पिछली मायावती सरकार से अखिलेश सरकार में महिला अपराधों में दो गुनी बढ़ोत्तरी हुई है। यह हम नहीं बल्कि एक आरटीआई एक्टिविस्ट द्वारा उप्र राज्य महिला आयोग से मांगी गई सूचना में खुलासा हुआ है।
90 प्रतिदिन का पहुंचा महिला उत्पीडन का मामला
- उर्वशी ने बताया कि इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि मायाराज के समय की मासिक महिला उत्पीड़न की दर 1362 थी जो अखिलेश के समय बढ़कर दो गुनी अर्थात 2715 हो गयी है।
- यानी मायावती के समय यूपी में 45 महिलाओं का उत्पीड़न हो रहा था जो अखिलेश के समय बढ़कर 90 प्रतिदिन हो गया है।
- पिछली बसपा और सपा सरकार को महिला अपराध पर घेरते हुए उर्वशी सवाल उठाती हैं।
- कि क्या उस सूबे को महिलाओं के लिए सुरक्षित माना जा सकता है।
- जहां प्रति 15 मिनट पर 1 महिला का उत्पीड़न हो रहा हो?
- समाजसेविका उर्वशी ने विधानसभा चुनाव 2017 लड़ रहे सभी राजनैतिक दलों और राजनेताओं से महिला अपराधों के मामलों में खोखले वादे न करने और इस गंभीर मुद्दे पर संजीदा होकर संवेदनशील रवैया अपनाने की अपील भी की है।
- सामाजिक कार्यकर्ता का कहना है कि यह आंकड़े बता रहे हैं कि अखिलेश यादव के कार्यकाल में यूपी में महिला उत्पीड़न के मामले पूर्ववर्ती मायावती के कार्यकाल के मुकाबले दोगुने हो गये हैं।
- बकौल उर्वशी कोई महिला पुलिस, प्रशासन से निराश होने पर ही अपनी शिकायत लेकर महिला आयोग का दरवाजा खटखटाती है।