मन्त्रों में जो महत्त्व ‘ॐ’ का है, वही महत्त्व भारत में बनारस का है| मार्क ट्वेन ने इस जीवंत शहर को इतिहास और परम्पराओं से भी पुराना बताया है| वाराणसी के नाम से जाना जाने वाला यह क्षेत्र काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है| भगवान शिव को समर्पित यह शहर गंगा घाट और बनारसी ठाठ के लिए जाना जाता है| बनारसी लस्सी,बनारसी पान और बनारसी साड़ियों का कोई सानी नहीं है| दूसरे शब्दों में यूँ कहे की हर तरह के ज्ञान की राजधानी बनारस केवल लोगों की आस्था में नहीं बल्कि भारत के हर शहर में बसता है|
वाराणसी को पूर्वांचल की राजधानी भी कहा जाता है| जिले में दो तहसील (पिंडरा और वाराणसी), 1295 गाँव और 39 शहर है| 2011 की जनगणना के अनुसार वाराणसी की जनसंख्या 36,76,841 है| इनमे पुरुषों की संख्या 19,21,857 और महिलाओं की संख्या 17,54,984 है| कुल आबादी का 13.24% हिस्सा अनुसूचित जाति से और 0.78% हिस्सा अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखता है| यूपी के लिंगानुपात 912 के मुकाबले वाराणसी में प्रति 1000 पुरुषों पर 913 महिलाएं है| यहाँ की औसत साक्षरता दर 65.38% है जिनमे पुरुषों की साक्षरता दर 72.28% और महिलाओं की साक्षरता दर 57.82% है|
बनारस हिन्दू विश्वविध्यालय और बीएचयू आईआईटी के कारण आज वाराणसी शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र है| बीएचयू का सुन्दरलाल अस्पताल केवल पूर्वांचल ही नहीं बल्कि बिहार, मध्य प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों के लिए किसी वरदान से कम नहीं| अब इस अस्पताल को एम्स का दर्ज़ा दिलाने की कवायद चल रही है| यहाँ रेल डीजल कारखाना और बीएचईएल के प्लांट है| राष्ट्रीय राजमार्ग 2, एनएच-7, एनएच-29, एनएच- 56 इसे देश के मुख्य शहरों से जोड़ता है| हर तरह के दर्शन को रोज जीने वाला यह क्षेत्र हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है| गंगा के रम्य तट पर बसी यह नगरी हमेशा से ही धर्म-कर्म का केंद्र रही है मगर यह शहर 2014 में राजनीति के केंद्र में तब आ गया जब भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री उम्मीदवार नरेन्द्र मोदी ने यहाँ से चुनाव लड़ने का ऐलान किया|
वाराणसी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र यूपी की 80 सीटों में 77वें नंबर की सीट है| इस संसदीय सीट में यूपी की पांच विधानसभा सीटें आती है-
रोहनिया, वाराणसी कैंट, वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, सेवापुरी
चुनाव आयोग के 2009 के आंकड़ों के अनुसार यहाँ 15,61,854 मतदाता है जिनमे पुरुष मतदाताओं की संख्या 8,67,645 लाख और महिला मतदाता की संख्या 6,94,209 लाख है|
वर्तमान में यहाँ से भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी सांसद है.[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वर्तमान में यहाँ से भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी सांसद है.[/penci_blockquote]
अस्तित्त्व में आने के बाद से ही यह सीट सामान्य श्रेणी की रही गई| 1952 में यहाँ पहली बार चुनाव हुए| भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रघुनाथ सिंह 1952 से 1962 तक लगातार तीन बार सांसद रहे| 1967 में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सत्य नारायण सिंह यहाँ के पहले गैर-कांग्रेसी सांसद बने| 1971 में कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी की और राजाराम शास्त्री निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे| 1977 में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर यहाँ के सांसद बने| 1980 में कमलापति त्रिपाठी(कांग्रेस इंदिरा),1984 में श्यामलाल यादव(कांग्रेस) और 1989 में अनिल शास्त्री (जनता दल) के टिकट पर जीतकर लोकसभा पहुंचे| 1991 में शिरीष चन्द्र दीक्षित ने बनारस में भारतीय जनता पार्टी को पहली बार जीत दिलाई| 1999 तक इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का ही कब्ज़ा रहा|2004 में भाजपा की नज़रे लगातार पांचवीं जीत पर थी लेकिन कांग्रेस के राजेश मिश्र ने यहाँ से जीतकर उसकी उम्मीदों पर पानी फ़ेर दिया| 2009 में मुरली मनोहर जोशी ने भाजपा की बनारस में वापसी करवाई और बसपा के मुख्तार अंसारी को हराकर लोकसभा पहुंचे| वर्तमान में यहाँ से भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी सांसद है|
लोकसभा | वर्ष | पार्टी | नाम |
पहली | 1952 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | रघुनाथ सिंह |
दूसरी | 1957 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | रघुनाथ सिंह |
तीसरी | 1962 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | रघुनाथ सिंह |
चौथी | 1967 | कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया(मार्क्सवादी) | सत्य नारायण सिंह |
पांचवीं | 1971 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राजाराम शास्त्री |
छठी | 1977 | भारतीय लोकदल | चंद्रशेखर |
सातवीं | 1980 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(इंदिरा) | कमलापति त्रिपाठी |
आठवीं | 1984 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | श्यामलाल यादव |
नौवीं | 1989 | जनता दल | अनिल शास्त्री |
दसवीं | 1991 | भारतीय जनता पार्टी | शिरीष चन्द्र दीक्षित |
ग्यारहवीं | 1996 | भारतीय जनता पार्टी | शंकर प्रसाद जयसवाल |
बारहवीं | 1998 | भारतीय जनता पार्टी | शंकर प्रसाद जयसवाल |
तेरहवीं | 1999 | भारतीय जनता पार्टी | शंकर प्रसाद जयसवाल |
चौदहवीं | 2004 | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | राजेश कुमार मिश्रा |
पंद्रहवीं | 2009 | भारतीय जनता पार्टी | मुरली मनोहर जोशी |
सोलहवीं | 2014 | भारतीय जनता पार्टी | नरेन्द्र मोदी |