प्रसिद्द मिठाई खुरमे की मिठास लिए उत्तरप्रदेश के बहराइच जिले में बसा है ‘कैसरगंज’|
कैसरगंज की लोकसभा सीट बहराइच जिले की दूसरी लोकसभा सीट है| बहराइच जिले की सीमाएं उत्तरपूर्व में नेपाल के बर्दिया और उत्तर पश्चिम में बांके जिले से मिलती है| बहराइच जिला पश्चिम में सीतापुर और लक्ष्मीपुर, दक्षिण-पश्चिम में हरदोई, दक्षिण-पूर्व में गोंडा और पूर्व में श्रावस्ती जिले से घिरा हुआ है| 2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ 6,03,754 घर है| यहाँ की आबादी 34,87,731 लाख है जिनमे पुरुषों की आबादी 18,43,884 लाख और महिलाओं की आबादी 16,43,847 लाख है| छ: साल की उम्र तक के बच्चों की संख्या 6,54,794 लाख है जो पूरी आबादी का 18.77% है| यहाँ का लिंगानुपात 892 है जबकि यूपी का लिंगानुपात 912 है| पूरी आबादी में 14.6% हिस्सा अनुसूचित जाति और 0.32% अनुसूचित जनजाति है| बहराइच की 52.37% जनसंख्या शहरों और 47.09% गाँवों में रहती है| शहरों में रहने वाले लोगों की साक्षरता दर 59.18% और गाँवों में रहने वालों की साक्षरता दर 38.4% है| कैसरगंज बहराइच की चार तहसीलों (नानपारा, बहराइच, माहसी और कैसरगंज) में से एक है| कैसरगंज तहसील में कुल 432 गाँव आते है|
कैसरगंज लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र उत्तरप्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 57वें नंबर की सीट है| परिसीमन के बाद वर्तमान में कैसरगंज लोकसभा सीट के अंतर्गत यूपी की पांच विधानसभा सीटें आती है-
पयागपुर, कैसरगंज, कर्नलगंज, तरबगंज और कतरा बाज़ार
भारतीय जनता पार्टी की बृजभूषण शरण सिंह यहाँ के सांसद हैं.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]भारतीय जनता पार्टी की बृजभूषण शरण सिंह यहाँ के सांसद हैं.[/penci_blockquote]
चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार कैसरगंज में 1,376,267 वोटर्स है जिनमे महिला वोटर्स की संख्या 627,982 और पुरुष वोटर्स की संख्या 748,285 है| अस्तित्त्व में आने के बाद से ही कैसरगंज की सीट सामान्य श्रेणी की रही है| 1952 में जब यह सीट तब यह गोंडा पश्चिम का हिस्सा थी तब हुए चुनावों में भारतीय जनसंघ के शकुंतला नायर ने उन चुनावों में जीत दर्ज की|
1957 में कैसरगंज लोकसभा सीट पर हुए पहले चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के भगवादीन मिश्रा जीत हासिल करके यहाँ के पहले सांसद बने| 1962 में स्वतंत्रता पार्टी ने इस सीट पर कब्ज़ा किया| 1967 और 1971 के आमचुनाव में शकुंतला नायर जीतकर लोकसभा पहुंची| 1977 में चुनाव जीतकर रूद्र सेन चौधरी लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए|म 1980 में कांग्रेस(आई) और 1984 में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जीत अपने नाम की| 1989 में रूद्र सेन चौधरी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर फिर से निर्वाचित हुए| 1991 में दोबारा भाजपा प्रत्याशी ने जीत हासिल की| समाजवादी पार्टी के बेनी प्रसाद वर्मा कैसरगंज की सीट से लगातार चार बार( 1996, 1998, 1999 और 2004) सांसद बने| 2009 में बृजभूषण शरण सिंह ने समाजवादी पार्टी को लगातार पांचवीं बार जीत दिलाई| 2014 में बृज भूषण तिवारी पार्टी बदल भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़े और सोलहवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए| पांचवीं बार लोकसभा पहुंचे बृज भूषण तिवारी वर्तमान में शहरी विकास सम्बन्धी स्थाई समिति के सदस्य है| जहाँ एक ओर मौजूदा सदन में प्रश्न पूछने का राष्ट्रीय औसत 251 और राज्य का औसत 167 है वहीँ स्थानीय सांसद ने अपने चार साल के कार्यकाल में अबतक केवल 22 सवाल ही पूछे है|
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | भगवानदीन मिश्रा |
तीसरी | 1962 | स्वतंत्रता पार्टी | बसवंत कुंवरी |
चौथा | 1967 | भारतीय जनसंघ | शकुंतला नायर |
पांचवीं | 1971 | भारतीय जनसंघ | शकुंतला नायर |
छठीं | 1977 | जनता पार्टी | रूद्र सेन चौधरी |
सातवीं | 1980 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(इंदिरा) | राणा वीर सिंह |
आठवीं | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राणा वीर सिंह |
नौवीं | 1989 | भारतीय जनता पार्टी | रूद्र सेन चौधरी |
दसवीं | 1991 | भारतीय जनता पार्टी | लक्ष्मी नारायण मणि त्रिपाठी |
ग्यारहवीं | 1996 | समाजवादी पार्टी | बेनी प्रसाद वर्मा |
बारहवीं | 1998 | समाजवादी पार्टी | बेनी प्रसाद वर्मा |
तेरहवीं | 1999 | समाजवादी पार्टी | बेनी प्रसाद वर्मा |
चौदहवीं | 2004 | समाजवादी पार्टी | बेनी प्रसाद वर्मा |
पंद्रहवीं | 2009 | समाजवादी पार्टी | बृज भूषण शरण सिंह |
सोलहवीं | 2014 | भारतीय जनता पार्टी | बृज भूषण शरण सिंह |