इज्जतघर की माँग करना दलित महिला को पड़ा महंगा, प्रधान पति पर अपने पुत्र व कुछ साथियों के साथ मिलकर अकेली महिला के साथ की मारपीट और बदसलूकी करने का आरोप । उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में एक मामला देखने को मिला जहां दलित महिला को प्रधान व उसके पुत्र सहित अन्य साथियों ने जमकर गाली गलौज के साथ ही मारपीट की व अकेली महिला को दौड़ाकर बदसलूकी करने का प्रयास किया किसी तरह पीड़ित अपनी जान व इज्जत बचा कर गांव से भाग आई और इसकी शिकायत स्थानीय पुलिस थाने में दी।
क्या हैं मामला ?
मामला बाराबंकी जिले के थाना सुबेहा अंतर्गत ग्राम पंचायत चकौरा का है । उक्त गांव निवासी सीमा पत्नी सूबेदार ने आवास एवं इज्जतघर की मांग कई बार ग्राम प्रधान से की मगर प्रधान के ना सुनने के बाद इसकी शिकायत मीडियाकर्मियों से कर दी जिसके बाद प्रधान पति आग बबूला हो गया , ग्राम प्रधान पति इंद्रजीत यादव व उनके पुत्र रिंकू,कोटेदार अचल यादव,परशुराम ,विश्वनाथ आदि साथियों ने पीड़ित को गांव के बाहर बने घाट पर घेर लिया और गंदी-गंदी गालियां देते हुए मारपीट करने का आरोप , जिसके दौरान महिला के कपड़े खुल गए और पीड़ित लज्जाहीन हो गई, दबंगों ने धारदार हथियार से भी पीड़ित महिला के पति सूबेदार पर हमला करने की कोशिश की किसी तरह से जान बचा कर महिला अपने पति को लेकर वहां से भाग निकली।
रियलिटी चेक के दौरान,ग्रामीणों ने लगाए आरोप ?
वही जब इस मामले पर जांच करने चकौरा गांव पहुंची “UttarPradesh.org” की टीम तो कहीं ना कहीं आरोप सत्य साबित होता प्रतीत हुआ, गांव का मंजर वाकई अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा हुआ था । मौके पर पाया गया की शौचालय को ग्रामीण घास-फूस और लकड़ियां रखने के लिए प्रयोग करते हैं,अधिकतर शौचालयों के दरवाजे हवा में उड़ गए,हैंडपंप से दूषित व गंदा पानी निकल रहा था जिसे ग्रामीण पीने को विवश थे,वही जब गांव के निवासी चंद्र प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यहां ग्राम प्रधान ने शौचालय निर्माण तो कराया लेकिन हवा के थपेड़ों से उसका दरवाजा और छत उड़ जाता है जिससे शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है,पहली ही बारिश में सड़क एवं पुलिया बह गई हैं जिससे हम लोगों को आने जाने में भारी मशक्कत का सामना करना पड़ता है,
ढह गया स्वच्छ भारत अभियान का सपना –
चकौरा गांव निवासी राधेश्याम ने बताया कि हमारा गांव खुले में शौच मुक्त है लेकिन ग्राम प्रधान द्वारा बनाया गया शौचालय घटिया सामग्री से निर्मित है। जिससे इसकी छत और दीवार सब ढह जाते हैं ।यहां तक कि शौचालय में टैंक का निर्माण भी नहीं कराया जाता है !
दूसरी सरकार का करों इन्तजार-
वहीं कुछ ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि ग्राम प्रधान से जब हम लोग इज्ज़त घर और आवास की मांग करते हैं तो ग्राम प्रधान कहते है कि अभी हमारी सरकार नहीं है जब हमारी सरकार आयेगी तभी आप लोगों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करा पायेंगे । प्रधान पति इन्द्रजीत यादव कहते कि इस सरकार में हमें कुछ नहीं मिलता दूसरी सरकार का इंतजार करो। वही गांव की एक दलित महिला ने आरोप लगाया कि जब ग्राम प्रधान से आवास की मांग की तो कहते हैं कि इस बीजेपी सरकार में हमें आप को देने के लिए कुछ नहीं मिलता है जब हमारी सरकार आ जाएगी तो आप लोगों को सब कुछ दिया जाएगा तब तक आप लोग इंतजार करो !
आंगनबाड़ी केंद्र बना ग्राम प्रधान का मनोरंजन केंद्र-
चकौरा गांव में निर्मित एक आंगनबाड़ी केंद्र है जिस पर ग्राम प्रधान पर कब्जे का आरोप है उसे ग्राम प्रधान अपने स्टोर रूम और बेडरूम के रूप में इस्तेमाल करते हैं। वही गांव वालों ने यह भी बताया कि प्रधान जी ने आंगनबाड़ी केंद्र की बाउंड्री को तोड़वा कर अपना आलीशान भवन का निर्माण किया है 3 सालों में गांव का विकास हो या ना हो लेकिन ग्राम प्रधान का विकास तेजी से हुआ है।
क्या बोले जिम्मेदार !
वही जब इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक बैजनाथ रावत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार में कोई भी ग्राम प्रधान भ्रष्टाचार नहीं कर पाएगा अगर चकौरा ग्राम प्रधान ने इस तरह भ्रष्टाचार किया हैं तो उनके खिलाफ जांच करवाकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।और जो भी अधिकारी इसमें संलिप्त होगा उसके खिलाफ कडी कार्रवाई की जायेंगी।
भाजपा सरकार हर वर्ग के विकास के लिए प्रयासरत है, तरह-तरह की योजनाएं प्रदेश भर में चलाई जा रही हैं अगर इस तरह का आरोप सरकार पर कोई लगाता है कि बीजेपी सरकार में हमें कुछ नहीं मिलता तो वह बिल्कुल गलत है,और रही बात प्रधान के भ्रष्टाचारों की तो उचित जांच करवा कर प्रधान पर कार्यवाही की जाएगी ।