- बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों पर छापेमारी का असर नहीं |
- जिले के बिभिन्न तहसीलों में अभी भी धड़ल्ले से दर्जनों बिना मान्यता के स्कूल चल रहे हैं।
- हर साल जुलाई अगस्त में सरकारी अभियान के समय ऐसे विद्यालय कुछ समय के लिए बंद होते है बाद में फिर विभागीय सांठ-गांठ से चालू हो जाते है।
- गत वर्ष भी जुलाई अगस्त महीने में छापेमारी की गई थी और दो दर्जन से अधिक बिना मान्यता के चल रहे नर्सरी स्कूलों और मदरसों को नोटिस दी गई थी।
- लेकिन बाद में विद्यालय फिर चलने लगे।
- जानकारी के अनुसार क्षेत्र में दर्जनों हिंदी और अंग्रेजी मीडियम ऐसे हैं जिनके पास मान्यता नहीं है
- कुछ विद्यालय ऐसे हैं जो प्राइमरी की मान्यता लेकर 8 से 12 तक की भी कक्षाएं चला रहे है।
- ऐसे विद्यालय मान्यता के मानक भी नहीं पूरी करते है।
- यहां न मानक के अनुसार कमरे हैं और न बालक-बालिकाओं के लिए अलग शौचालय की व्यवस्था।
- छोटे-छोटे कमरे में सीमेंट और टीनशेड डालकर चल रहे नर्सरी स्कूल।
- अभिभावकों का खूब शोषण कर रहे है।
- इन विद्यालयों में शिक्षा के अधिकार अधिनियम का भी खुला उल्लंघन होता है।
- गरीब बच्चों के 25 प्रतिशत सीटों के आरक्षण की व्यवस्था सिर्फ कागजों पर सिमट कर रह गई है।
- इन विद्यालयों में अप्रशिक्षित अध्यापकों द्वारा शिक्षण का कार्य किया जाता है।
- इस बारे में पूछने पर खंड शिक्षाधिकारी शाहगंज राजीव कुमार यादव ने बताया कि इस बार एक तरफ से सभी निजी विद्यालयों के मान्यता के कागज लेकर उन स्कूलों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।
- मान्यता के विपरीत पाए जाने पर विद्यालय को बंद कराया जाएगा और संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
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