जनपद में नहीं एक भी स्वाधार गृह , उत्तर प्रदेश के देवरिया और बिहार के मुज्जफरनगर में बालिका गृह में यौन शोषण का मामला सामने आते ही योगी सरकार के तेवर सख्त हों गये है।प्रदेश ही नहीं पूरे देश में अधिकतर जगह स्वाधार गृह है परंतु जनपद फतेहपुर में स्वाधार गृह पूरी तरह से बंद हो गया है।
जब स्वाधार गृह के संचालक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि वो स्वामी धर्मानंद समिति के अंतर्गत स्वाधार गृह चला रहे थे जो की अब पूरी तरीके से बंद है और बंद होने का कारण धन का आभाव है जो समय से नही मिल पता था। उन्होंने ये भी बताया है कि जब तक केंद्र सरकार द्वारा सहायता राशि दी जाती रही है जो समय से मिल जाती थी और अब प्रदेश सरकार द्वारा समय से धन उपलब्ध नही हो पा रहा है।
उन्होंने काफी दिनों कर्ज लेकर स्वाधार गृह का संचालन किया पर कर्ज अधिक हो जाने के कारण कर्जदार उनके घर आने लगे थे जिससे उन्हें मानसिक प्रताड़ित हिना पड़ता था, केंद्र सरकार प्रति महिला 87 रूपये देती थी जबकि प्रदेश सरकार 43रुपये 33 पैसे दे रही थी जिसमे ख़र्च पूरे नहीं हों पा रहे थे इसलिए उन्होंने सितंबर 2017 में संस्था को बंद कर दिया था। अब जिले में स्वाधार संस्था के ना होने के कारण जिले से महिलाओं को इलाहाबाद के स्वाधार गृह भेजा जाता है।