यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरू हो चुकी है। परीक्षा का पहला दिन लगभग सभी सेंटरों पर नकलविहिन परीक्षा संपन्न कराने के लिए काफी कड़ाई बरती गई। हालांकि प्रदेश में कई जगह नकल होने के कई मामले सामने आए। साथ ही फ्लाइंग स्कॉड ने सेंटरों की जांच के दौरान नकल पकड़े जाने पर निरीक्षकों, प्रिसिंपल और छात्रों पर भी कड़ी कार्रवाई की। इसके अतिरिक्त कड़ाई के चलते पहले दिन यूपी बोर्ड परीक्षा छोड़ने वाले परीक्षार्थियों की संख्या डेढ लाख से ज्यादा रही।
पहले ही दिन छोड़ी परीक्षा
- यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन ही 1.62 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं ने परीक्षा नहीं दी।
- उत्तर प्रदेश में गुरूवार को सुबह हाईस्कूल हिन्दी के पेपर में 1,29,091 परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ी।
- वहीं इंटरमीडिएट सैन्य विज्ञान प्रथम पेपर में 292 और हिन्दी की परीक्षा में 33,062 ने परीक्षा छोड़ दी।
पूरा साल होगा बर्बाद
- यूपी बोर्ड की परीक्षा में हिन्दी एक अनिवार्य विषय है।
- हिन्दी में फेल या अनुपस्थित होने वाले छात्रों का पूरा साल बर्बाद होगा।
- नियमावली के अनुसार अन्य विषयों में पास होने पर भी हिन्दी में फेल छात्र पास नहीं माने जाएंगे।
- बता दें कि साल 2016 में लगभग 7.42 लाख परीक्षार्थियों ने हिन्दी का पेपर छोड़ दिया था।
परीक्षा छोड़ने के कई कारण
- यूपी बोर्ड के पहले दिन ही परीक्षा छोड़ने के कई कारण बताए जा रहे है।
- जानकारों का कहना है कि नकल पर कड़ाई के बाद कई छात्र-छात्राओं से परीक्षा छोड़ दी।
- वहीं प्रदेश भर में कई स्कूल और विद्यालयों में प्रवेश पत्र न मिलने के मामले भी सामने आए,
- इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य और अन्य व्यक्तिगत कारण भी परीक्षा छोड़ने के कारण हैं।