एसटीएफ उप्र को उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूूपीएसएसएससी) द्वारा आयोजित नलकूप चालक की परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह के 11 सदस्यो को थाना क्षेत्र सदरबाजाबर मेरठ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई है। गिरफ्तार अभियुक्तगणों के विरूद्व थाना-सदर बाजर जनपद-मेरठ में मु.अ.सं. 445/2018 धारा 420/465/467/468 भा.द.वि. का अभियोग पंजीकृत करा कर अग्रिम विधिक कार्यवाही स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही है। अभियुक्तों के कब्जे से 3 हस्तलिखित आन्सर शीट, 5 एडमिट कार्ड, 13 मोबाइल फोन, 14,80000 रुपये नगद और एक बुलैेरो गाडी नंबर यूपी-11 बीसी-6741 (सफेद रंग) बरामद हुई है।
एसटीएफ उत्तर प्रदेश को यूूपी एसएसएससी द्वारा आयोजित नलकूप चालक की परीक्षा का पेपर लीक करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचनायें प्राप्त हो रही थीं। इस सम्बन्ध में अभिषेक सिंह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ उप्र लखनऊ द्वारा एसटीएफ फील्ड यूनिट मेरठ को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया था। इसी क्रम में बृजेश कुमार सिंह, पुलिस उपाधीक्षक के नेतृत्व में एसटीएफ फील्ड इकाई, मेरठ में टीमे गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया।
अभिसूचना संकलन एवं विश्वस्त सूत्रों के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि छात्रों से मोटी रकम लेकर यूूपी एसएसएससी द्वारा आयोजित नलकूप चालक की परीक्षा का पेपर लीक कर गिरोह के कई सदस्य सक्रिय हैं जो अवैधानिक तरीके से प्रश्नपत्र आउट कराकर छात्रों को अनुचित लाभ पहॅुचाया जा रहा है। इस सूचना पर एसटीएफ मेरठ टीम द्वारा प्राप्त सूचनाओं को विकसित किया गया तथा गिरोह के सक्रिय सदस्यों को चिन्हित कर रविवार को मुखबिर की सूचना पर कैण्ट रेलवे स्टेशन के पास उमराव एनक्लेव के पास पहुंचे। खड़े थ्रीव्हीलर की आड़ में देखा तो मुखबिर ने इशारे से बताया कि रैलिंग के पीछे पार्क में जो व्यक्ति बैठे है इन्ही के द्वारा टयूबवैल आॅपरेटर की परीक्षा का प्रश्नपत्र आउट कराकर कर परीक्षा की तैयारी की जा रही है। इस सूचना पर विश्वास करते हुए सचिन सहित 10 अन्य व्यक्तियों को गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्त सचिन ने संक्षिप्त पूछताछ में बताया कि वह प्राथमिक विद्यालय, जनपद अमरोहा में अध्यापक है। वह विगत 2 वर्षो से आयोजित होने वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पेपर आउट कराकर अभ्यार्थियों को भर्ती कराता आ रहा है। 2 सितंबर 2018 को आयोजित होने वाली टयूबवैल आॅपरेटर की परीक्षा में मैं प्रत्येक अभ्यार्थी से भर्ती होने से पहले 3-3 लाख रूपयें तथा भर्ती होने के बाद प्रत्येक अभ्यार्थी से 3 से 4 लाख रूपये लेता था। इस प्रकार प्रति अभ्यर्थी से 6 से 7 लाख रूपये की डील होती थी। मैने सभी अभ्यार्थियों को पेपर आउट होने के बाद उनके आन्सर की (प्रश्नपत्र के उत्तर) देने के लिए मेरठ कैण्ट बुलाया था, जहाँ पर आप लोगो ने हमे गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण
1- सचिन पुत्र परमजीत सिंह नि. एन-123,गंगानगर, मेरठ। मूल नि0 ग्राम एतमांदपुर थाना किला परिक्षितगढ। (सरगना)
2- अंकित पाल पुत्र कालूपाल नि. रिठानी, थाना परतापुर, मेरठ। (परीक्षार्थी)
3- दीपक पुत्र वीर सिंह नि. जवाहरनगर, कस्बा व थाना गजरौला, अमरोहा। (परीक्षार्थी)
4- सुरेन्द्र सिंह पुत्र रामरोहताश सिंह नि. दरियापुर बुजुर्ग, थाना गजरौला, अमरोहा। (परीक्षार्थी)
5- प्रदीप पुत्र वीर सिंह नि. जवाहरनगर, कस्बा व थाना गजरौला, अमरोहा। (परीक्षार्थी)
6- कपिल पुत्र खडग सिंह, नि. तोफापुर थाना इंचैली, मेरठ। (परीक्षार्थी)
7- शुभम कुमार पुत्र प्रीतिपाल सिंह नि. ग्राम मानक चैक, थाना गढमुक्तेश्वर, हापुड।
8- सुमित शर्मा पुत्र वेदप्रकाश शर्मा नि. पावटी, थाना गढमुक्तेश्वर, हापुड।
9- परमीत सिंह पुत्र अमरीत सिंह नि. एतमादपुर थाना किला परीक्षितगढ, मेरठ।
10- लोकेश पुत्र जगदीश नि. कुराली थाना नकुड़, जनपद सहारनपुर।
11- गौरव कुमार पुत्र बच्चू सिंह नि. पावटी थाना गढमुक्तेश्वर, हापुड़।
बता दें कि नलकूप चालक भर्ती परीक्षा का विज्ञापन साल 2016 में जारी हुआ था। आयोग ने परीक्षा संपन्न कराने की पूरी तैयारी कर ली थी। लखनऊ, कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, गोरखपुर, मेरठ, आगरा और बरेली में पर्यवेक्षक भी भेजे जा चुके थे। पहले इसमें स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद साक्षात्कार के जरिये चयन होना था, लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इसकी प्रक्रिया रोक दी गई थी। इसके लिए आगरा में 37 केंद्र (17731 परीक्षार्थी), बरेली में 22 केंद्र (10908 परीक्षार्थी), इलाहाबाद में 26 केंद्र (12636 परीक्षार्थी), गोरखपुर में 22 केंद्र (12272 परीक्षार्थी), कानपुर नगर में 64 केंद्र (31530 परीक्षार्थी), वाराणसी में 69 केंद्र (42349 परीक्षार्थी), लखनऊ में 120 केंद्र (60743 परीक्षार्थी) और मेरठ में 34 केंद्र (17207 परीक्षार्थी) केंद्र बनाए गए थे।
वहीं कानपुर में परीक्षा देने के लिए शनिवार देर रात सेंट्रल स्टेशन पहुंचे अभ्यर्थियों को जैसे ही मालूम पड़ा कि परीक्षा स्थगित हो गई है, उन्होंने हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी। नलकूप चालक परीक्षा 3210 पदों के लिए प्रदेश के आठ जिलों में आयोजित होनी थी। इसके लिए दो लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था।आयोग के अध्यक्ष सीबी पालीवाल ने बताया कि परीक्षा को निरस्त कर दिया गया है। इसकी जांच करायी जा रही है कि पेपर कैसे आउट हुआ। जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कड़े कदम उठाये जाएंगे।
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