उत्तर प्रदेश के कानपुर की जलपरी कहलाने वाली श्रद्धा शुक्ला एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाने के लिए उफान मारती गंगा में छलांग लगा चुकी है। भारत माता और गंगा मइया के जयघोष के बीच रविवार सुबह 11 साल श्रद्धा शुक्ला  कानपुर के मैसेकर घाट से वाराणसी के लिए रवाना हो गई। मैसेकर घाट से वाराणसी तक की 570 किलोमीटर की दूरी वह मात्र 70 घंटे में तैरकर पूरी करेंगी।

  • श्रद्धा शुक्ला  को कानपुर के लोग जलपरी के नाम से जानते हैं।
  • एमएलसी राजपाल कश्यप ने कानपुर में तिरंगा झंडा दिखाकर श्रद्धा को गंगा के सफर पर रवाना किया।
  • 500 किलोमीटर से अधिक की दूरी श्रद्धा 10 दिनों में तय करेंगी।
  • श्रद्धा ने कल 80 किलोमीटर की दूरी तय की और उन्नाव से बक्सर तक पहुंच चुकीं हैं।
  • मालूम हो कि श्रद्धा चार साल की उम्र से गंगा में गोते लगा रही है।
  • श्रद्धा हर साल अपनी क्षमता से सरकारी व्यवस्था को आइना दिखाती हैं।
  • अपनी क्षमता के आकलन के लिए श्रद्धा गंगा की उफनाती लहरों के बीच छलांग लगाती है।
  • श्रद्धा को यह जाबांजी अपने पिता और बाबा से विरासत में मिली है।
  • श्रद्धा का सपना है कि वह ओलम्पिक में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत कर लाये।

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प्रसाशन ने किये सुरक्षा के इंतजामः

  • बारिश के कारण उफनाई गंगा में तैराकी कर रही जलपरी को प्रशासन पूरी सुरक्षा दे रहा है।
  • इस दौरान गंगा में दो नावें उसके पीछे चल रही हैं।
  • इसमें चार नाव चालक, छह लाइफ गार्ड और खाने-पीने का सामान है।
  • श्रद्धा के साथ आठ गोताखोर, दो शूटरों की टीम भी चल रही है।
  • गंगा में किसी खतरनाक जलीय जीव से श्रद्धा को बचाने के लिए शूटरों की व्यवस्था की गई है।
  • उसके स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए डॉ. सुभाष को भी टीम में शामिल किया गया हैं।
  • किसी भी खतरे के समय श्रद्धा को पूरी मदद की जाएगी।

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