उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के कांशीराम कॉलोनी में सोमवार देर रात हुई चार हत्यायों का बुधवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया है। पुलिस ने हत्या के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। जबकि मुख्य आरोपी अभी तक फरार है। उसे पकड़ने के लिए पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं।
एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कांशीराम कॉलोनी में सोमवार देर रात नेहा (38 वर्ष) की गला घोटकर हत्या करने के बाद उसकी तीन बेटियों तुल्सी (7वर्ष), कल्लो उर्फ मोहिनी (4वर्ष), नन्हो उर्फ फलक (3वर्ष) को चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया गया था। शक के आधार पर मृतक महिला नेहा के पति छोटेलाल को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई थी। पूछताछ में महिला के पति ने बताया कि वह टीवी की बीमारी से ग्रसित है, और मेहनत मजदूरी का काम करने में असमर्थ है। इसलिए वह ट्रेनों में जाकर यात्रियों की जेब काटकर अपने घर का खर्चा चलाता है। उसका एक साथी राजकुमार उर्फ अन्ना जो उसी के गांव कुमहरा का रहने वाला है, उसके साथ मिलकर ट्रेनों में जेब काटता है।
अन्ना का घर पर आना जाना था। इसी के दौरान उसकी खराब आर्थिक स्थिति को देखकर अन्ना ने उसे कुछ रुपये उधार दिए और उसकी पत्नी नेहा पर बुरी नजर रखने लगा। नेहा पर अपना अधिकार जताने लगा। करीब 20 दिन पहले अन्ना ने जब नेहा के साथ जबरदस्ती करने की कोशिश की तो मोहल्ले वालों की मदद से मारपीट कर अन्ना को यहां से भगा दिया था। एसएसपी ने बताया कि अन्ना को पकड़ने के लिए कई थानों की पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम को लगाया गया था। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अन्ना के दो साथियों सोनू और रवि को अलग-अलग जगह से गिरफ्तार किया। पकड़े गए अन्ना के साथियों से जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने अन्ना के साथ मिलकर मां-बेटियों की हत्या की वारदात को अंजाम देना कुबूल कर लिया। पकड़े गए दोनों हत्यारोपियों ने बताया कि अन्ना ने रूपयों का लालच देकर इस वारदात में हमें शामिल किया था। सोमवार की रात में नेहा का पति छोटेलाल जब रात में ट्रेन में जेब काटने टूंडला गया था।
देर रात एक बजे अन्ना के साथ शराब के नशे में नेहा के कांशीराम कॉलोनी में चौथी मंजिल पर बने आवास नम्बर 334 में जबरदस्ती घुस गए। नेहा ने विरोध किया तो उन दोनों ने अन्ना के साथ मिलकर नेहा का गला दबा दिया। नेहा के चिल्लाने पर उसकी दो बेटियों की नींद खुल गयी। जिससे घबराकर तीनों ने मिलकर नेहा और दो बेटियों की गला दबाकर हत्या कर दी। तीसरी बेटी तुलसी जो सो रही थी, उसे और दोनों बेटियों को उठाकर चौथी मंजिल से नीचे फेंक दिया। जिसमे तुलसी की इलाज के दौरान सैफई मिनी पीजीआई में मौत हो गई थी। एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने बताया कि हत्याकांड को अंजाम देने से पहले गिरफ्तार हत्यारोपियों ने अपना मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर लिया था। ताकि पुलिस मोबाइल लोकेशन के आधार पर उन लोगों पर शक न कर सके। फरार मुख्य हत्यारोपी अन्ना मोबाइल फोन नहीं रखता है। जिससे पुलिस को उसकी लोकेशन पताकर उसे गिरफ्तार करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन उसकी गिरफ़्तारी के लिए पुलिस की तीन टीमें बनाकर लगा दी गयी हैं। जल्द ही अन्ना की गिरफ्तारी भी की जायेगी।