पूर्व सरकार में जिस एम्बुलेंस को मरीजों की सेवा के लिए लगाया गया था उसमें तेल तक नहीं है. ताजा मामला सहारनपुर का है.

प्रसव पीड़ित महिला तड़पती रही:

सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा लेकिन यूपी में स्वास्थ्य सेवाओं का यही हाल है. एम्बुलेंस में तेल नहीं होता है. कहीं हॉस्पिटल में भर्ती करने के एवज में मरीज से रूपये मांगे जाते हैं. नवजात शिशु हॉस्पिटल के गेट पर दम तोड़ने को मजबूर है.

सहारनपुर में मामला आया सामने:

  • एक गर्भवती महिला को सीएचसी गँगहो से जिला हॉस्पिटल रेफ़र किया गया था.
  • इसके लिए एम्बुलेंस 108-102 को कॉल किया गया.
  • लेकिन एम्बुलेंस के ड्राईवर ने आने से मना कर दिया.
  • उसने कहा कि एम्बुलेंस में तेल नहीं है.
  • प्रसव पीड़ा से महिला घंटों कराहती रही.
  • लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई.
  • बाद में किसी प्रकार परिजनों ने प्राइवेट एम्बुलेंस के जरिये महिला को जिला अस्पताल पहुँचाया.

इलाज के अभाव में अस्पताल के गेट पर नवजात ने तोड़ा दम!

उन्नाव में भी अस्पताल की लापरवाही ने लि बच्चे की जान

  • एक और मामला आज उन्नाव में सामने आया था.
  • प्रसव पीड़ित महिला को हॉस्पिटल में भर्ती करने के बदले स्टाफ नर्स ने 500 रूपये की मांग की थी.
  • महिला ने हॉस्पिटल के गेट पर ही बच्चे को जन्म दिया था.
  • बच्चे की इलाज के अभाव में गेट पर ही मौत हो गई थी.
  • महिला और साथ में आये परिजनों ने हॉस्पिटल में हंगामा किया.
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