योगी राज में पुलिस थाने पर तैनात तमाम जिम्मेदार थानों पर आने वाले फरियादियों की पीड़ा पर किस तरह दर्द का मरहम लगाते हैं। उसकी एक जीती जागती मिशाल बहराइच जिले के थाना जरवल के थानेदार मधुप नाथ मिश्रा की कार्य व्यवस्था की पोल खोलने के लिये खुद-ब-खुद काफी है। जबकि यू.पी पुलिस के मुखिया डीजीपी ओपी सिंह ने कई बार अल्टीमेटम के साथ इस बात के शख्त निर्देश दे चुके हैं कि थानों पर अपनी फरियाद लेकर आने वाले पीड़ित फरियादियों के साथ अच्छे से पेश आया जाए। वहीं अपराधियों के साथ पुलिस का दोस्ताना रवैया किसी कीमत पर बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उसके बावजूद बहराइच पुलिस का अपराधियों से सांठ गांठ और उनको संरक्षण देने की प्रकृति खत्म होने का नाम नहीं ले रही है।

क्या है पूरा मामला

मामला जरवलरोड थाना क्षेत्र के धौकलपुरवा गांव के रहने वाले 35 वर्षीय दलित बिरादरी के धर्मराज नाम के एक युवक की हत्या से जुड़ा हुआ है। जिसका शव बीते 22 जून 2018 को रिठौरा गांव के पास से एक गन्ने के खेत से खून से लथपथ अवस्था में पुलिस टीम द्वारा बरामद किया गया था। जिसकी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे मृतक के पिता प्रेम नारायन ने जरवल थाने में अपने बेटे धर्मराज की हत्या के आरोप में 5 अभियुक्तों बब्बू पुत्र जसवंत लाल , कालिया पुत्र दस्तगीर , लाला पुत्र देशराज , पप्पू पुत्र शिवचरण , जसवंत लाल पुत्र गजोधर प्रसाद निवासी धौकलपुरवा मुस्तफाबाद को नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें आईपीसी 302 की धारा के अलावा दलित एक्ट का भी मुकदमा दर्ज हुआ था। लेकिन पीड़ित परिवार को इंसाफ देने के बजाय 5 लाख की मोटी रकम वसूलने के लालच में आकर थानाध्यक्ष जरवल मधुपनाथ मिश्रा नियम कानून को ताक पर रख हत्यारोपियों से सौदेबाजी कर उनको बचाने की पूरी भूमिका अदा करते नजर आए।

मामला सूबे के कैबिनेट मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा के विधानसभा क्षेत्र से सामने आया है। जहां के जरवल रोड थाने पर तैनात थानाध्यक्ष मधुपनाथ के ऊपर हत्या के मामले में नामजद 4 मुख्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी करने के बाद थाने के लॉकप में 4 दिनों तक हिरासत में रखने के बाद आरोपियों को छोड़ने के एवज में 5 लाख रुपये की रिश्वत लेकर हत्या के आरोपियों को हिरासत से भगाने का आरोप लगा है। मामले का खुलासा तब हुआ जब थाने का निरीक्षण करने पहुंचे देवीपाटन मंडल के डीआईजी अनिल कुमार राय के सामने हाजिर होकर आरोपी पक्ष के कुछ लोगों ने 4 दिनों तक थाने में 4 आरोपियों को थानाध्यक्ष द्वारा बंधक बनाकर रखने की बात बतायी गयी। जिसकी जानकारी होते ही डीआईजी भी अवाक रह गए।इस मामले में डीआईजी ने जांच के लिये सीओ कैसरगंज को नियुक्त किया , और जांच के आधार पर कड़ी कार्यवाई करने का आश्वासन दिया है।

परिवार पर सरेंडर करने का बनाया जा रहा दबाव

इस मामले का खुलासा पीड़ित परिवार के लोगों ने उस वक्त किया जब वो इंसाफ का भरोसा लेकर बहराइच एसपी दफ्तर पहुंचे। जहाँ उन्होंने थानाध्यक्ष के ऊपर आरोप लगाते हुए इस बात की तहरीर दी कि थानेदार ने उनके बेटे की हत्या करने वाले 4 आरोपियों को 4 दिनों तक हिरासत में रखने के बाद उनसे 5 लाख की रकम वसूल कर उन्हें थाने से छोड़ दिया।अब आरोपी पीड़ित पक्ष के पूरे परिवार को जान से खत्म कर अदालत में सरेंडर करने की धमकी दे रहे हैं। जिससे मृतक का परिवार डरा,सहमा हुआ है। वहीं इस मामले को एसपी बहराइच सभाराज ने भी काफी संगीन मामला करार देते हुए मामले की जांच एसपी ग्रामीण से कराकर सख्त से सख्त कार्यवाई का भरोसा पीड़ित परिवार को दिलाया है। अब देखना है कि रुपये की खातिर नियम कानून का गला घोंट कर हत्यारोपियों को हिरासत से बरी करने वाले आरोपी थानाध्यक्ष के खिलाफ किस तरह का एक्शन होता है। पीड़ित परिवार के लोगों का कहना है कि थाने की पुलिस न तो उन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट दे रही है और न ही उनकी सुनवाई कर रही है और शिकायत करने के बाद से थाने की पुलिस पीड़ित परिवार को दबाव में लेने के लिये तरह तरह से प्रताड़ित भी कर रही है।

थानाध्यक्ष जरवल मधुपनाथ पर इससे पहले भी लग चुका है आरोप

थानाध्यक्ष जरवल मधुपनाथ का ये कोई पहला मामला नहीं है , जिसका प्रमाण यही है कि बीते दिनों एक दलित बिरादरी से जुड़े एक रिटायर्ड यूपी पुलिस के दरोगा के बेटे को थाने में थर्ड डिग्री देने का आरोप मधुपनाथ के ऊपर लग चुका है। जिसको लेकर रियायर्ड दरोगा सहित उसका पूरा परिवार करीब 1 माह तक डीएम आफिस के सामने धरना दे चुका है। लेकिन ऊंची पहुंच और वजनी पेपर वेट के बल पर कार्यवाई की पत्रावली आज तक ठंडे बस्ते में धूल फांक रही है। वहीं अब ये एक बार फिर एक दलित युवक की हत्या से जुड़ा मामला सामने आया है जिसमें हत्यारोपियों से 5 लाख की रिश्वत लेकर उन्हें आजाद करने करने खुला फरमान सुना देने का आरोप लगा है।

जबकि बहराइच जिले में पहली बार दौरे पर आए गोरखपुर जोन के एडीजी दावा शेरपा ने साफ तौर पर भरोसा दिलाया था कि अपराधियों से सांठ गांठ करने वाले पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही करेगी।

 

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