उत्तरप्रदेश की राजधानी व नवाबों का शहर के नाम से जाना जाने वाला शहर लखनऊ अपने आप में खूबसूरती की मिसाल है. यहाँ की रिहाइश में जितनी आधुनिकता दिखाई पड़ती है, उतनी ही पुरातन वास्तु-कला भी यहाँ बखूबी खूबसूरती की चादर ओढ़े है. आज के समय में लखनऊ जितना खूबसूरत दिखाई पड़ता है, उतना ही खूबसूरत यह तब भी था जब यहाँ नवाबों का राज हुआ करता था, आइये जानते हैं कि पुराने समय में आपका शहर कैसा दिखा करता था.
जानें लखनऊ की खासियतें :
- इतिहास की बात करें तो लखनऊ का निर्माण कुशल गुप्त द्वारा कराया गया था.
- जिसके बाद लखनऊ पहले दिल्ली सल्तनत के पास रहा करता था,
- या यूं कहें कि लखनऊ पर पहले मुग़लों द्वारा हुकूमत की जाती थी.
- जिसे बाद में अवध के नवाबों को राज करने के लिए सौंप दिया गया था.
- बाद में अंग्रेज़ी हुकूमत ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा इसे जीत लिया गया था.
- जिसे बाद में सन 1987 में ब्रिटिश राज को सौंप दिया गया था.
- भारत के राज्य का शहर होने के तहत इसे भी 15 अगस्त 1947 को आज़ादी मिली थी.
- आपको जानकार हैरानी होगी कि लखनऊ विश्व का 74वाँ सबसे तेज़ विकसित होने वाला शहर है.
- बता दें कि लखनऊ उत्तरप्रदेश का करीब 2,528 स्क्वायर किलोमीटर का हिस्सा लिए हुए है.
- राजधानी दिल्ली के बाद पूरे उत्तर, पूर्व व केंद्र भारत में लखनऊ ही दूसरा सबसे बड़ा शहर है.
- आपको बता दें कि लखनऊ हमेशा से ही अनेकता में एकता की मिसाल रहा है.
- यहाँ जितने प्रेम से मुसलमान, नवाब या कोई और समुदाय रहता है,
- उतने ही प्यार से हिंदू समुदाय भी इस शहर का अभिन्न अंग बना हुआ है.
पुराने समय में लखनऊ का नज़ारा :
तुर्की दरवाज़ा(1880)
लखनऊ की चित्रमाला(1858)
बड़ा इमामबाड़ा(1870)
हुस्सैनाबाद इमामबारा/छोटा इमामबारा(1860)
केसर पसंद महल-केसरबाग(1870)
लाखी गेट-केसरबाग(1880)
बैले गार्ड गेट(1890)ला मार्टिनियर कॉलेज(1880)
सादत अली खान का मकबरा(1870)
सिकंदरबाग़(1857)
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