मुजफ्फरनगर जिले में श्रम विभाग और एएचटीयू द्वारा चलाये जा रहे बाल श्रमिक अभियान के तहत 12 बाल मजदूरों को पकड़ा गया हैं. जिन्हें चिकित्सा जांच के बाद स्कूलों में दाखिला दिलाया जायेगा.
20 जून से 7 जुलाई तक चाइल्ड लेबर अभियान:
बच्चों का बचपन खेल और पढ़ाई के इर्द-गिर्द घूमता है पर इससे इतर गरीब बच्चों पर छोटी से उम्र में ही बड़ी जिम्मेदारी उन्हें बाल मजदुर बना देती हैं. सरकार इसके खिलाफ सख्त कदम उठा रही हैं और गरीब बच्चों की शिक्षा के अधिकार की जिम्मेदारी तक उठा रही हैं. लेकिन ये तो हमारा समाज हैं जो इन मासूम बच्चों को इनके अधिकारों और सरकार की इनके लिए बनाई योजनाओं को इनसे ही दूर रखता हैं. और बच्चों को बाल मजदूरी करने के लिए मजबूर करता है.
ऐसा ही एक मामला मुजफ्फरनगर का है, जहाँ समय-समय पर श्रम विभाग विभिन्न संस्थानों पर छापे मार कर बाल श्रम को रोकने का प्रयास करता रहता है।
लगेगा संस्थानों पर जुर्माना:
इसी के चलते प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे एक अभियान के अंतर्गत 12 बाल श्रमिकों को पकड़ा गया है. प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में 20 जून से 7 जुलाई तक चाइल्ड लेबर अभियान चलाया जा रहा हैं.
ये अभियान श्रम विभाग और एएचटीयू (एंटी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट) की टीम मिल कर चला रही है. इसी के अंतर्गत आज की कार्यवाही करते हुए मीनाक्षी चौक और भोपा रोड पर स्थित ढाबो और विभिन्न संस्थानों पर काम कर रहे 12 बाल श्रमिकों को पकड़ा गया. जिसके बाद इन्हें जिला चिकित्सालय में लाकर उनका मेडिकल कराया गया।
मेडिकल कराने के बाद श्रम विभाग और बेसिक शिक्षा विभाग इन बच्चों का एडमिशन करा कर इनको अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराएगा. वहीं ये बाल श्रमिक जिन संस्थानों पर कार्य कर रहे थे, जहाँ से इन बच्चों को पकड़ा गया है, उन पर मोटा जुर्माना लगा कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।