंज,मछलीशहर,जौनपुर,मडियाहूऔर केराकत), 3381 गाँव और 13 शहर है|
जौनपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में 73वें नंबर की सीट है| इस संसदीय सीट में यूपी विधानसभा की पांच सीटें आती है-
बदलापुर, शाहगंज, जौनपुर, मल्हनी और मुंगरा बादशाहपुर|
यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण प्रताप उर्फ़ के.पी. सांसद है.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण प्रताप उर्फ़ के.पी. सांसद है.[/penci_blockquote]
अस्तित्त्व में आने के बाद से ही जौनपुर की स्सेट सामान्य श्रेणी की रही है| यहाँ 1952 और 1957 में हुए आमचुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीरबल सिंह ने जीत दर्ज की| 1962 में जनसंघ के ब्रह्मजीत सिंह ने बीरबल सिंह को हराकर यहाँ की सीट पर कब्ज़ा किया| 1962 से 1971 तक राजदेव सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर निर्वाचित हुए| 1977 में यादवेन्द्र दत्त दुबे(भारतीय लोकदल), 1980 में अज़िमुल्लाह आज़मी( जनता पार्टी सेक्युलर) और 1984 में कमला प्रसाद सिंह(भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) यहाँ से विजयी हुए| 1989 में यादवेन्द्र दत्त दुबे एक बार फिर निर्वाचित हुए मगर इस बार भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर| 1991 में अर्जुन सिंह यादव ने जनता दल को जौनपुर में पहली जीत दिलाई| 1996 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर दोबारा कब्ज़ा किया| 1998 में समाजवादी पार्टी के पारसनाथ यादव जौनपुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे| 1999 में भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी से अपनी एक साल पहले हुई अपनी हार का बदला ले लिया| 2004 में पारसनाथ यादव बहुजन समाज पार्टी के ओम प्रकाश दुबे को हराकर दूसरी बार लोकसभा पहुंचे| 2009 में धनंजय सिंह को जौनपुर में पहली जीत दिलाई| वर्तमान में यहाँ से भारतीय जनता पार्टी के कृष्ण प्रताप उर्फ़ के.पी. सांसद है| स्थानीय सांसद सोलहवीं लोकसभा में जल संसाधन,गंगा पुनरुत्थान और खाद-रसायन सम्बन्धी मामलों की स्थाई समिति के सदस्य है|
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
पहली | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | बीरबल सिंह |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | बीरबल सिंह |
तीसरी | 1962 | जनसंघ | ब्रह्मजीत सिंह |
1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राजदेव सिंह | |
चौथा | 1967 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राजदेव सिंह |
पांचवीं | 1971 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राजदेव सिंह |
छठी | 1977 | भारतीय लोकदल | यादवेन्द्र दत्त दुबे |
सातवीं | 1980 | जनता पार्टी(सेक्युलर ) | अज़िमुल्लाह आज़मी |
आठवीं | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | कमला प्रसाद सिंह |
नौवीं | 1989 | भारतीय जनता पार्टी | यादवेन्द्र दत्त दुबे |
दसवीं | 1991 | जनता दल | अर्जुन सिंह यादव |
ग्यारहवीं | 1996 | भारतीय जनता पार्टी | राजकेसर सिंह |
बारहवीं | 1998 | समाजवादी पार्टी | पारसनाथ यादव |
तेरहवीं | 1999 | भारतीय जनता पार्टी | स्वामी चिनामयानंद |
चौदहवीं | 2004 | समाजवादी पार्टी | पारसनाथ यादव |
पंद्रहवीं | 2009 | बहुजन समाज पार्टी | धनंजय सिंह |
सोलहवीं | 2014 | भारतीय जनता पार्टी | कृष्णा प्रताप सिंह |