गाँधी परिवार की बहू मेनका गाँधी के पीलीभीत लोकसभा क्षेत्र को बांसुरी नगरी भी कहते हैं, क्योंकि यहाँ देश भर में बनने वाली कुल बांसुरियों में लगभग 95% बांसुरी यहीं पर बनती है. पीलीभीत शहर पीलीभीत जिले का नगर पालिका बोर्ड है. यह जिला उप हिमालयन पठार के रोहिलखंड क्षेत्र में बसा हुआ है. 2001 की जनगणना के आधार पर सरकार द्वारा जारी किये गये रिपोर्ट में पीलीभीत देश के अल्पसंख्यक सांद्रित क्षेत्रों में से एक है. इस जिले में कई धाराएं बहती हैं.
भारत सरकार द्वारा किये गये एक आकलन के अनुसार पीलीभीत की जनसँख्या का 45.23% भाग गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रहा है. तेज़ी से बढती जनसँख्या और बेरोजगारी यहाँ की मुख्य समस्या है. भारत सरकार द्वारा जारी की गयी क्रम में, व्यक्तिगत सफाई एवं स्वच्छता की के मामले में, पीलीभीत 423 शहरों में नीचे से तीसरे स्थान पर है.
22 जिले में, पीलीभीत एकलौता ऐसा क्षेत्र है जिसमें जंगली क्षेत्र है, जिसकी वजह से पीलीभीत भौगोलिक और राजनितिक आकर्षण केंद्र है.
पीलीभीत के निवासी ऐसा मानते हैं की महाभारत काल में पीलीभीत के शासक थे राजा मयूरध्वज या मोरध्वज या राजा वेणु. महाभारत महाकाव्य में राजा वेणु और उनके राज्य का उल्लेख मिलता है. मुग़ल काल में पीलीभीत, बरेली सूबा का प्रशासनिक केंद्र था. सुरक्षा की दृष्टि से यहां के सूबेदार अली मोहम्मद खान ने नगर के 4 दिशाओं में 4 दरवाज़े बनवाए; पश्चिम का बरेलवी दरवाज़ा, पूरब का हुस्सैनी दरवाज़ा, उत्तर का जहान्बादी दरवाज़ा और दक्षिण का दक्खिनी दरवाज़ा. अंग्रेजी हुकूमत के समय पीलीभीत एक परगना था.
पीलीभीत का कुल क्षेत्रफल 3,504 वर्ग किलोमीटर है. इस क्षेत्र में 2,031,007 लोग रहते हैं जिसमें से 1,027,002 पुरुष और 959,005 महिलाएं हैं. यहाँ पर प्रति 1000 पुरुषों पर 889 महिलाएं हैं. यहाँ जनसँख्या घनत्व 551 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है. पीलीभीत की औसत साक्षरता दर 63.58% है. यहाँ की पुरुष साक्षरता दर 73.46% है, और महिला साक्षरता दर 52.43% है. चुनाव आयोग की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार यहाँ मतदाताओं की संख्या 1,310,007 है. इसमें से 598,722 महिला मतदाता और 711,285 पुरुष मतदाता हैं.
2014 में फिर मेनका गाँधी ही इस सीट पर बैठीं.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]2014 में फिर मेनका गाँधी ही इस सीट पर बैठीं.[/penci_blockquote]
पीलीभीत निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते हैं;
बहेरी
पीलीभीत
बर्खेरा
पूरनपुर- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
बीसलपुर
1952 में हुए पहले लोकसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता मुकुंद लाल अग्रवाल विजयी हुए और पीलीभीत के पहले सांसद बने.
दूसरे लोकसभा चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के मोहन स्वरुप ने जीत हासिल की और इस सीट पर लगातार 4 बार जीते.
छठवीं लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के मोहम्मद शमशुल हसन खान ने जीत के झंडे गाड़े.
सातवें लोकसभा चुनाव हुए 1977 में जिसमें कांग्रेस ने वापसी की पीलीभीत क्षेत्र में और कांग्रेस नेता हरीश कुमार गंगवार यहाँ के सांसद बने.
अगले चुनाव में भी कांग्रेस ने ही बाज़ी मारी पर इस बार भानु प्रताप यहाँ की सांसद की कुर्सी पर बैठे.
1989 में मेनका गाँधी जनता दल की पार्टी की टिकट पर पीलीभीत में सांसद का चुनाव लड़ी और जीती. मेनका गाँधी 6 बार पीलीभीत की सांसद की कुर्सी पे बैठ चुकी हैं और अब भी ये यहाँ की सांसद हैं.
1991 के चुनाव में मेनका गाँधी को हरा कर भारतीय जनता पार्टी के परशुराम गंगवार पीलीभीत के सांसद बने.
इसके बाद लगातार ये सीट मेनका गाँधी के ही पास रही पर 1989 और 1996 में जनता पार्टी से टिकट लेने के बाद उन्होंने वो पार्टी छोड़ दी.
1998 और 1999 में निर्दलीय जीतने के बाद मेनका गाँधी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गयी. 2009 में भाजपा के नेता और मेनका गाँधी के बेटे वरुण संजय गाँधी मेनका गाँधी की जगह इस क्षेत्र के सांसद बने.
2014 में फिर मेनका गाँधी ही इस सीट पर बैठीं.
मेनका गाँधी केंद्र की महिला एवं बाल कल्याण मंत्री भी हैं.
लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | नाम | पार्टी |
पहली | 1952 | 1057 | मुकुंद लाल अगरवाल | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दूसरी | 1957 | 1962 | मोहन स्वरुप | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
तीसरी | 1962 | 1967 | मोहन स्वरुप | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
चौथी | 1967 | 1971 | मोहन स्वरुप | प्रजा सोशलिस्ट पार्टी |
पांचवी | 1971 | 1977 | मोहन स्वरुप | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | मोहम्मद शमशुल हसन खान | भारतीय लोक दल |
सातवीं | 1980 | 1984 | हरीश कुमार गंगवार | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
आठवीं | 1984 | 1989 | भानु प्रताप सिंह | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नौवीं | 1989 | 1991 | मेनका गाँधी | जनता दल |
दसवीं | 1991 | 1996 | परशुराम गंगवार | भारतीय जनता पार्टी |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | मेनका गाँधी | जनता दल |
बारहवीं | 1998 | 1999 | मेनका गाँधी | निर्दलीय |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | मेनका गाँधी | निर्दलीय |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | मेनका गाँधी | भारतीय जनता पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2014 | वरुण गाँधी | भारतीय जनता पार्टी |
सोलहवीं | 2014 | अब तक | मेनका गाँधी | भारतीय जनता पार्टी |