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धूमधाम से मनी पं कमलापति की 113वी जयंती, पत्रकार वाजपेयी हुए सम्मानित

पंडित कमलापति त्रिपाठी की 113वीं जयंती शुक्रवार को कबीर चौरा स्थित नागरी नाटक मंडली सभागार में धूमधाम से मनायी गयी। इस मौके पर आयोजित ‘राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार‘ समारोह में पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन वाराणसी की तरफ से टीवी न्यूज चैनल एंकर पूण्य प्रसून वाजपेयी को सम्मानित किया गया साथ ही एक लाख रुपये का चेक और स्मृति चिन्ह भी दिया गया।

समापन राष्ट्रगान से हुआ:

इसके अलावा पंडित राजेशपति त्रिपाठी जी द्वारा लिखे ग्रंथ ‘पंडित कमलापति त्रिपाठी बहुयामी व्यक्तित्व लघु पुस्तिका’ का विमोचन भी किया गया।

कार्यक्रम शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन और पं कमलापति त्रिपाठी, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, श्रीमती इन्दिरा गांधी जी के चित्र पर माल्यार्पण एवं समापन राष्ट्रगान से हुआ।

सच परोसना ही पत्रकारिता:

इस मौके पर पूण्य प्रसून वाजपेयी ने कहा कि तथ्यों के साथ सच परोसना ही पत्रकारिता है।

आज तकनीक के विस्तार को पत्रकारिता समझा जा रहा है लेकिन यह एक माध्यम है, पत्रकारिता नहीं है।

उन्होंने कहा कि देश के हालात बहुत अच्छे नहीं हैं।

तकनीकि की ताकत के सहारे बढ़े कॉर्पोरेट पूंजीवाद ने राजनीति, सत्ता संस्थानों और मीडिया ही नहीं देश के संवौधानिक लोकतंत्र पर जिस तरह शिकंजा कसता जा रहा है, वह इस दौर की सबसे गंभीर चुनौती है।

प्रशासनिक सिस्टम गड़बड़ हो गया:

उन्होंने कहा आज नौकरशाही स्वयंसेवक बनती जा रही है और स्वयंसेवक मीडिया और विपक्ष सुविधाभोगी कार्यशैली के बीच कुंठित है।

आज 70 साल बाद भी हम तनाव में जी रहे हैं, यह चिंताजनक है।

साल 1970 तक भारत चाइना से चार गुना उत्पादन करता था, आज चाइना हर क्षेत्र में भारत से पांच गुना उत्पादन कर रहा है। इससे साफ है कि उत्पादन में हम ढ़हती अर्थव्यवस्था को अंजाम तक नहीं पहुंचा पा रहे।

भारत की अर्थव्यवस्था बेपटरी हो चली है।

वाजपेयी ने कहा कि प्रशासनिक सिस्टम गड़बड़ हो गया है।

इस चरमराती व्यवस्था में आपकों ही तय करना है हम जिंदा है या मुर्दा लाश बनकर जी रहे हैं।

गंगा साफ़ हुई या नहीं आपसे भला कौन जानता है:

बनारस में गंगा स्वच्छ हुई या नहीं आप से बेहतर भला कौन जान सकता है, लेकिन इतना तो तय है कि मोदी ने बनारस की ज्ञान पर ब्रेक लगा दिया है।

हायर एजेुकेशन का बजट 46 हजार करोड़ है, लेकिन यह खर्च कहा हो रहा है इसका कोई लेखा-जोखा नहीं है।

पहले की तुलना में भारत आने वाले विदेशी छात्रों की संख्या भी घटी है।

कहा जा सकता है सरकार शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही है।

दिल्ली में ढाई हजार पत्रकार बेरोजगार होकर नेताओं की प्रोफाइल सोशल मीडिया के लिए बना रहे है।

यह जानते हुए कि नेता भ्रष्ट है। हमारी जरुरत है कि जब थाने में पुलिस वाला बैठा हो तो वह हमारी रपट लिखें, लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है।

अयोध्या के नाम पर हो रही ठगी:

न्यूज चैनलों का हाल यह है कि वे 2000 करोड़ के कारोबार नहीं, बल्कि उनकी निगाह 30,000 करोड़ पर लगी है.

जिसे वे विज्ञापन के जरिए हासिल कर रहे हैं।

हाल यह है कि अब तो चैनल वाले ही विज्ञापन बनाकर पैसा कमा रहे है।

कल तक यह छिपकर होता था अब अलानिया सबकुछ हो रहा है।

कहा, आज हम लुभावने नारों के दलदल में फंसते जा रहे हैं।

अयोध्या के नाम पर ठगी हो रही है।

 

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]वाजपेयी ने पंडित जी को याद करते हुए बताया कि नेहरु भी उनके मुरीद थे।[/penci_blockquote]

पंडित जी को किया याद:

उन्होंने पं. नेहरू के विरुद्ध हिन्दी के पक्ष में मतदान किया था।
पूर्व सांसद राजेश मिश्र ने युवाओं को समाज की बेहतरी के लिए उनके आदर्शो को अपनाने की सलाह दी।

पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश चैबे ने महाविद्वालयों में जाकर छात्र-छात्राओं को पंडित जी के जीवन से प्रेरणा लेने की बात कहीं।

प्रोफेसर सतीश राय ने कहा कि पं कमलापति त्रिपाठी एक सिद्धान्तनिष्ठ राजनेता और मूल रूप से निर्भीक, स्वतंत्र एवं ईमानदार पत्रकार और सम्पादक थे।

उनमें मानवीय संवेदना और सिद्धान्तनिष्ठा की दृढ़ता निहित थी।

वह एक उसूलपसन्द इन्सान थे। जिन्होने राजनीतिक प्रशासक के रूप में बुनियादी सिद्धान्तों से कभी समझौता नहीं किया।

वह गांधी की परम्परा के पत्रकार और राजनीतिज्ञ थे, जिसने आजादी से पहले और आजादी के बाद भी संघर्षों की मिसाल कायम की।

पंडित कमलापति त्रिपाठी फाउंडेशन के अध्यक्ष राजेशपति त्रिपाठी ने लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि हमारा परिवार 90 साल से कांग्रेस से जुड़ा है।

धर्मनिरपेक्षता का झंडा हम ऐसे ही बुलंद रखेंगे। पंडित जी कृतिजीवि पत्रकार थे।

पंडित जी राष्ट्र सेवा और पत्रकारिता के वक्ति उपज थे।

निर्भीक पत्रकार होते है सम्मानित:

बता दें पं.कमलापति त्रिपाठी जयंती समारोह का साढ़े चार दशक पुराना परम्परागत कार्यक्रम है।

इसे हर साल आयोजित किया जाता है।

पं. कमलापति त्रिपाठी फाउण्डेशन द्वारा आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में निर्भीक एवं स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रतिमानों को राष्ट्रीय पत्रकारिता पुरस्कार से अलंकृत किया जाता है।

कार्यक्रम की शोभा कई लोगों ने बढ़ाई:

इस मौके पर राजेशपति त्रिपाठी के अलावा पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, सीनियर लीडर अजय राय, कांग्रेस सचिव राणा गोस्वामी, पूर्व जिलाध्यक्ष सतीश चैब, ललितेश त्रिपाठी, डा क्षेमेन्द्र त्रिपाठी, प्रो एमएम वर्मा, विजय शंकर पांडेय, काशी पत्रकार संघ अध्यक्ष सुभाष सिंह, अत्रि भरद्वाज, राजबहादुर, शालिनी यादव, प्रजानाथ शर्मा, सीताराम केशरी व गौरव कपूर ने भी पंडित जी के जीवन को अनुकरणीय बताया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता लखनए विश्व विद्यालय के प्रोफेसर रमेश दीक्षित व संचालन सतीश राय ने किया। इसके बाद बैजनाथ सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।

वाराणसी से विवेक पाण्डेय की रिपोर्ट

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