उन्नाव लोकसभा क्षेत्र लखनऊ और कानपुर के बीच में बसा शहर है, एक बहुत बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है. इसके आस पास 3 औद्योगिक उप नगर हैं. यहाँ उन्नाव जिले का मुख्यालय है. यह शहर अपने चमड़े के काम के लिए, मछरदानी, और रसायन के लिए प्रसिद्ध है. कानपुर-लखनऊ क्षेत्र के अंतर्गत आने की वजह से इसके विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. नया उपग्रह शहर ट्रांस गंगा शहर का निर्माण, उन्नाव को बड़ा औद्योगिक और ढांचा गत क्षेत्र बनाने के लिए किया जा रहा है.
उन्नाव जिला लखनऊ, कानपुर, राय बरेली और हरदोई से घिरा हुआ है.
1200 साल पहले यहाँ केवल जंगल था. 12वीं शताब्दी के अंत में एक चौहान राजपूत गोदो सिंह ने यहाँ के जंगल साफ़ करवाए और सवाई गोदो नाम के शहर की स्थापना की. जो बाद में कन्नौज के शासकों के हाथ में चली गयी. कन्नौज के राजा ने खंडें सिंह को यहाँ का राज्यपाल नियुक्त किया. बिसेन राजपूत और राज्यपाल के लेफ्टिनेंट, उन्वंत सिंह ने खंडे सिंह को मार कर यहाँ एक किला बनवा दिया. और शहर का नाम अपने नाम पर उन्नाव रख दिया.
प्राचीन काल में उन्नाव कोसला महाजनपद का हिस्सा हुआ करता था. जो बाद में अवध में चला गया. इस क्षेत्र में प्राचीन काल के बाद काफ़ी बदलाव आये पर आज भी कुछ जगहों पर प्राचीन इतिहास के निशान मिल ही जाते हैं.
पहले स्वतंत्रता युद्ध से पहले यहाँ की शक्ति ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से ब्रिटिश महारानी के पास चली गयी.
उन्नाव 4,589 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहाँ की कुल जनसंख्या 3,108,378 है, जिसमें से 52% पुरुष और 48% महिलाएं हैं. यहाँ की साक्षरता दर 66.37% है. यहाँ के करीब 75.05% पुरुष और 56.75% महिलाएं पढ़ी लिखी हैं. यहाँ प्रति 1000 पुरुषों पर 907 महिलाएं हैं. यहाँ पर मतदाताओं की संख्या 1,818,980 है, इनमें से 998,067 पुरुष मतदाता और 820,913 महिला मतदाता हैं.
2014 में जीतने के बाद साक्षी महाराज यहाँ के तत्कालीन सांसद हैं. साक्षी महाराज मथुरा और फर्रुखाबाद के सांसद भी रह चुके हैं.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]2014 में जीतने के बाद साक्षी महाराज यहाँ के तत्कालीन सांसद हैं. साक्षी महाराज मथुरा और फर्रुखाबाद के सांसद भी रह चुके हैं.[/penci_blockquote]
उन्नाव लोकसभा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधान सभा क्षेत्र आते हैं;
बांगरमऊ
सफीपुर- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
मोहन- अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित
उन्नाव
भगवंतनगर
पुरवा
उन्नाव लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में पहली बार 1952 में चुनाव हुए जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के विश्वम्भर दयाल त्रिपाठी विजयी हुए और यहाँ के पहले सांसद बने. सुभाष चन्द्र बोस के साथी रहे विश्वम्भर दयाल दोबारा भी इस सीट से लोकसभा का चुनाव जीते. पर 60 साल की उम्र में, कार्यकाल के दौरान ही उनकी मृत्यु हो गयी. जिसकी वजह से उन्नाव में 1960 में उपचुनाव कराये गये. इस उपचुनाव में कांग्रेस के ही नेता लीला धर अस्थाना जीते.
कांग्रेस ने इस सीट पर लगातार 6 बार जीत हासिल की. पर कांग्रेस का कोई भी नेता लगातार 2 बार से ज्यादा यहाँ नहीं रहा. अस्थाना के बाद 2 बार कृष्णा देव त्रिपाठी यहाँ के सांसद बने. और उनके बाद ज़िऔर रहमान अंसारी.
1977 में यहाँ कांग्रेस ने पहली हार देखी. कांग्रेस को हरा कर जनता पार्टी के राघवेन्द्र सिंह सांसद की कुर्सी पर बैठे और उन्नाव का प्रतिनिधित्व किया.
1980 में दोबारा कांग्रेस ने सत्ता अपने आहत में ले ली और ज़िऔर रहमान अंसारी फिर से यहाँ के सांसद बने. ज़िऔर लगातार 2 बार याहं से जीते.
1989 में जनता दल के अनवर अहमन से ज़िऔर को हार कर सांसद की कुर्सी पर अपना कब्ज़ा जमा लिया.
1991 में नवनिर्मित भारतीय जनता पार्टी देवी बक्स सिंह ने यहाँ की कमान अपने हाथ में ली. सिंह लगातार 3 बार यहाँ से जीते.
1999 की सत्ता पलट में समाजवादी पार्टी के दीपक कुमार यहाँ विजयी रहे. इनके बाद बहुजन समाज पार्टी के ब्रजेश पाठक. इन दोनों ही दलों का राजनीतिक सफ़र यहाँ बहुत छोटा रहा.
2009 में 20 सालों बाद आखिरकार कांग्रेस ने यहाँ वापसी की और अनु टंडन यहाँ की सांसद के पद पर बैठीं.
पर अगले ही चुनाव में ये कुर्सी फिर से कांग्रेस से छिन गयी.
2014 में जीतने के बाद साक्षी महाराज यहाँ के तत्कालीन सांसद हैं. साक्षी महाराज मथुरा और फर्रुखाबाद के सांसद भी रह चुके हैं.
लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | नाम | पार्टी |
पहली | 1952 | 1957 | विश्वम्भर दयाल त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
दूसरी | 1957 | 1960 | विश्वम्भर दयाल त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
उपचुनाव | 1960 | 1962 | लीलाधर अस्थाना | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
तीसरी | 1962 | 1967 | कृष्णा देव त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
चौथी | 1967 | 1971 | कृष्णा देव त्रिपाठी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पांचवी | 1971 | 1977 | ज़िऔर रहमान अंसारी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | राघवेन्द्र सिंह | जनता पार्टी |
सातवीं | 1980 | 1984 | ज़िऔर रहमान अंसारी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
आठवीं | 1984 | 1989 | ज़िऔर रहमान अंसारी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
नौवीं | 1989 | 1991 | अनवर अहमद | जनता दल |
दसवीं | 1991 | 1996 | देवी बक्स सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | देवी बक्स सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
बारहवीं | 1998 | 1999 | देवी बक्स सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | दीपक कुमार | समाजवादी पार्टी |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | ब्रजेश पाठक | बहुजन समाज पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2014 | अन्नू टंडन | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
सोलहवीं | 2014 | अब तक | साक्षी महाराज | भारतीय जनता पार्टी |