पहले हमारे देश को मदारियों, सपेरों का देश मना जाता था, वो तो मिट गया लेकिन खुले में शौच का कलंक फिर भी था, जब से पीएम ने खुले में शौच मुक्त देश की ठानी तब से ये छवि भी खत्म हो रही है-उमा भारती
पहले हमारे देश को मदारियों, सपेरों का देश मना जाता था, वो तो मिट गया लेकिन खुले में शौच का कलंक फिर भी था, जब से पीएम ने खुले में शौच मुक्त देश की ठानी तब से ये छवि भी खत्म हो रही है-उमा भारती