जनपद मुजफ्फरनगर में एक अजीब ओ-गरीब मामला सामने आया है जिसमें राखी नाम की एक महिला अचानक से शहजादी बन गई हैं महिला एक सप्ताह पहले अपने पति का घर छोड़कर अपने तीन बच्चों के साथ दिल्ली से लापता हो गई थी जो शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के जसोइ गांव में मिली …. मामले की जानकारी हिन्दू संगठन के लोगो को लगी तो हिन्दू संगठन के लोगो ने तितावी थाने का घेराव कर दिया जिसके बाद आनन फानन में तितावी पुलिस आशा ज्योति केंद्र की प्रभारी अंजना चौहान को साथ लेकर महिला और उसके तीनो बच्चों को थाने ले आई ओर राखी के पति को सूचित कर दिया।राखी उर्फ शहजादी का कहना है कि वह 8 साल की उम्र में गुम हो गई थी अब उसने अपने गांव जसोइ में अपने माता पिता को पहचान लिया है ओर अब वह अपने पति को छोड़कर अपने अम्मी अब्बू के पास रहना चाहती हैं।आपको बता दें कि महिला राखी की शादी लगभग 10 – 12 साल पहले दिल्ली के नजफगढ़ निवासी राजकुमार से हुई थीे शादी के बाद राखी ने 3 बच्चो को भी जन्म दिया ,सूचना पाकर मुजफ्फरनगर पहुंचे राखी उर्फ शहजादी के पति राजकुमार ने भी राखी पर गंभीर आरोप लगाते हुए अपने साथ ले जाने की बात कही मगर मामले में हिन्दू संगठन के लोगो के हस्तक्षेप के कारण मामला हिन्दू बनाम मुस्लिम में उलझ कर रहा गया है जिसके चलते प्रशासन मामले का निपटारा होने तक महिला को नारी निकेतन भेजने की तैयारी कर रहा है।

आपको बता दें कि लगभग 20 साल पहले बिमलेश नाम की महिला को 8 साल की उम्र में बागपत जनपद के बड़ौत रेलवे स्टेशन पर लावारिस हालात में मिली थी राखी,जिसके बाद बिमलेश ओर उसके पति रामकुमार ने राखी का लालन पालन किया था और जवान होने पर राखी की शादी हिन्दू रीतिरिवाज से राजकुमार नाम के युवक से कर दी थी।
विमलेश पत्नी रामकुमार का कहना है कि उन्हें बड़ौत रेलवे स्टेशन से लगभग 20 साल पहले 8 साल की यह बच्ची मिली थी जिसे उन्होंने पाल पोस कर बड़ा किया और उसके बाद हिंदू रीति रिवाज से दिल्ली के नजफगढ़ निवासी राजकुमार से उसकी शादी कर दी शादी के बाद दोनों को 3 बच्चे हैं आपस में किसी बात को लेकर मनमुटाव रहता है भरा पूरा परिवार होने के बावजूद भी उन्होंने राखी को बड़े ही लाड प्यार से पाला था।

राखी और शहजादी का पति राजकुमार दिल्ली में मजदूरी करता था जब की वह खुद पराठे का ठेला लगाती थी लगभग 1 सप्ताह पहले राखी अपने तीनों बच्चों को लेकर मुजफ्फरनगर के थाना तितावी क्षेत्र के गांव जसोई में पहुंच गई और जिसने गांव जसोई में अपने परिवार को पहचानने का दावा करते हुए अपनी माता रुकशाना पिता महबूब  और भाई शहजाद के साथ रहने की इच्छा जता डाली वहीं मामले की जानकारी हिंदू संगठन के लोगों को हुई तो हिंदू संगठन के लोग भी मामले में कूद गए  जिसमें हिन्दू संगठन के लोगो ने बच्चों को पिता के साथ भेजने की मांग की है।

बिमलेश(राखी उर्फ पिंकी ओर शहजादी को पालने वाली माँ)बिमलेश ने बताया कि जब यह 8 साल की थी तब से हमने इसकी परवरिश की इसकी शादी की इसकी शादी को 12 साल हो गए यह हमें बडोत रेलवे स्टेशन के पास से मिली थी,मैं इसे अपने घर ले आई और मेरे 5 बच्चे हैं उन्हीं बच्चों की तरह मैंने उसकी परवरिश की और अपनी लड़कियों से पहले इसकी शादी की ताकि कोई हम पर उंगली ना उठा सके।मेरे बच्चों ने इससे कई बार पूछा कि बहन अपने घर का नाम पता बता दे हम तुम्हें वहीं छोड़ आएंगे लेकिन इसने बताया कि मैं अपने गांव अपने पापा या भाई बहन को किसी को नहीं जानती हूं ना मुझे किसी का नाम याद है जब हमने नाम पूछा तो इसने अपना नाम पिंकी बताया पहले कभी इसने जसोई गांव का नाम नहीं लिया और आज यह अपने आप को जसोइ गांव की बता रही है।

शहजाद(राखी उर्फ पिंकी उर्फ शहजादी का बिछड़ा हुआ भाई)शहजाद ने बताया कि सर्दियों में यह जसोई आई थी वहां हमारे मामू को देखकर इसने पहचान लिया और उसने कहा आप मुझे जानते नहीं मैं आपकी भांजी हूं तो वह हमारे घर आ गई, उधर से आ रही नानी जो घास लेकर आ रही थी उसको भी इन्होंने पहचान लिया उसके बाद जब यह घर में सबसे मिली तो हम सब इकट्ठा हुए तो इसने हर वह बात बताई जो हमारे बहन भाइयों के बीच हुआ करती थी इसने कुछ इमारतों की पहचान बताई जहां पहले कुछ नहीं था वह इमारत बन गई ऐसा बताने पर हमने विश्वास कर लिया कि हां तुम ही हमारी बहन हो, उस समय हमारा परिवार अनपढ़ था कुछ नहीं जानता था लेकिन हमने एक तहरीर थाने में दी थी। ऐसा हुआ था बकरा ईद का त्यौहार था और हम इसे घर छोड़कर सब जंगल गए हुए थे और जब हम 3:00 बजे घर वापस आए तो हमने देखा कि बच्ची घर नहीं है हमने उसको बहुत ढूंढा लेकिन हमें मिली नहीं, अब इसका यह कहना है कि मेरा घर वाला मुझे परेशान करता है और मैं यही रहना चाहती हूं।

-राजकुमार(राखी उर्फ पिंकी उर्फ शहजादी का पति)राजकुमार ने बताया कि मेरी शादी पिंकी से हुई जिसका नाम मैंने बदल कर राखी रख दिया हमारी शादी को 11 साल हो गए हैं और मैं उसे बहुत अच्छी तरीके से रखना चाहता हूं लेकिन यह रहना नहीं चाहती। मैं बहुत परेशान हूं जगह-जगह से फोन आते हैं, हर जगह इसके मां-बाप मिल जाते हैं,इससे मेरी शादी यह कह कर कराई गई थी कि यह अनाथ है और मैं शुरू से ही अनाथ से शादी करने की सोच रहा था,कि मैं अनाथ से ही शादी करूंगा। जब हमारी शादी को एक महीना हुआ था तब से ही यह इसने ऐसा करना शुरू कर दिया था मेरे तीन बच्चे हैं इनके बगैर मैं नहीं रह सकता और मैं अपनी घरवाली के बिना भी नहीं रह सकता, मुझे पिछले 2 महीने से दबाव बना जा रहा था।

पिंकी उर्फ राखी उर्फ शहजादी-राखी उर्फ शहजादी ने बताया कि जब मैं 8 साल की थी मैं खो गई थी और हिंदू परिवार ने मेरी परवरिश की और मेरी शादी एक हिंदू परिवार में हो गई मैंने विरोध भी किया लेकिन मेरा साथ देने वाला कोई नहीं था मैं दिल्ली में पराठे की रेहड़ी लगा कर अपने परिवार का पालन पोषण करती हूं। लेकिन मेरा पति मुझे गंदी गंदी गालियां देकर मुझे पीटता है ।लेकिन एक दिन जब कोई व्यक्ति कपड़े की फेरी कर रहा था। तो उसने जसोई का नाम लिया,तब मैंने उससे पूछा कि भैया गांव जसोई को तो मैं जानती हूं ,मैं वहां की रहने वाली हूं,पर मुझे रास्ते का नहीं पता आप मुझे रास्ता बता दीजिए की वहां कैसे कैसे जाना है,उसने मुझे रास्ता बताया और उसके बाद मैं अपने यहां चली आई यहां आकर मैंने अपने माता पिता व भाई बहन को पहचान लिया। किसी ने मुझे बताया नहीं की में तेरा भाई हु में तेरी बहन हु।अब मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहती हूं अपने पति के साथ नहीं। अगर समाज चाहता है की ये बच्चे हिन्दू के है तो ये उनके पास चले जाए । मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

अंजना चौहान(महिला व बाल विकास अधिकारी)अंजना चौहान ने बताया कि अभी कहना मुश्किल है लेकिन इसका डीएनए कराने के बाद में पता चल जाएगा यह हिंदू है या मुस्लिम, क्योंकि अभी तो यह अपने आप को मुस्लिम बता रही है और जो उसकी परवरिश हुई है वह हिंदू फैमिली ने की है उसकी शादी भी हिंदू फैमिली में हुई है उसके तीन बच्चे हैं लेकिन इसे हमने समझाने का प्रयास भी किया लेकिन यह बता रही है कि मेरा पति मेरे साथ बहुत मारपीट करता है और मैं उसके साथ नहीं रहना चाहती।

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