बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र का प्रशासनिक मुख्यालय है. यह राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंतर्गत आता हिया और ये दिल्ली से केवल 68 किलोमीटर की दूरी पे स्थित है.
भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी भुवनेश्वर कुमार और बॉक्सर के पदक विजेता सतीश कुमार यहीं के हैं.
बुलंदशहर पांडवों की राजधानी इन्द्रप्रस्थ और हस्तिनापुर से बहुत करीब था. हस्तिनापुर ना मिलने की वजह से बुलंदशहर में स्थित अहार पांडवों के लिए बहुत आवश्यक स्थान बन गया. राजा परमाँ ने यहाँ अपना किला बनवाया.
अहिबरन नाम के राजा ने यहाँ एक बरन मीनार की नीवं रखी और इस शहर को अपनी राजधानी बनाया. तब इसका नाम बारनशहर था. जो अधिकारिक तौर पे बुलंदशहर कहा जाने लगा. यह पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि पे बसा था इसलिए इससे मुग़ल काल में फारसी भाषा में बुलंदशहर नाम दिया गया. वर्तमान में यहाँ उप्पर कोर्ट है जिसे राजा अहिबारण का किला माना जाता है. 1192 ई० में मोहम्मद घौरी के आक्रमण के वक़्त उसके सेनाध्यक्ष क़ुतुबुद्दीन ऐबक बरन किले पर हमला कर के बरन राज्य जीत लिया और वहां के राजा चंद्रसेन डोर को मार दिया.
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बुलंदशहर के भातोरा, वीरपुर, घलिबापुर जैसे क्षेत्रों में पाए गये प्राचीन खंडहर बुलंदशहर की प्राचीनता के सबूत पेश करते हैं. यहाँ कई और ऐसी जगहें भी हैं जहाँ मध्यकाल की पुरानी मूर्तियाँ और मंदिर पाए गये हैं. आज भी उस समय की कुछ पुरानी चीज़ें जैसे सिक्के, शिलालेख इत्यादि लखनऊ के राज्य म्यूजियम में संरक्षित है.
मात्र 18 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बसा ये शहर, 232,826 लोगों का घर है. यहाँ जनसँख्या घनत्व 788 प्रति किलोमीटर वर्ग है. चुनाव समिति की 2009 की रिपोर्ट के अनुसार यहाँ मतदाताओं की संख्या 1,482,749 है, जिसमें 810,237 पुरुष मतदाता और 672,512 महिला मतदाता हैं. यहाँ की साक्षरता दर 68.88% है. यहाँ पे पुरुष साक्षरता दर 80.93% है वही महिला साक्षरता दर केवल 55.57% है.
2014 फिर भाजपा के नाम रहा और भोला सिंह बुलंदशहर सीट से लोकसभा चुनाव में जीत गये. भोला सिंह बुलंदशहर के तत्कालीन सांसद हैं[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]2014 फिर भाजपा के नाम रहा और भोला सिंह बुलंदशहर सीट से लोकसभा चुनाव में जीत गये. भोला सिंह बुलंदशहर के तत्कालीन सांसद हैं[/penci_blockquote]
बुलंदशहर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत 5 विधान सभा क्षेत्र आते है;
बुलंदशहर
सयाना
अनूपशहर
डिबाई
शिकारपुर
बुलंदशहर में पहले लोकसभा चुनाव 1952 में हुआ जिसमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रघुबर दयाल मिश्र भरी मतों से विजयी हुए. अगले चुनाव में फिर से दयाल ने जीत हासिल की और इस तरह वो लगातार 10 सालों तक बुलंदशहर के सांसद रहे.
तीसरे लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के ही नेता सुरेंद्र पल सिंह सांसद की कुर्सी पे बैठे और लगातार 3 बार जीत हासिल की. उन्होंने ने यह कुर्सी 9 सालों तक नहीं छोड़ी. फिर 6 सालों के लम्बे ब्रेक के बाद वे वापस सत्ता में आये और 1984 में फिर बुलंदशहर के सांसद बने.
इस बीच 1977 में बुलंदशहर के सांसद बने भारतीय लोकदल के बाबू बनारसी दास. बनारसी दास स्वतंत्रता संघर्ष में अहम भूमिका में रहे और कई बार जेल भी गये. आज़ादी के बाद वे उत्तर प्रदेश के ग्यारहवें मुख्यमंत्री भी रहे. लखनऊ में इनके नाम का शिक्षण संसथान भी है.
1980 में जनता पार्टी सेक्युलर के महमूद हसन खान बुलंदशहर के सांसद बने.
1984 लोकसभा चुनाव में बुलंदशहर में कांग्रेस की जीत, इस क्षेत्र में इसकी आखिरी जीत थी.
1989 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के सरवर हुसैन बुलंदशहर लोकसभा क्षेत्र से विजयी हुये.
1991 में भारतीय जनता पार्टी बुलंदशहर में सत्ता में आई और भाजपा के मंत्री छत्रपाल सिंह लगातार 4 बार इस सीट से जीते और 8 सालों तक यहाँ सांसद के पद पे रहे. इसके बाद 2004 में भी भाजपा ने ही अपनी जीत दर्ज करायी और भाजपा के नेता कल्याण सिंह यहाँ सांसद बने. कल्याण सिंह वर्तमान में राजस्थान के राज्यपाल हैं. 2015 में ये हिमांचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे.
2009 लोकसभा चुनाव भाजपा के पक्ष में नहीं रहा और इस बार वो समाजवादी पार्टी के हाथों हार गयी. समाजवादी पार्टी के नेता कमलेश बाल्मीकि 5 सालों के लिए बुलंदशहर के सांसद रहे.
2014 फिर भाजपा के नाम रहा और भोला सिंह बुलंदशहर सीट से लोकसभा चुनाव में जीत गये. भोला सिंह बुलंदशहर के तत्कालीन सांसद हैं
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लोकसभा | वर्ष से | वर्ष तक | नाम | पार्टी |
पहली | 1952 | 1957 | रघुबर दयाल मिश्र | कांग्रेस |
दूसरी | 1957 | 1962 | रघुबर दयाल मिश्र | कांग्रेस |
तीसरी | 1962 | 1967 | सुरेंद्र सिंह | कांग्रेस |
चौथी | 1967 | 1971 | सुरेंद्र सिंह | कांग्रेस |
पांचवी | 1971 | 1977 | सुरेंद्र सिंह | कांग्रेस |
छठवीं | 1977 | 1980 | बनारसी दस | भारतीय लोक दल |
सातवीं | 1980 | 1984 | महमूद हसन खान | जनता पार्टी |
आठवीं | 1984 | 1989 | सुरेंद्र सिंह | कांग्रेस |
नौवीं | 1989 | 1991 | सर्वर हुसैन | जनता दल |
दसवीं | 1991 | 1996 | छत्रपाल सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
ग्यारहवीं | 1996 | 1998 | छत्रपाल सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
बारहवीं | 1998 | 1999 | छत्रपाल सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
तेरहवीं | 1999 | 2004 | छत्रपाल सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
चौदहवीं | 2004 | 2009 | कल्याण सिंह | भारतीय जनता पार्टी |
पंद्रहवीं | 2009 | 2014 | कमलेश बाल्मीकि | समाजवादी पार्टी |
सोलहवीं | 2014 | अब तक | भोला सिंह | भारतीय जनता पार्टी |