माँ विंध्यवासिनी की धरती मिर्ज़ापुर हमेशा से ही धर्म और राजनीति में विशेष महत्व रखता आया है| विन्ध्याचल, अरावली और नीलगिरी पहाड़ों से घिरा यह क्षेत्र विन्ध्य क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है| शक्ति त्रिकोण का यह क्षेत्र अपने पांच सौ साल पुराने पीतल उद्योग के लिए पुरे विश्व में प्रसिद्ध है| मिर्जापुर अपने लाल पत्थरों के कारण भी जाना जाता है| इन लाल पत्थरों का उपयोग करके ही सम्राट अशोक ने अशोक स्तम्भ (भारत का राष्ट्रीय चिन्ह है) का निर्माण करवाया था|
यूपी के 75 जिलों में से एक यह जिला उत्तर में संत रविदास नगर और वाराणसी, पूर्व में चंदौली, दक्षिण में सोनभद्र और उत्तर-पूर्व में इलाहाबाद जिले से घिरा हुआ है|4521 वर्ग किलोमीटर में फैले इस जिले में चार तहसीलें है- लालगंज, मडिहान, चुनार और मिर्जापुर सादर
1989 में सोनभद्र के अलग होने तक यह यूपी का सबसे बड़ा जिला था| वर्तमान में यह क्षेत्र नक्सल प्रभावी है और रेड कॉरिडोर का हिस्सा है|
2011 की जनगणना के अनुसार यहाँ की कुल आबादी 24.96 लाख है जिनमे पुरुषों की संख्या 13.12 लाख और महिलाओं की संख्या 11.84 लाख है| 26.48% लोग अनुसूचित जाति से जबकि 0.81% लोग अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखते है| यूपी के लिंगानुपात 912 के मुकाबले यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 903 महिलायें है| औसत साक्षरता दर की बात करे तो मिर्जापुर में यह आंकड़ा 57.22% है जिनमे पुरुषों की साक्षरता दर 65.98% और महिलाओं की साक्षरता दर 47.51% है| मिर्ज़ापुर में 91.81% लोग हिन्दू धर्म में आस्था रखते है लेकिन यहाँ दूसरे धर्मों के लोग भी रहते है|
वर्तमान में यहाँ से केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सांसद है.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वर्तमान में यहाँ से केन्द्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल सांसद है.[/penci_blockquote]
1952 में यहाँ पहली बार चुनाव हुए जिनमे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के जॉन विल्सन ने जीत पाई और यहाँ के पहले सांसद बने| 1967 तक हुए सभी आमचुनावों में मिर्ज़ापुर कांग्रेस ने इस सीट पर लगातार कब्ज़ा किया| 1967 के चुनाव ने भारतीय जनसंघ के बांस नारायण सिंह मिर्ज़ापुर से जीतकर लोकसभा पहुंचे| 1971 में कांग्रेस ने दोबारा यह सीट जीती| 1977 में हुए आमचुनावों में फ़कीर अली अंसारी ने भारतीय लोक दल को विजयी बनाया| 1980 में कांग्रेस इंदिरा, 1984 में कांग्रेस, 1989 में जनता दल और 1991 में भारतीय जनता पार्टी ने इस सीट पर कब्ज़ा किया|1996 के चुनावों में पहले डाकू रह चुकी फूलन देवी ने समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और मिर्ज़ापुर की पहली महिला सांसद बनी| 1998 में भाजपा के वीरेंद्र सिंह ने सपा की फूलन देवी को हरा दिया मगर 1999 में हुए चुनावों में फूलन देवी ने वीरेन्द्र सिंह को हराकर अपनी हार का बदला ले लिया| 2002 में उपचुनाव हुए, इन चुनावों में सपा ने एक बार फिर जीत पाई| 2004 में नरेन्द्र कुमार कुशवाहा ने मिर्ज़ापुर में बहुजन समाज पार्टी को पहली बार जीत दिलाई| 2007 में आमचुनाव हुए जिनमे एक बार फिर से बसपा ने जीत दर्ज की| 2009 में हुए आम क्झुनावों में सपा के बाल कुमार पटेल ने सपा के अनिल मौर्या को हराया| वर्तमान में यहाँ से केन्द्रीय परिवार कल्याण और स्वस्थ्य राज्यमंत्री और अनुप्रिया पटेल अपना दल की टिकट पर सांसद है| स्थानीय सांसद पहली बार लोकसभा के लिए निर्वाचित हुई है|
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
पहली | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | जॉन विल्सन |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | जॉन विल्सन |
तीसरी | 1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | श्यामधर मिश्रा |
चौथी | 1967 | भारतीय जनसंघ | बांस नारायण सिंह |
पांचवीं | 1971 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | अज़ीज़ इमाम |
छठी | 1977 | भारतीय लोकदल | फ़कीर अली अंसारी |
सातवीं | 1980 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(आई) | अज़ीज़ इमाम |
आठवीं | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | उमाकांत मिश्रा |
नौवां | 1989 | जनता दल | युसूफ बेग |
दसवां | 1991 | भारतीय जनता पार्टी | वीरेन्द्र सिंह |
ग्यारहवां | 1996 | समाजवादी पार्टी | फूलन देवी |
बारहवां | 1998 | भारतीय जनता पार्टी | वीरेन्द्र सिंह |
तेरहवां | 1999 | समाजवादी पार्टी | फूलन देवी |
उपचुनाव | 2002 | समाजवादी पार्टी | राम रति बिंद |
चौदहवां | 2004 | बहुजन समाज पार्टी | नरेन्द्र कुमार कुशवाहा |
उपचुनाव | 2007 | बहुजन समाज पार्टी | रमेश दुबे |
पन्द्रहवां | 2009 | समाजवादी पार्टी | बाल कुमार पटेल |
सोलहवां | 2014 | अपना दल | अनुप्रिया पटेल |