मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र जिसे मिश्रिख नीमसार भी कहते हैं, सीतापुर जिले का नगर पालिका बोर्ड है. मिश्रिख, महान ऋषियों में से एक महर्षि दधिची महाराज की वजह से मशहूर है.
नीमसार को नीम्खार या नैमिषारान्य भी कहते हैं और यह गोमती नदी के बायीं तरफ स्थित है. यहाँ पर स्वयं प्रकट हुए विष्णु भगवान के 8 मंदिरों में से एक है. इसे स्वयाम्व्यखता क्षेत्र है.
महर्षि दधिची का जन्म और मृत्यु दोनों यहीं हुआ था. दधिची ऋषि अथर्वन और चिट्टी के पुत्र थे. अथर्वन ब्रह्मा के मानस पुत्र भृगु ही थे, उन्होंने अथर्ववेद लिखा था इसलिए इनका नाम अथर्वन पड़ गया.
दधिची जिन्हें दध्यंच भी कहते हैं, हिन्दू पुराणों में ख़ास महत्व रखते हैं. दधिची ने असुरों को मारने के लिए इंद्र को अपनी अस्थियाँ दे दी थी, जिससे वज्र बना के इंद्र ने असुरों पर विजय प्राप्त की थी. भारत के सबसे बड़े पुरस्कार ‘परम वीर चक्र’ पर उनकी अस्थियों के वज्र का प्रतीक बना है. “कोई भी त्याग जिससे दुनिया का भला हो, महान होता है” -दधिची ने इसका उदाहरण पेश किया.
दधिची कई हिन्दू किंवदंतियों से जुड़े हुए है. एक जगह पर इनके सर के स्थान पर घोड़े का सर दर्शाया गया है. कहते हैं, जब दधिची ने देखा की राजा दक्ष ने अपने हवन में भगवान शिव को नहीं बुलाया है, वे तुरंत वहां से उठ कर चले गये.
मिश्रिख 305 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला हुआ है. और इसकी जनसँख्या 1,90,334 है. इसमें से 101,637 पुरुष और 88,788 महिलाएं है. यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 879 महिलाएं हैं. यहाँ की पुरुष साक्षरता दर 71% और महिला साक्षरता दर 58% के साथ यहाँ की औसत साक्षरता दर 65% है. चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार मिस्रिख के पूरे लोकसभा संसदीय क्षेत्र में 1,464,770 मतदाता हैं. इसमें से 656,361 महिलाएं और 808,409 पुरुष मतदाता हैं. यहाँ की अधिकारिक भाषा हिंदी है पर यहाँ की बोल चाल की भाषा अवधी है.
मिश्रिख की वर्तमान सांसद भारतीय जनता पार्टी की अंजू बाला हैं.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]मिश्रिख की वर्तमान सांसद भारतीय जनता पार्टी की अंजू बाला हैं.[/penci_blockquote]
मिश्रिख लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं;
मिश्रिख
मल्लान्वान
बालामऊ
संडीला
बिल्हौर
मिश्रिख में पहले लोकसभा चुनाव 1962 में हुए जिसमें भारतीय जन संघ के गोकरण प्रसाद विजयी हुए और यहाँ के पहले सांसद बने. अगले चुनाव में संकटा प्रसाद जीते और सांसद की कुर्सी पर बैठे. संकटा प्रसाद यहाँ लगातार 2 बार यहाँ जीते. और तीसरी बार वे 1984 में भी जीते.
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संकटा प्रसाद कांग्रेस पार्टी के नेता थे. प्रसाद भले ही केवल 3 बार यहाँ के सांसद बने पर उनकी पार्टी कांग्रेस लगातार 7 बार इस क्षेत्र से जीत कर एक नया रिकॉर्ड बनाया. 1977 और 1981 में लगातार 2 बार राम लाल राही यहाँ के सांसद रहे, राही भी कांग्रेस के ही नेता थे.
एक बार संकटा प्रसाद के बाद राही दोबारा यहाँ से खड़े हुए और फिर लगातार 2 बार जीते. 1991 में कांग्रेस की जीत इस क्षेत्र में उसकी आखिरी जीत थी.
1996 में यहाँ की सीट पर भाजपा के नेता परागी लाल ने कब्ज़ा जमाया. भाजपा के पास भी यह सीट ज्यादा दिन नहीं टिकी और अगले ही चुनाव में उसके पास से यह सीट चली गयी.
1998 में इस सीट पर बहुजन समाज पार्टी के राम शंकर भार्गव ने अपना कब्ज़ा जमा लिया. 1999 में यहाँ समाजवादी पार्टी की सुशीला सरोज जीती.
इनके बाद बहुजन समाज पार्टी के अशोक कुमार रावत लगातार 2 बार जीते.
मिश्रिख की वर्तमान सांसद भारतीय जनता पार्टी की अंजू बाला हैं.
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लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | नाम | पार्टी |
तीसरी | 1962 | 1967 | गोकरण प्रसाद | भारतीय जन संघ |
चौथी | 1967 | 1971 | संकटा प्रसाद | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पांचवी | 1971 | 1977 | संकटा प्रसाद | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | रामलाल रही | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
सातवीं | 1980 | 1984 | रामलाल रही | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
आठवीं | 1984 | 1989 | संकटा प्रसाद | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नौवीं | 1989 | 1991 | रामलाल रही | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दसवीं | 1991 | 1996 | रामलाल रही | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | परागी लाल | भारतीय जनता पार्टी |
बारहवीं | 1998 | 1999 | राम शंकर भार्गव | बहुजन समाज पार्टी |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | सुशीला सरोज | समाजवादी पार्टी |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | अशोक कुमार रावत | बहुजन समाज पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2014 | अशोक कुमार रावत | बहुजन समाज पार्टी |
सोलहवीं | 2014 | अब तक | अंजू बाला | भारतीय जनता पार्टी |