मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे’ का उन्नाव के बांगरमऊ में उद्घाटन कर अपने पिता मुलायम सिंह यादव को जन्मदिन का तोहफा देकर किया। उद्घाटन के दौरान उनके स्वागत के रूप में भारतीय वायु सेना के 11 लड़ाकू विमान (सुखोई और मेराज 2000) नवनिर्मित सड़क को छूकर उड़ान भर गए। अपनी 26 महीने की समय सीमा से पहले एक्सप्रेसवे के तेजी से पूरा करने के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में विशेष एयर शो की योजना बनाई गई थी। इन विमानों ने एक के बाद लैंड और टेकऑफ किया साथ ही तिरंगे रंग का धुंआ छोड़कर जलवा बिखेरा।
302 किमी लंबा है एक्सप्रेस-वे
- आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे एक्सप्रेस-वे उन्नाव, कानपुर, हरदोई, औरैया, मैनपुरी, कन्नौज, इटावा और फिरोजाबाद से आगरा को जोड़ेगा।
- यह 13 हजार 200 करोड़ की लागत से बना है।
- सड़क की कुल लंबाई 302 किलोमीटर और चौड़ाई 110 मीटर है।
- एक्सप्रेस-वे के रास्ते में गंगा समेत पांच नदियां भी पड़ेंगी।
- इन्हें पार करने के लिए एक्सप्रेस-वे पर 13 बड़े और 52 छोटे पुल और चार आरओबी बने हैं।
- सड़क पर आवाजाही में कोई रुकावट न हो इसका विशेष ध्यान रखते हुए 132 फुट ओवरब्रिज और गांव व कस्बों की सुविधा के लिए 59 अंडरपास दिए गए हैं।
- इसमें 3 किलोमीटर की दूरी में ऐसी सड़क का निर्माण किया गया है जो विमान लैंडिंग के मानक पूरे करता है।
ड्रीम प्रोजेक्ट तय समय से पहले हुआ पूरा
- आगरा-एक्सप्रेस वे 26 माह की तय सीमा से पहले बनकर तैयार हो गया है।
- पिछले दिनों मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने खुद इस मार्ग मार्ग पर गाड़ी चलाकर देखा देखा था।
- तय सीमा से पहले एक्सप्रेसवे के तेजी से पूरा करने के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में विशेष एयर शो की योजना बनाई गई थी।
- एक्सप्रेस पर आपात स्थिति या युद्ध के मामले में भारतीय वायुसेना एक हवाई पट्टी के रूप में सड़क का उपयोग करते हुए अपने लड़ाकू विमान को भूमि पर उतारा गया था।
- हलाकि इन विमानों ने टच एंड फ्लाई किया।
दो शहरों के बीच दूरी होगी कम
- ‘आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे’ के उद्घाटन के बाद दो शहरों के बीच की दूरी तय करने में लगने वाला समय कम हो जायेगा।
- यह रोड देश में सबसे बड़ा है।
- इसके शुरू होने के बाद दो शहरों के बीच दूरी तय करने में लगने वाले 8 घंटे के समय से घटकर 4 घंटे रह जायेगा।
17 प्रतिष्ठित कंपनियां कर रहीं काम
- ‘आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे’ में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ यातायात मैनेजमैट प्रणाली का प्रयोग किया गया है।
- सड़क पर कम से कम हादसे हों इसके लिए एलएंडटी, मैट्रिक्स सुरक्षा के साथ 17 प्रतिष्ठित कंपनियों को लगाया गया है।
- विश्व स्तर पर अग्रिम यातायात प्रबंधन प्रणाली की सुविधा, UPEIDA (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) इससे पहले इस विषय पर मीटिंग कर चुका है।