उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही से पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की टेबल के नीचे से विस्फोटक पदार्थ PETN मिला था। शुक्रवार 14 जुलाई को मानसून सत्र के चौथे दिन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन के संबोधन में विस्फोटक मिलने की बात कही थी। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की जांच NIA से कराने की बात भी कही। जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने मुख्यमंत्री योगी के अनुरोध पर सदन की सुरक्षा के लिए 12 महत्वपूर्ण निर्देश(12 safety instructions) जारी किये।
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सदन की सुरक्षा के लिए जारी किये गए निर्देश:
इन 12 निर्देशों के आधार पर होगी सुरक्षा(12 safety instructions):
- विधानभवन गेट पर सुरक्षा और कड़ी की जाएगी।
- ATS को औपचारिक रूप से अनुमति दी गई है।
- विधानसभा के सभी गेटों पर पीएसी की QRT ड्यूटी लगेगी
- बैगेज का स्कैनर लगाया जाएगा।
- विधायकों के केवल एक ही पास होंगे।
- विधायकों को केवल एक गाड़ी की पार्किंग होगी।
- विधान सभा में एटीएस को प्रवेश दिया जाएगा।
- सदन के हर कर्मी का वेरिफिकेशन होगा।
- पुरानी गाड़ियों के पास रद्द होंगे।
- 6 संवेदनशील स्थानों पर होल बॉडी स्कैनर लगाया जायेगा।
- पुलिस और विधानसभा की आंतरिक सुरक्षा के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जायेगा।
- विधायकों के साथ उसी व्यक्ति को प्रवेश मिलेगा जिसका पास बना होगा।
आईबी ने NSA को सौंपी असेंबली की रिपोर्ट(12 safety instructions):
- यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद NSA ने आईबी को तलब किया था।
- जिसके बाद आईबी ने मामले में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
- IB की रिपोर्ट में विधानसभा के मार्शल, स्टाफ और विधायकों पर शक की बात कही गयी है।
बिना मिलीभगत के साथ नहीं जा सकता विस्फोटक(12 safety instructions):
- विधानसभा में PETN मिलने के मामले की रिपोर्ट IB ने NSA को सौंप दी है।
- रिपोर्ट में किसी अंदरूनी व्यक्ति के आतंकियों के साथ मिले होने की सम्भावना जताई जा रही है।
- IB के अनुसार, बिना किसी मिलीभगत के विस्फोटक को अन्दर नहीं पहुँचाया जा सकता है।
- साथ ही रिपोर्ट में आतंकवादी संगठन से भी मिलीभगत होने का शक किया गया है।
आईबी ने जताई रिपोर्ट में अपनी आशंका(12 safety instructions):
- विधानसभा में विस्फोटक मामले में IB अपनी NSA को सौंप चुकी है।
- रिपोर्ट में आईबी ने दो आशंकाएं जताई हैं।
- आईबी के अनुसार, यह कोशिश सरकार को बदनाम करने की हो सकती है।
- साथ ही आईबी यह भी मानती है कि, यह विस्फोट से पहले का ट्रायल भी हो सकता है।
कैसे पहुंचा होगा विस्फोटक(12 safety instructions):
- विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं।
- मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी खड़े रहते हैं।
- लेकिन हैरानी की बात ये है कि मल्टी लेयर सुरक्षा घेरे को तोड़कर कोई विस्फोटक लेकर कैसे पहुँच गया?
- वहीँ इस पूरे घटनाक्रम में साजिश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
- इस प्रकार की वारदात के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
- विस्फोटक नीले रंग के पॉलीथीन में रखा गया था।
- जब राजधानी स्थित विधानसभा सुरक्षित नहीं है तो पूरे प्रदेश में सुरक्षा के प्रबंध कैसे होंगे?
- ATS को इस मामले में जाँच के आदेश दिए गए हैं।
- 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में PETN का इस्तेमाल किया गया था।
- ये एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको X-रे मशीन भी नहीं पकड़ पाती है।
- ये छोटी से छोटी मात्रा में बढ़ा धमाका कर सकता है।
- वहीँ ये भी बात सामने आई है कि सदन के भीतर जाने वालों की तलाशी नहीं होती है।
- ऐसे में सुरक्षा में हुई इस चूक की जवाबदेही किसकी होगी?
ये भी पढ़ें: राजधानी में डेंगू के 40, चिकनगुनिया के 50 नए मरीज!
UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें